जैव-विविधता के संरक्षण से विश्व का कल्याण।

              



          


हिन्दुस्तान वार्ता।

हमारे जीवन में जैव-विविधता का काफी महत्व है। हमें एक ऐसे पर्यावरण का निर्माण करना है, जो जैव-  विविधता में समृद्ध, टिकाऊ और आर्थिक गतिविधियों के लिए हमें अवसर प्रदान कर सकें। जैव-विविधता  के कमी होने से प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, सूखा और तूफान ,पर्यावरण ग्लोबल वॉर्मिंग आदि का खतरा और अधिक बढ़ जाता  है अत: हमारे लिए जैव-विविधता का संरक्षण बहुत जरूरी है। 

 जैव-विविधता दिवस का उद्देश ।

लाखों विशिष्ट जैविक की कई प्रजातियों के रूप में पृथ्वी पर जीव उपस्थित है और हमारा जीवन प्रकृति  का अनुपम उपहार है। इसमें विशेष तौर पर वनों की सुरक्षा, संस्कृति, जीवन के कला शिल्प,  संगीत, वस्त्र-भोजन, औषधीय पौधों का महत्व आदि को प्रदर्शित करके जैव-विविधता के महत्व एवं उसके न होने पर होने वाले  खतरों के बारे में जागरूक करना है। 

 जैव-विविधता दिवस इतिहास ।

प्राकृतिक एवं पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में जैव-विविधता का महत्व देखते हुए ही जैव-विविधता  दिवस को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। नैरोबी में 29 दिसंबर 1992 को हुए जैव-विविधता सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया था, किंतु कई  देशों द्वारा व्यावहारिक कठिनाइयां जाहिर करने के कारण इस दिन को 29 मई की बजाय 22 मई को  मनाने का निर्णय लिया गया।विश्व के समृद्धतम जैव विविधता वाले 17 देशों में भारत भी सम्मिलित है, जिनमें विश्व की लगभग 70 प्रतिशत जैव विविधता विद्यमान है। विश्व के कुल 25 जैव विविधता के सक्रिय केन्द्रों में से दो क्षेत्र पूर्वी हिमालय और पश्चिमी घाट, भारत में है। 

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस कैसे मनाया जाता है ।

जैव विविधता के महत्व को और भविष्य के लिए यह क्या भूमिका रखता है इसको समझाने के लिए दुनिया भर के लोगों के बीच विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जाते हैं |जैव विविधता पर कन्वेंशन का सचिवालय हर साल उन समारोह का आयोजन करता है जो संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम का हिस्सा बनते हैं |कई राष्ट्र की सरकारी और गैर सरकारी संगठन भी समारोह में भाग लेते हैं स्कूल कॉलेज, विश्वविद्यालय ,समाचार पत्र, वीडियो, टेलीविजन के माध्यम से जैव विविधता पर बहुत सारी जानकारियां का व्याख्यान की जाती हैं |पर्यावरण के मुद्दे पर भी फिल्में दिखाई जाती हैं |

जैव विविधता से परिपूर्ण आगरा।

आगरा का सूर सरोवर पंछी बिहार कीठम स्तिथि पंछियों का जैव विविधता से परिपूर्ण है।आगरा मंडल में अनेक क्षेत्र है जो जैव विविधता से परिपूर्ण है| यहाँ पर वन विभाग ,वाइल्ड लाइफ़ सदस्य व सामाजिक संस्थाएँ बहुत शिद्दत से संरक्षण का काम करते हैं|

**मानवीय कृत्य में लाना होगा सुधार।

प्राकृतिक और मानव की जीवन के बीच एक स्थाई संबंध है| अगर प्राकृतिक संतुलन नहीं होगा तो हम अपने भोजन और स्वास्थ्य के लिए विविध प्राकृतिक प्रणालियों पर प्राणियों निर्भर नही कर पाएँगे हैं| उसमें व्यवधान पड़ेगा और मनुष्य का जीवन अनेक प्रकार से कष्टकारी होगा |आज कोरोना महामारी विश्व को जैव विविधता की उपयोगिता किसी से नही छुपी हैं|

राजीव गुप्ता ,जनस्नेही कलम से 

लोक स्वर आगरा 

फोन नंबर 98370 97850

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