एमिटी विश्वविद्यालय में छात्रों को दी गई ‘‘समकालीन लेखा और कराधान में कौशल विकास’’ की जानकारी


हिन्दुस्तान वार्ता,नोयडा।

कोरोना के समय में छात्रों के अदंर विभिन्न कौशलों को विकसित करने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा आॅनलाइन वेबिनार और कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है जिसका उपयोग करके छात्र घर बैठे कोरोना से बचकर अपने कौशल और ज्ञान में वृद्वि कर रहे है। इसी क्रम में एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी काॅलेज आॅफ कामर्स एंड फाइनेंस द्वारा ‘‘ समकालीन लेखा और कराधान में कौशल विकास’’ विषय पर सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यशाला का शुभारंभ एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला, एमिटी काॅलेज आॅफ कामर्स एंड फाइनेंस की निदेशिका डा सुजाता खंडाई द्वारा किया गया। कार्यशाला के प्रथम दिन सर्टिफाइड लीड आॅडीटर और विशेषज्ञ डा एल आर एस मणि द्वारा छात्रों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई।


इस कार्यशाला का शुभारंभ एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला ने कहा कि पिछले काफी समय से कोरोना महामारी ने व्यापार और उद्यम अभ्यासों को प्रभावित किया है जिससे नये व्यापारिक माॅडल और अभ्यास विकसित हुए है। छात्रों को सरकारी नितियों और व्यापारिक माॅडल के कारण लेखा और कराधान के क्षेत्र में विकसित हुए अभ्यासों की जानकारी प्रदान करने के लिए सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया है। आज लेखा और कर के क्षेत्र में काफी कार्य आॅनलाइन किया जा रहा है जिसकी जानकारी होना आवश्यक है। उन्होने कहा कि इस कार्यशाला से छात्रों को अवश्य लाभ होगा।


एमिटी काॅलेज आॅफ कामर्स एंड फाइनेंस की निदेशिका डा सुजाता खंडाई ने कहा कि कार्यशाला का उददेश्य छात्रों को लेखा और कराधन के क्षेत्र की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए किया गया है। जीवन में विकास करने के लिए समय समय पर स्वंय को अपडेट रखना आवश्यक है इसलिए सदैव कुछ नया सीखें।


एमिटी काॅलेज आॅफ कामर्स एंड फाइनेंस द्वारा ‘‘ समकालीन लेखा और कराधान में कौशल विकास’’ विषय पर कार्यशाला में सर्टिफाइड लीड आॅडीटर और विशेषज्ञ डा एल आर एस मणि ने संबोधित करते हुए करते हुए कहा कि व्यापारिक शिक्षा का उददेश्य आपके कौशल के साथ रवैये को विकसित करना है। स्वंय के अदंर निर्णय लेने की क्षमता, सही निर्णय, मूल्यों को जोड़ने की क्षमता को विकसित करें। सीमीत सूचनाओं और अनिश्चित बाहरी पर्यावरण में कार्य करना होगा। उन्होनें छात्रों से कहा कि अनुक्रम के उददेश्य के अनुरूप आपको सर्वप्रथम कैरियर में प्रवेश करना होगा, संस्थान में सहयोग करना होगा, कार्य और निजी जीवन के मध्य संतुलन बनाना आवश्यक है, मान प्राप्त करना होगा और सबसे उपर आत्म अवलोकन करना चाहिए कि आप समाज को क्या दे सकते है। डा मणि ने कहा कि आज युवाओं के ढेर सारे अवसर उपलब्ध है, चुनौतीयां आपकी योग्यता की पहचान कराती है और उपस्थित अवसरों से मिलान भी कराती है। अपनी क्षमता को पहचना कर उसका उपयोग करें। उन्होनें छात्रों को रोजगार, उद्यमिता, उच्च शिक्षा में उपलब्ध अवसरों को बताया। कैरियर की योजना की आवश्यकता, आत्म विश्लेषण के जरीए योजना का निर्माण, संचार कौशल को विकसित करते हुए केपीओ, ई कामर्स, बीएफएसआई और डिजिटल ट्रांसफाॅरमेशन जैसे उभरते क्षेत्रों से जुड़ने की जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि आपके लिए उद्यमिता के अवसर उपलब्ध है। मार्केटिंग, विश्लेषण, वित्त, आदि क्षेत्रों में कार्य के अवसर उपलब्ध है। उन्होनंे छात्रों से कहा कि स्वंय के अदंर विश्लेषण की क्षमता, प्रस्तुती कौशल, संचार कौशल, स्वंय की मार्केटिंग, कभी हार ना माने का रवैया, समूह में कार्य करने का कौशल विकसित करें। जो व्यक्ति परिवर्तन के उपरांत भी स्वंय को परिवर्तीत नही करते वो बाहर वो जाते है, जो परिवर्तन के साथ स्वंय को परिवर्तीत करते है वो सफल होते है। जो परिवर्तन का कारक होते है वो नेतृत्व करते है।


कार्यशाला कें अंर्तगत छात्रो ंको विशेषज्ञ डा जगदीप सिंगला द्वारा जानकारी भी प्रदान की गई। । इस अवसर पर एमिटी काॅलेज आॅफ कामर्स एंड फाइनेंस के शिक्षकगण भी उपस्थित थे।

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