पत्रकारिता का संबंध लोकमंगल से नहीं है तो वह इश्तिहारबाजी है।तरूण विजय

 


हिन्दुस्तान वार्ता।

वरिष्ठ पत्रकार, पूर्व सांसद एवं पांचजन्य के पूर्व संपादक तरुण विजय का कहना है कि अगर पत्रकारिता का संबंध लोकमंगल से नहीं है तो वह इश्तिहारबाजी है। लोकमंगल के अलावा किसी अन्य कारण के लिए मीडिया का इस्तेमाल तो वे पम्पलेट (पत्रक) कहे जाएंगे। श्मशान पत्रकारिता और सेवा की पत्रकारिता में बहुत अंतर है। सेवा की पत्रकारिता का मतलब है कमियों को उजागर करते हुए लोकमंगलकारी भावना से अच्छे कार्य को प्रकाशित जाए। सकारात्मक बात न छापना, पत्रकारिता का मानक नहीं हो सकता है। सरकारी संरक्षण के बिना सरकार के विरुद्ध लिखने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें लोकमंगल है। ईसाई धर्मांतरण और कम्युनिस्ट भारत के सबसे बडे शत्रु हैं।

तरुण विजय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आगरा विभाग द्वारा प्रथम पत्रकार नारद जी की जयंती एवं हिन्दी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष में आयोजित वर्चुअल सभा को संबोधित कर रहे थे। विषय था- लोकमंगल की कामना और देवर्षि नारद। 

उन्होंने कहा- आपदा के समय या तो संघ के स्वयंसेवक या पत्रकार आगे होते हैं। लोकमंगल के कार्य में प्राण गंवाने वाले पत्रकारों को श्रद्धांजलि देते हुए पूछा कि लोकमंगल का अर्थ क्या है? आग लगी है और व्यक्ति जल रहा है, पत्रकार कैमरे के साथ पहुंचकर शूटिंग करने लगता है। उससे पूछा जाए कि क्या शूटिंग पहला काम है या व्यक्ति को बचाना। कई पत्रकार कहेंगे कि मेरा कार्य बचाना नहीं है। मेरा काम रिपोर्टिंग करना है। अध्यक्षता करते हुए डॉ. भानु प्रताप सिंह ने कहा कि केवल हिन्दू समाज ही लोकमंगल की कामना करता है। वसुधैव कुटुम्बकम, सर्वे भवन्तु सुखिनः की बात केवल हिन्दू ग्रंथों में है और कहीं नहीं। उन्होंने सवाल किया कि क्या लोकमंगल केवल मीडिया की जिम्मेदारी है? क्या सत्तासीन लोगों की कोई जिम्मेदारी नहीं है? कोरोना के कारण तमाम मीडिया संस्थान बंद हो रहे हैं, आर्थिक संकट है, संपादीकय विभाग को विज्ञापन विभाग नियंत्रित करने लगा है, फिर भी पत्रकार यथासंभव लोकमंगल करते रहते हैं। 

सभा में 318 लोगों ने प्रतिभाग किया। संघ के पश्चिमी महानगर प्रचार प्रमुख विनीत शर्मा ने संचालन व भरत ने गीत प्रस्तुत किया। फतेहपुर सीकरी के राहुल ने धन्यवाद दिया। केसर सिंह ने अतिथियों का परिचय कराया। कार्यक्रम में मणि चड्ढा राजीव रहे संघ के विभाग प्रचार प्रमुख मनमोहन निरंकारी ने कार्यक्रम का संयोजन किया।