श्रीमद्भगवद्गीता के संदर्भ में कुछ विशेष : संकलन "गौसेवक" खोजी बाबा।

 


 


१- गीता पहली बार पढ़ने पर समझ नहीं आती।


२- गीता दूसरी बार पढ़ने पर कुछ कुछ समझ आती है।


३- गीता तीसरी बार पढ़ने पर समझ आने लगती है।


४- गीता चौथी बार पढ़ने पर पूरी समझ आने लगती है।


५- गीता पांचवी बार पढने पर ज्ञान देने लगती है।


६- गीता छठी बार पढ़ने पर कर्म के महत्व को समझाती है।


७- गीता सातवीं बार पड़ने पर घर के सारे क्लेश दूर कर देती है।


८- गीता आठवीं बार पढ़ने पर सारे विघ्न दूर कर देती है।


९- गीता नौवीं बार पढ़ने पर पूरे घर को समृद्ध बना देती है।


१०- गीता दसवीं बार पढ़ने पर आपको पूर्ण ज्ञानी बना देती है।


११- गीता ग्यारहवीं बार पढ़ने पर आपको बहुत बड़ा व्यवसायी बना देती है।


१२- गीता बारवीं बार पढने पर आपको कृष्ण के समान चतुर बना देती है।


१३- गीता तेहरवीं बार पढ़ने पर आपको एक कुशल वक्ता बना देती है।


१४- गीता चौदवहीं बार पढ़ने पर आपको ब्राह्मण शूद्र और वैश्य और छत्रिय से ऊपर उठा देती है।


१५- गीता पन्द्रहवीं बार पढ़नें पर आपको कृष्ण बना देती है।


१६- गीता सोलहवीं बार पढ़ने पर संसार रूपी महाभारत में युद्ध करना सिखा देती है।


१७- गीता सत्रहवीं बार पढ़ें पर मोक्ष की और प्रवृत कर देती है।


१८- गीता अठारहवीं बार पढ़ने पर जन्म मरण के बंधन से मुक्त कर देती है।


*गीता के जितने अध्याय हैं , उतनी बार श्रीमद्भगवद्गीता  को पढ़िए तब जाकर हम श्रीकृष्ण की तरह एक कुशल योद्धा , कुशल रणनीतिकार और कुशल वक्ता बन पायेंगे।* 


        *🙏🏻🚩जय श्री कृष्णा🚩🙏🏻*


          *- "गौसेवक" पं. मदन मोहन रावत*

                                      *"खोजी बाबा"*

                                    *9897315266*


*🙏🏻🚩हर हर सनातन्🚩🙏🏻*

*🙏🏻🚩घर घर सनातन्🚩🙏🏻*