जल संरक्षण, जीवन की एक आवश्यकता । नेशनल चैम्बर



- भूगर्भ जल दिवस की पूर्व संध्या पर पानी की विकराल समस्या को लेकर विशेषज्ञों ने किया मंथन।

- अगर सही ढंग से प्रबंधन हो तो आगरा में पानी की कोई समस्या नहीं।

-चैम्बर के पास पूरी टीम है काम करने के लिए।

- जोधपुर झाल और कीठम कैनाल काफी मददगार हो सकती हैं ,पानी की समस्या को दूर करने के लिए।

- चैम्बर करेगा शीघ्र अधिकारियों के साथ बैठक।

आगरा के उद्यमियों को आना पड़ेगा आगे सी सी आर के तहत।

 आगरा।हि.वार्ता (धर्मेन्द्र कु.चौधरी)

 भूगर्भ जल दिवस की पूर्व संध्या पर  चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल की अध्यक्षता में जल संरक्षण जीवन की एक आवश्यकता ,विषय पर एक बेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार का संचालन पर्यावरण संरक्षण समिति के चेयरमैन पूर्व अध्यक्ष राजीव गुप्ता द्वारा किया गया। 

इस वेबीनार में शहर के जल संरक्षण विशेषज्ञों  विशेष रूप से  राजीव सक्सेना, अजीत फौजदार, सीए निहाल सिंह जैन, सरोज कुमारी गौरीहार (स्वतंत्रता सेनानी) आदि ने पानी की समस्या और निदान हेतु अपने सुझाव रखे। 

चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि आगरा में पानी की कोई समस्या नहीं है।  सिर्फ जल एवं जल स्रोत्रों के प्रबंधन की समस्या है।  आगरा में एवं आगरा के चारों ओर नदियों, झीलों, झालो, केनाल, बांधों  आदि का जाल बिछा हुआ है।  सिर्फ प्रबंधन की कमी के कारण जल संचय नहीं हो पाता है। उसकी वजह से पानी की समस्या है। उन्होंने आगे कि वह शीघ्र ही अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित करेंगे जिस पर जल प्रबंधन की के विषय पर मंथन किया जाएगा। 

जल समस्या पर उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों का वर्णन करते हुए सीए निहाल सिंह जैन ने बताया कि उनके द्वारा छत के वर्षा जल को  प्रतिवर्ष संचित किया जाता है।  उनके द्वारा 750 -750 लीटर पानी की 2 टंकियां आपस में कनेक्ट की गई है। 1500 लीटर जल को वह प्रत्येक बरसात में संचित करते हैं और उस जल को पौधों, गमलों,  सिंचाई, सफाई, फव्वारे आदि कामों में लेते हैं।  उन्होंने बताया कि इस पानी को  शुद्धीकरण करके पीने के काम में लिया जाता है।  यह पानी  अन्य स्रोतों से प्राप्त पानी की अपेक्षा अधिक मीठा एवं अच्छा होता है। उन्होंने जल बचाने पर भी जोर दिया और कहा कि पानी का इस्तेमाल मितव्ययी तरीके से किया जाए।  माकन व कार की धुलाई प्रतिदिन नहीं की जाए।  

अजीत फौजदार ने इस अवसर पर  अपना विचार व्यक्त किया कि वर्षा जल संचय देश काल परिस्थिति पर निर्भर करता है।  सरकारी विभाग में  इसका कोई लिखा हुआ सीधा साधा तरीका नहीं है  जो हर जगह पर  इस्तेमाल किया जा सके।  आपको और हमको यह देखना होगा कि जल संचय  जिसको हम संचित करना चाहते हैं उसका उदगम क्या है और उसी के हिसाब से अपने परिवेश के अनुकूल उसका संचयन या उसे भूगर्भ जल में विलय करना होगा। 

राजीव सक्सेना जी ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि आगरा में और आगरा के आसपास जल स्रत्रों की कोई कमी नहीं है।   आगरा में  विख्यात  यमुना नदी  एवं आगरा के पास में चंबल नदी, जोधपुर झाल कीठम केनाल, नगला बिहारी और सर्किट हाउस की आगरा वाटर  कैनाल, खेरागढ़ में 37 बन्दियाँ है।  अगर इन सभी को वास्तविक रूप से अस्तितत्व पुनर्जीवित कर दिया जाए तो आगरा में जल का समस्या का समाधान हो जायेगा।  सिचाईं विभाग के अधिकारीयों के बैठक कर अग्रिम कार्यवाही की जा सकती है।   

पर्यावरण संरक्षण समिति के चेयरमैन राजीव गुप्ता  ने इस अवसर पर उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि आगरा में यदि सभी तालाबों कुआं एवं अन्य समस्त जल स्रोतों को पुनर्जीवित कर दिया जाए तो आगरा में पानी की कोई समस्या नहीं रहेगी। उन्होंने बताया कि चैम्बर द्वारा गत वर्ष सूचना के अधिकार के अधिनियम के तहत प्रशासन से यह जानकारी मांगी गई थी उन स्थलों को चिन्हित किया जाए जहां पूर्व में तालाब एवं कुआं थी और फिर उनको जीवित करने का काम किया जाए।

 पूर्व अध्यक्ष राजीव तिवारी  द्वारा वेबीनार में उपस्थित सभी विशेष रूप से मुख्य वक्ता   सीए निहाल सिंह जैन , अजीत फौजदार एवं राजीव सक्सेना जी कहा कि आज का विषय बहुत ही गंभीर  है।  वक्ताओं द्वारा अपने विचार रखे गए साथ ही सुझाव भी दिए गए।  उनके द्वारा प्रेषित विचारों  एवं सुझावों से अवश्य ही इस समस्या के समाधान होगा।  चैम्बर इसमें हर संभव मदद के लिए तत्पर है।   

चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि यह पहले चरण में यह बैठक की गई है इसके बाद दूसरे चरण में एक शीघ्र बैठक की जाएगी उसमें अग्रिम कार्यवाही हेतु इस विषय पर और विस्तार से चर्चा की जाएगी। 

वेबीनार में वक्ताओं  एवं आगंतुकों में प्रतिभाग करने वालों में राजीव सक्सेना, अजीत फौजदार, CA निहाल सिंह जैन, सरोज कुमारी गौरीहार (स्वतंत्रता सेनानी), कांता महेश्वरी, सुशील सक्सेना, डॉ वीरेंद्र कुमार गुप्ता ( विकलांग समिति), नितिन जौहरी,  संदीप अग्रवाल आदि  मौजूद थे।

इस वेबीनार में चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, कोषाध्यक्ष गोपाल खंडेलवाल, पर्यावरण संरक्षण समिति के चेयरमैन राजीव गुप्ता,  पूर्व अध्यक्ष सीता राम अग्रवाल,अमर मित्तल, राजीव तिवारी तथा सदस्यों में दिनेश कुमार जैन, सतीश अग्रवाल, अंबा प्रसाद गर्ग, वीरेंद्र गुप्ता आदि ने मुख्य रूप से प्रतिभाग किया।