आंतरिक क्षमता के विकास हेतु सक्रिय आत्म - संतुलित जीवनशैली आवश्यक एमिटी विश्वविद्यालय में विद्यालयी छात्रों हेतु कार्यशाला का आयोजन

 



हिन्दुस्तान वार्ता, नोएडा।

विद्यालयी छात्रों को अपनी आंतरिक शक्ती और क्षमता को मजबूत करने और जीवन मे ंआने वाली चुनौतियों और अवसरों का सामना करने की क्षमता को बढ़ाने के उददेश्य से एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा ‘‘प्रसन्नता और आंतरिक क्षमता विकास पर कक्षा 8 से 12 वी के छात्रों हेतु आयोजित चार दिवसीय आॅनलाइन कल्याण कार्यशाला के अंर्तगत तृतीय सत्र ‘‘ व्यक्तिगत स्वास्थय - कोविड के समय मन और शरीर के लिए पुनःउपचार’’ और चतुर्थ सत्र ‘‘ केन्द्रीकरण में सुधार हेतु आंतरिक क्षमता को तेज करना’’  विषय पर विशेषज्ञों ने जानकारी प्रदान की। इन सत्रो का शुभारंभ एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला द्वारा प्रतिभागियों का स्वागत करके किया गया। इस कार्यशाला में लगभग 5000 छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों ने आॅनलाइन हिस्सा लिया।


एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला ने छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और मार्गदर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि इस कार्यशाला का उददेश्य छात्रों को इस प्रकार के पर्यावरण के निर्माण हेतु प्रोत्साहित करना है जिससे वे एक ओर प्रसन्नचित हो वही दूसरी ओर अपनी क्षमता का विकास कर सके। कोविड महामारी ने पिछले लगभग डेढ़ वर्षो में लगभग सभी को प्रभावित किया है। वर्तमान समय में छात्रों को तनाव एवं चिंता से मुक्त करके उनकी आंतरिक क्षमता को विकसित करने सहित अभिभावकों, शिक्षकों और मार्गदर्शकों को अपने छात्रों को बेहतर समर्थन देने मे सहायता करने हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया है।


तृतीय सत्र ‘‘ व्यक्तिगत स्वास्थय - कोविड के समय मन और शरीर के लिए पुनःउपचार’’ के अंर्तगत एमिटी स्कूल आॅफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्टस सांइसेस की डीन एवं निदेशिका डा कल्पना शर्मा ने ‘‘ आंतरिक क्षमता के विकास हेतु सक्रिय जीवन शैली’’ पर जानकारी देते हुए कहा कि संतुलित जीवनशैली के विश्राम एक महत्वपूर्ण पहलू है। जब आप विश्राम करते है तो आप प्रकृति से सहभागीता रखते है। विश्राम का अर्थ केवल निद्रा से नही है बल्कि शांती से है। डा शर्मा ने कहा कि विश्राम और निद्रा दो अलग अलग धारणा है b जिनके मध्य के अंतर को जानना आवश्यक है। घर के कार्य करना, खेल कूद, साइकल चलाना, नृत्य, संगीत, टहलना आदि सभी जिसमें आप अपने मांसपेशी का उपयोग करते है वो सक्रिय जीवनशैली है। डा शर्मा ने कहा कि हम केवल शारिरीक संतुलन नही बल्कि मानसिक संतुलन की बात करते है। जब आप व्यायाम करें तो हमेशा स्वंय पर घ्यान केन्द्रीत करें। योग, आंतरिक शंाती और क्षमता के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है। भोजन, द्वव्य जिन्हे आप ग्रहण करते है, आपकी आदतें भी आपके संतुलित जीवन शैली का अंग है।


एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ फूड टेक्नोलाॅजी की एस्सीटेंट प्रोफेसर डा तनु जैन और एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ फाॅर्मेसी की डा कल्पना नागपाल ने ‘‘ प्रतिरोधक क्षमता के विकास और स्वस्थ जीवन के लिए पोषण युक्त भोजन’’ विषय पर जानकारी देते हुए संतुलित आहार में विविध प्रकार की भोज्य सामग्री होती है जो आपको सभी प्रकार के पोषक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन, वसा, विटामिन और मिनरल प्रदान करते है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते है और रोग मुक्त रखते है। हमें अनाजों और दुग्ध का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए, हरी सब्जियों और फलों का उदारतापूर्वक, मांस, तेल का मध्यम मात्रा में और फास्ट फूड आदि का संयमित। उन्होनें भोजन में विटामिन सी, ए, डी, ई, जिंक आदि की आवश्यकता और उनके प्रभाव की जानकारी प्रदान की। डा जैन और डा नागपाल ने प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने वाले आमला जूस, जल जीरा, सब्जियों के रस, गुड और लस्सी आदि के महत्व को बताते हुए कोविड के दौरान पोषण के महत्व की जानकारी दी। जंक फूड को मना करने और प्रचुर मात्रा मे ंजल ग्रहण करने की सलाह प्रदान की। छात्रों से स्वस्थ भोजन की आदते, खाद्य स्वच्छता का अभ्यास, शारीरिक क्रिया करने, प्रसन्न रहने की सलाह प्रदान की।


तृतीस सत्र के अंर्तगत एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ साइकोलाॅजी एंड एलाइड सांइसेस के प्रोफेसर डा रजत कांति मित्रा ने ‘‘ सकरात्मक मनोविज्ञान और सचेतनता’’ पर जानकारी प्रदान की।

कार्यशाला के अंर्तगत आयोजित चतुर्थ सत्र ‘‘ केन्द्रीकरण में सुधार हेतु आंतरिक क्षमता को तेज करना’’  विषय में एमिटी बिजनेस स्कूल की आॅरगाइजेशनल बिहेवियर विशेषज्ञ और कोच डा आर सुजाता ने ‘‘ आंतरिक क्षमता के विकास में रचनात्मक जुड़ाव’’ पर संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में यात्रा का आनंद ले केवल मंजिल का नही। विद्यालय, परिवार, मित्र, स्वास्थय, रूचि, स्वच्छता, व्यक्तिगत व आध्यात्म और आनंद हमारे जीवन का अभिन्न अंग है।

एमिटी विश्वविद्यालय लखनउ कैंपस के एमिटी स्कूल आॅफ बिहेवियरल एंड एलाइड सांइस के निदेशक प्रो एस जेड एच जैदी ने ‘‘ कठिन और अनिश्चित स्थिती में सकारात्मकता का पथ प्रदर्शन’’ पर और एमिटी विश्वविद्यालय के एडमिशन विभाग के निदेशक मेजर जनरल भास्कर चक्रवर्ती ने ‘‘ अपने लक्ष्य को खोजें, निर्धारित करें और उसका पीछा करें’’ पर संबोधित करते हुए अपने लक्ष्य का निर्धारण किस प्रकार करें, जीवन के उददेश्य को समझें को बताते हुए कहा कि आप जो करे पूरे मनोयोग से करें।

एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों ने विशेषज्ञों से कई प्रश्न भी किये जिन्हे ंउनके समुचित जवाब प्राप्त हुए।

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अधिक जानकारी के लिए संर्पक करें - अनिल दूबे - 9818671697