केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल को चैम्बर ने लिखा पत्र।



नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 की अदालतों में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाई जाए आगरा में ।

चेक बाउंस के मामलों में आवेदनों का विलंब से हो रहा है निस्तारण।

उद्योग एवं व्यापार जगत को हो रहा है नुकसान। 

नियमानुसार अधिकतम 6 माह में हो जाना चाहिए निस्तारण।

आगरा में 3 माह बाद तो लगती है तारीख।

समय से निस्तारण न होने से न्यायालय में दावों का लग रहा है अम्बार। 

नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 की अदालतों में न्यायाधीशों की संख्या का कम होना है मुख्य कारण। 

आगरा।हि.वार्ता

आज दिनांक 23 जुलाई 2021 को चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई जिसमें आगरा में चेक बाउंस बढ़ते मामलों व भुगतान हेतु उनके अवदानों का समय से निस्तारण न होने पर चर्चा की गई। 

चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि आगरा में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 के अंतर्गत न्यायालयों में चेक बाउंस होने पर प्रोटेक्शन के आवेदनों का निस्तारण समय से नहीं हो रहा है।  इसका मुख्य कारण धारा 138 के अंतर्गत कार्यरत ऐसी अदालतों में न्यायाधीशों की संख्या कम बताई गई है।  अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत चेक बाउंस के दावे अधिकतम 6 माह में निस्तारित हो जाने चाहिए।  किंतु जैसा कि चेंबर के सदस्यों द्वारा उन्हें अवगत कराया गया है कि आगरा में 3 माह बाद तो तारीख ही मिल रही है।  इसका निस्तारण कब होगा कोई निश्चित नहीं है।  चूँकि यह मामला सीधे तौर पर उद्योग व व्यापार से जुड़ा है, यह बहुत ही गंभीर है।  इसलिए इस संबंध में चेंबर द्वारा एक पत्र केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री डॉ एसपी सिंह बघेल को लिखा गया है जिसमें मांग की गई है कि आगरा में धारा 138 की अदालतों में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि आगरा के उद्योग जगत को हो रहे नुकसान से बचाया जा सके। 

इस अवसर पर चैम्बर के सदस्य अनिल अग्रवाल (मंजुला फाइनेंस ) ने कहा कि हमारे देश के  यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी जी का प्रयास भारत की अर्थव्यवस्था को "नकद रहित" (कैशलेस) बनाने का रहा है जिसमें उद्योग व व्यापार जगत भी अपना सक्रिय सहयोग दे रहा है।  जिसके परिणाम स्वरूप चेक बाउंस की घटनाएं भी बढ़ रही है।  चेक बाउंस की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 में सुरक्षा भी प्रदान की गई है जिसके अनुसार दावों का निस्तारण अधिकतम 6 माह में हो जाना चाहिए।  किंतु आगरा में इन दावों का निस्तारण समय से नहीं हो पा रहा है जिसके कारण दावों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है और उद्योग एवं व्यापार जगत को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है।   भुगतान न मिलने से उद्योग व व्यापार की कार्यशील पूंजी में कमी आ रही है। 

अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि चेंबर द्वारा केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री डॉ. एसपी सिंह बघेल से मांग की गई है कि आगरा में इस अदालत के न्यायाधीशों की संख्या को बढ़ाने हेतु शीघ्र कार्रवाई  की जाये ताकि आगरा के उद्योग जगत को आर्थिक नुकसान न हो और पूंजी की कमी होने से अन्य समस्याएं न आऐं । 

बैठक में अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, उपाध्यक्ष सुनील सिंघल, कोषाध्यक्ष गोपाल खंडेलवाल, चेंबर सदस्य अनिल कुमार अग्रवाल, के सी जैन आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।