मीजल्स, रुबेला मुक्त भारत के लिए आयोजित हुई वर्कशॉप।



-सीएमओ की अध्यक्षता में डब्लूएचओ के अधिकारियों ने बताए टिप्स।

आगरा, 12 जुलाई 2021

खसरा (मीजल्स) और जर्मन खसरा( रूबेला ) मुक्त भारत अभियान के तहत होटल पुष्प विला में शहरी स्वास्थ्य अधिकारियों की वर्कशॉप आयोजित की गई। इसकी अध्य़क्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरसी पांडेय ने की। वर्कशॉप में विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. बीएस चंदेल द्वारा स्वास्थ्य अधिकारियों को इसके बारे में जानकारी दी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरसी पांडेय ने बताया कि मीजल्स और रूबेला की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीकाकरण किया जाता है। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग के शहरी एमओआईसी और स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए वर्कशॉप का आयोजन हुआ। इसमें रूबेला और मीजल्स के टीकाकरण को लेकर जानकारी दी गई।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. बीएस चंदेल ने बताया कि मीजल्स व रूबेला के उन्मूलन हेतु स्वास्थ्य अधिकारियों को संवेदीकृत वर्कशॉप में टीकाकरण व निगरानी के बारे में बताया गया। 

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरसी पांडेय, डब्लूएचओ के एसएमओ डॉ. बीएस चंदेल, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के नोडल डॉ. पीके शर्मा व शहरी क्षेत्र के एमओआईसी मौजूद रहे।

ये हैं खसरे के लक्षण

खसरे (मीजल्स) से प्रभावित व्यक्ति को शुरू में बुखार, खांसी, नाक बहने, लाल आँखें और मुंह के अंदर सफेद धब्बे के साथ दिखते हैं। यह 3 से 7 दिनों के बाद एक लाल थब्बे त्वचा के चकत्ते द्वारा होता है, जो आमतौर पर चेहरे से शरीर के बाकी हिस्सों में फेलता है।

ये हैं रुबेला के लक्षण

रूबेला को "जर्मन खसरा" के रूप में भी जाना जाता है और यह रूबेला वायरस के कारण होता है। लोगों को आमतौर पर फैले हुए दाने, बुखार, सिरदर्द, अस्वस्थता, लसिका ग्रंथि का बढ़ना, ऊपरी श्वसन आदि लक्षण होते हैं। इसमें दाने आमतौर पर लगभग 3 दिनों तक रहते हैं, लेकिन कुछ रोगियों में दाने बिल्कुल नहीं होते।