आखिर किसके लिए..? ✍स्वाती जिंदल।

 


हिन्दुस्तान वार्ता।

चलने फिरने में असमर्थ रिटायर्ड मेजर जनरल के घर में,उनके लिए एक कमरे में फर्श पर गद्दा लगा दिया गया ,और नौकर से कहा गया कि इनका पूरा ख्याल रखना , हमें कोई शिकायत ना मिले । बेटों की नई नई शादियां हुई थीं ।

एक ने गर्मी की छुट्टियां गुजारने फ्रांस का प्रोग्राम बनाया ,और दूसरे ने लंदन का , और तीसरे ने पेरिस का। हर जगह अपना परिचय मेजर जनरल  के बेटे होने से शुरू करते।

नौकर को चेतावनी दी , कि हमारी तीन माह बाद वापसी होगी। तुम पापा का पूरा ध्यान रखना , वक्त पर खाना देना। नौकर ने कहा कि अच्छा साहब जी,ऐसा ही होगा।

सब चले गए ,मेजर अकेले घर के कमरे मे लेटे ,सांसें लेते रहे। वे चलने फिरने की स्थिति में नहीं थे,और न ही उनमें किसी को सहायता के लिए पुकारने की क्षमता थी। 

 नौकर घर में ताला लगाकर बाजार से सब्जी लेने गया। वहाँ उसका एक्सीडेंट हो गया। लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया और वह कोमा मैं चला गया। नौकर कोमा से होश में ना आ सका । बेटों ने नौकर को सिर्फ बाप के कमरे की चाबी देकर सारे घर में ताले लगाकर चाबियां साथ ले गए थे । नौकर मेजर साहब के कमरे में ताला लगाकर चाबी साथ ले गया था,कि अभी वापस आ जाऊंगा ।

अब बूढ़े रिटायर्ड मेजर जनरल कमरे में बंद हो चुके थे। वह न चल फिर सकते थे और न किसी को सहायता के लिए आवाज दे सकते थे। जब 3 माह बाद बेटे वापस आए और ताला तोड़कर कमरा खोला तो लाश की हालत वो हो चुकी थी जो तस्वीर में दिखाई दे रही है ।

यह घटना हमें बता रही है कि किस तरह अपनी संतान के लिए नेकी और बुराई की परवाह किये बिना,हम सब उनका भविष्य संभालने के लिए तन, मन, धन खपाते हैं , और ज्यादा से ज्यादा दौलत - जायदाद बनाकर उनके भविष्य की पीढ़ियों को आर्थिक रूप से सुद्रण करने की कोशिश करते हैं ,और हम सोचते हैं कि यह औलाद कल बुढ़ापे में मेरी देखभाल करेगी।परन्तु ये नहीं सोचते कि आखिर किसके लिए.. ये सब।

बेहतरीन स्कूलों में भौतिक शिक्षा दिलवाने की आपाधापी में हम सब ये भूल जाते हैं कि जीवन उपयोगी नैतिक मूल्यों , मानवतायुक्त संस्कारों धार्मिक विचारों की शिक्षा देने से ही मानव का पूर्ण विकास संभव होता है ।नैतिक , सामाजिक धार्मिक मानवीय शिक्षा को हम समय की बर्बादी समझते हैं या फिर कुछ समझते ही नहीं ।

हर व्यक्ति जो बोता है उसी का फल पाता है ।हमें भी सोचने समझने की काफी जरूरत है । कि हम अपनी औलाद को क्या सही शिक्षा दिलवा रहे या दे रहे हैं ? 

कहीं हमारा हाल ऐसा तो नहीं होने वाला है ? हमारी बच्चों को सही शिक्षा देने की लगातार कोशिश जारी है।कृपया आप सब भी हमारी इस कोशिश में साथ दें। ईश्वर किसी को ये दिन ना दिखाए ।

जय हिन्द...