हि. वार्ता ,मोदीनगर।
उत्तर प्रदेश में गन्ना विभाग के अधिकारियों एवं शुगर मिल प्रबंधकों की सांठ- गांठ होने के कारण प्रदेश में गन्ना किसानों का बकाया गन्ना भुगतान नहीं हो रहा है । शुगर मिल को चीनी आदि से प्राप्त धनराशि का अधिकांश भाग अपने निजी कार्य में इस्तेमाल कर लेते हैं । जबकि मुख्य मंत्री कार्य काल भी अन्तिम चरणों में चल रहा है । जहाँ एक ओर गन्ना किसान दुःखी है और अधिकांश किसानों को गन्ना भुगतान न होने के कारण उसका परिवार का खर्चा चलना मुश्किल हो रहा है तथा भर पेट खाने के लिए दर दर भटक रहे हैं ,वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री चटायी पर बैठकर भर पेट भोजन कर रहे हैं । जिससे उत्तर प्रदेश सरकार की भी छवि खराब हो रही है । इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों पर दिल्ली बार्डर पर उन लाठियां बरसायी गयी, पानी की बौछारे छोड़ी गयी । अब काले तीन नियमों को वापस लेने की मांग को लेकर लगभग 9 माह से दिल्ली बार्डर पर धरने पर बैठे हैं । अधिनियम के अनुसार 14 दिन पूर्व अवधि तक देय अवशेष गन्ना मूल्य का भुगतान न करवाने के संबंध में अधिकारीगण भी दोषी हैं और नियमानुसार व शासनादेशों के अंतर्गत बकाया गन्ना भुगतान न दिलवाने के परिणाम स्वरूप अधिकारी भी अपराधी की श्रेणी में आते हैं । लेकिन मुख्य मंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध कोई वैधानिक कार्रवाई नहीं की गई है । क्योंकि शुगर मिलों के नियमानुसार 14 दिन पूर्व अवधि तक गन्ना किसानों का देय गन्ना मूल्य भुगतान नहीं किया जा रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम, 1953 की धारा- 17(3)के अंतर्गत 14 दिन पूर्व अवधि पर गन्ना मूल्य भुगतान किये जाने की स्पष्ट व्यवस्था दी गई है । अग्रेतर निर्धारित अवधि में भुगतान न करने पर 12 प्रतिशत ब्याज की देयता बन जाता है।जिससे गन्ना किसानों का बकाया भुगतान मिल प्रबंधकों द्वारा न दिये जाने पर जबरदस्त रोष व्याप्त है । उत्तर प्रदेश में टैगिंग आदेश का खुलकर उल्लंघन किया जा रहा है, गन्ना एवं चीनी उत्तर प्रदेश विभाग लखनऊ के अधिकारीगण टैगिंग आदेश का पालन नहीं करवा रहे हैं, जो कि अधिनियम व शासनादेशों का पालन न करवाने पर अधिकारीगण भी अपराधी की श्रेणी में आते है । क्योंकि शासनादेशों का पालन करवाना अधिकारियों की जिम्मेदारी भी है । राष्ट्रीय नेशनल शुगर मिल्स वर्कर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरेश शर्मा ने कहा कि यदि किसानों का बकाया गन्ना भुगतान शिघ्र नहीं दिया गया तो किसानों के बकाया गन्ना भुगतान को लेकर जबरदस्त संघर्ष किया जायेगा उन्होंने कहा कि जिन शुगर मिल्स पर इ डी की जांच चल रही है और विभिन्न थानों में मुकदमें दर्ज हैं, चेयरमैन सहित संबंधित अधिकारियों के
पासपोर्ट जब्त कर लिए जाये । सरकार द्वारा चलायी लाठी चार्ज, किसानों का बकाया गन्ना भुगतान ,किसानों के तीन काले कानूनों को वापस नहीं लिया तो इसका असर आने वाले विधान सभा चुनाव- 2022 में देखने को मिलेगा।
सुरेश शर्मा, राष्ट्रीय प्रवक्ता, राष्ट्रीय इंडियन शुगर मिल वर्कर्स फेडरेशन, कैम्प कार्यालय, मोदी नगर गाजियाबाद ।