चैम्बर ने उठाया ,प्रमुखता से शहीद स्मारक का मुद्दा।
चैम्बर अध्यक्ष व्यवस्थाओं को देखने पहुंचे शहीद स्मारक।
सफाई व्यवस्था पर किया संतोष जाहिर।
पीछे के गार्डन में अभी भी नहीं हुआ है कोई सुधार।
शौचालय की स्थिति पूर्ववत जैसी।
सिक्योरिटी तैनात थी।
शहीदों की प्रतिमाओं के आगे उनके बारे में कोई जिक्र नहीं ।
स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय ठाकुर राम सिंह पुस्तकालय की हालत खराब।
हि. वार्ता।आगरा
दिनांक 13 सितंबर 2021 को चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल साफ सफाई की व्यवस्थाओं को देखने के लिए शहीद स्मारक पहुंचे। जैसा कि विदित ही है कि चेंबर ने इसकी गंदगी के मुद्दे को बड़ी प्रमुखता से उठाया था और इस संबंध में आगरा विकास प्राधिकरण को एक पत्र भी लिखा था। यहां की व्यवस्थाओं को ठीक करने की मांग की गई थी। चेंबर के प्रयास से आज वहां पहुंचने पर सफाई होती दिखी मिली। सफाई कर्मी झाड़ू लगा रहे थे। सिक्योरिटी भी तैनात दिखी और मुख्य द्वार पर आगरा विकास प्राधिकरण का एक नया बोर्ड भी लगा हुआ दिखाई दिया। एक सफाईकर्मी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा सफाई का ठेका एक कंपनी को दे दिया गया है और सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है। इस सफाई व्यवस्था पर चेंबर द्वारा संतोष प्रकट किया गया। काफी संख्या में लोग शहीद स्मारक में आराम करते दिखे और मुख्य द्वार पर सिक्योरिटी भी तैनात मिली।
उसके बाद चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने शहीद स्मारक के पीछे जाकर देखा तो वहां के पार्क की हालत पूर्वत ही थी। पत्थर टूटे हुए थे। फब्बारे भी बंद मिले और पूरे पार्क की हालात बहुत ही खराब थी। अगर इस पार्क में कटाई छटाई कर दी जाए तो यह बहुत ही बड़ा आकर्षण का केंद्र बन सकता है। मनीष अग्रवाल ने बताया पार्क में शहीदों की कई प्रतिमाएं लगी हुई हैं पर किसी भी प्रतिमा के आगे न तो उनका नाम लिखा है और न ही उनके बारे में कोई जिक्र किया गया है। मनीष अग्रवाल ने आशा प्रकट की है कि शीघ्र ही आगरा विकास प्राधिकरण उनके आगे उनका नाम व विस्तृत विवरण लिखेगा ताकि शहीदों के बारे में पूरी जानकारी नई पीढ़ी को हो सके।
बदहाल हालत में मिला शहीद स्मारक स्थित स्वर्गीय ठाकुर राम सिंह वाचनालय।
चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी एवं काले पानी के राजनीतिक बंदी स्वर्गीय ठाकुर राम सिंह जी की स्मृति में यहां पर एक वाचनालय की स्थापना हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य यहां आने वाले लोगों को शहीदों के बारे में पढ़ने का अवसर और उनके याद में बनाई गई प्रदर्शनी स्थल को देखने का था और साथ ही साथ समाचार पत्रों का भी पठन करना था। मनीष अग्रवाल ने बताया कि वाचनालय की हालत देखकर उन्हें अत्यंत अफसोस हुआ। शहीदों के बारे में प्रदर्शनी केंद्र बंद मिला। किताबों के ऊपर धूल जमी हुई मिली और गंदगी का आलम मिला। मात्र दो युवा अखबार पढ़ पढ़ते मिले। इसके संबंध में वहां के व्यवस्थापक बुजर्ग श्री मदन मोहन ने अध्यक्ष मनीष अग्रवाल को उनकी विस्तृत जानकारी प्रदान की। श्री मदन मोहन जी ने बताया कि यहां पर 14 समाचार पत्र हिंदी व अंग्रेजी के आते थे और 1500 से 2000 शहीदों के बारे में जानकारी हेतु किताबें रखी हुई थी। परंतु जब ताला खुलवाया गया तो अव्यवस्थित रूप से किताबों का ढेर मिला और उसे चादर से ढक दिया गया था। जिस पर धूल जमी हुई थी।
प्रदर्शनी स्थल का भी यही बुरा हाल था। उसमें भी ताला लगा हुआ था। बड़ी संख्या में शहीदों के चित्र टंगे थे और शायद इस इंतजार में कि कोई 1 दिन ऐसा आएगा कि लोग आएंगे जब इन चित्रों पर चढ़ी धूल साफ होगी। बंद कमरा खुलेगा, सफाई होगी और एक बार फिर शहीद स्मारक का यह पुस्तकालय गुलजार होगा।