वृन्दावन उमाशक्ति पीठ में दस दिवसीय शतचण्डी महायज्ञ सम्पन्न।




हिन्दुस्तान वार्ता।डॉ. गोपाल चतुर्वेदी

वृन्दावन।परिक्रमा मार्ग स्थित उमाशक्ति पीठ में 10 दिवसीय शतचण्डी महायज्ञ महोत्सव का विश्राम अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ सम्पन्न हो गया। 

उमाशक्ति पीठाधीश्वर स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने कहा कि "तंत्र चूड़ामणि" एवं " तीर्थ रहस्य" ग्रन्थ में जो 51 शक्तिपीठों का वर्णन है,उनमें 32 वें स्थान पर वृन्दावन की उमाशक्ति पीठ को भी शामिल किया गया है।बाद में यह स्थान विलुप्त हो गया। कालांतर में ब्रह्मलीन स्वामी वामदेव जी महाराज के अथक प्रयासों से इस स्थान की खोज हुई। 

ब्रज साहित्य सेवा मण्डल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि माँ भगवती शक्ति की श्रोत हैं। उन्हीं ने आज के दिन महिषासुर दैत्य का वध किया था। इसीलिए उनका सर्वत्र पूजन-अर्चन होता है। 

उत्तर प्रदेश की संयुक्त स्वास्थ्य निदेशक डॉ. रंजना शर्मा (लखनऊ) ने कहा कि उमाशक्ति पीठ में मेरी अत्यधिक श्रद्धा व आस्था है। यहां माँ भगवती की उपासना करने से अविलंब दिव्य सिद्धियां प्राप्त होती हैं। मैं पिछले कई वर्षों से दोनों नवरात्रों में यहां आकर इनकी साधना करती हूं। 

इस अवसर पर उमाशक्ति पीठ के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजनारायण द्विवेदी (राजू भैया),आचार्य योगेश शर्मा, युवा साहित्यकार राधाकांत शर्मा, महेश गौतम, वीरेन्द्र शर्मा, जयराम शास्त्री, आचार्य आत्मराम आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

यज्ञ महोत्सव में उमाशक्ति पीठाधीश्वर स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने 100 से भी अधिक कन्याओं-लांगुराओं के चरण पखार कर उन्हें भोज कराया। साथ ही उनके दैनिक उपयोग की वस्तुएं उपहार में दीं।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।