एमिटी विश्वविद्यालय में नवाचार और कैंपस उद्यमिता के प्रोत्साहन पर कुलपतियों ने परिचर्चा की



हिन्दुस्तान वार्ता, नोयडा।

एमिटी इनोवेशन एंड डिजाइन सेंटर, एमिटी विश्वविद्यालय के इंस्टीटयूशनस इनोवेशन कांउसिल और शिक्षा मंत्रालय के इंस्टीटयूशन्स इनोवेशन कांउसिल के सहयोग से देश के पूर्व राष्ट्रपति डा ए पी जे अब्दुल कलाम की जयंती पर उनके प्रति कृतज्ञता और सम्मान का प्रकट करते हुए ‘‘नवाचार सप्ताह 2021’’ का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर ‘‘नवाचार और कैंपस उद्यमिता में रणनिती’’ विषय पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया जिसमें देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों जैसे मणिपाल एकेडमिक ऑफ हाईअर एजुकेशन के कुलपति लेफ्ट जनरल डा एम डी वेंकटेश, मद्रास विश्वविद्यालय के कुलपति डा एस गौरी, टाटा इंस्टीटयूट ऑफ सोशियल सांइ10am इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्नीकल सांइसेस के कुलपति डा राकेश कुमार शर्मा ने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय 10 की कुलपति डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला ने सभी का स्वागत किया।


मणिपाल एकेडमिक ऑफ हाईअर एजुकेशन के कुलपति लेफ्ट जनरल डा एम डी वेंकटेश ने परिचर्चा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत सरकार द्वारा छात्रों में नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए नीतियां और योजनाये चलाई जा रही है। उच्10 चाहिए जिससे आत्मनिर्भरता की दिशा में लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहिए। केवल छात्रों को नही बल्कि शिक्षकों को भी नवाचार और उद्यमिता के लिए प्रोरित करना चाहिए। डा वेंकटेश ने कहा कि कोई भी आईडिया छोटा नही होता और शिक्षको और छात्रों के मध्य स्वस्थ वार्तालाप उनके विचारों को समझने का अवसर देगा। इंक्यूबेटर के अतिरिक्त हमें छात्रों का मार्गदर्शन, वेंचर कैपिटल की सुविधा की उपलब्धता, सरकार से वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रयास करना होगा। I


मद्रास विश्वविद्यालय के कुलपति डा एस गौरी ने संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में नवाचार अत्यधिक महत्वपूर्ण है जिसके बिना अस्तित्व संभव नही है। जापान और यूरोपीय देश नवाचार को जीते है। जीवन में निरंतर विकास के लिए नवाचार आवश्यक है। इस प्रतियोगिता भरे समय में नवाचार का शीघ्र संचालन आवश्यक है। उन्होनें कहा कि10am आंमत्रित किया जाता है। डा गौरी ने कहा उद्यमिता हेतु उच्च तकनीकी की आवश्यकता नही है, कैंपस में हर मैटेरियल एक आईडिया है और हर व्यक्ति कुशल व्यक्ति होता है जहां आप चुनौतियां से निपटना और जोखिम लेने के संर्दभ में जान सकते हो। हम छात्रों को विभिन्न समुदायों से बातचीत कर उनकी समस्या को समझने और उसके निराकरण की कोशिश करने के लिए प्रेरित करते है।


टाटा इंस्टीटयूट ऑफ सोशियल सांइसेस की कुलपति डा शालीनी भरत ने कहा कि वर्तमान समय में भारत आत्मनिर्10am नौवजवानों को प्रेरित करने वाले और उत्साही छात्रों की संख्या बढ़ रही है। हम उच्च शिक्षा विस्तार में उद्यमिता को अलग एंगल से देखते है, हम समाजिक उद्यमिता को बढ़ावा देते है, व्यापार और समाजिकता का एक साथ होना आवश्यक है। हम छात्रों को समाजिक उद्यम प्रारंभ करने के लिए और लोगों को उससे जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करते है। बिना शोध और विकास के उद्यम प्रारंभ करना कारगर नही होता इसलिए समाजिक समस्याओं को समझ कर उसका निराकरण ढूंढना आवश्यक है।


सविता इंस्टीटयूट ऑफu मेडिकल एंड टेक्नीकल सांइसेस के कुलपति डा राकेश कुमार शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीतिu में उच्च शिक्षा में बहुआयामी शिक्षण और शोध को इंक्यूबेटर सेंटर के जरीए बढ़ावा देते हुए उत्पन्न परिणाम का उपयोग आमजन की समस्याओं का निराकरण के लिए किया जाना चाहिए। उन्होनें कहा कि हमे शोध, नवाचार और उद्यमिता आधारित परिवेश का निर्माण करना चाहिए जिससे छात्र ना केवल शोध करके बल्कि प्रोटोटाइप विकसित करें। छात्रों को अपने सपनों को पूर्ण करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।


एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की कुलपति डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत बनाने का आह्वान किया है इसलिए हमे विचार करना होगा कि उच्च शिक्षण संस्थानो किस तरह से इस दिशा में सहयोग करें। छात्रों को नवाचार और उद्यमिता के लिए प्रेरित करने के लिए रणनीति बनानी होगी। एमिटी मे हम समाज और उद्योगों की आवश्यकताओं पर आधारित शोध और नवाचार के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करते है और संस्थान में शोध नवाचार के पर्यावरण का निर्माण करते है। छात्रों को रोजगार प्राप्त करने की बजाय रोजगार प्रदान करने वाले उद्यमी बनने हेतु स्टार्टअप प्रारंभ करने के लिए प्रेरित और सहयोग प्रदान करना होगा।

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इस परिचर्चा सत्र का संचालन फैकल्टी मैनेजमेंट स्टडीज के डीन डा संजीव बंसल, फैकल्टी ऑफ साइंस एडं टेक्नोलॉजी के डीन डा सुनिता रतन द्वारा किया गया। इस अवसर पर एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती और एमिटी इनोवेशन एंड डिजाइन सेंटर की प्रमुख डा सुजाता पांडेय भी उपस्थित थी।


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