वृन्दावन ठा. प्रिया वल्लभ कुंज में ठा. राधा वल्लभ लाल के 514 वाँ पाटोत्सव सम्पन्न।




वृन्दावन।छीपी गली स्थित ठाकुर प्रियावल्लभ कुंज में श्रीहितपरमानंद शोध संस्था के द्वारा चल रहे ठाकुर राधावल्लभ लाल के 514 वें त्रिदिवसीय पाटोत्सव के अंतर्गत वृन्दावन प्राकट्योत्सव, श्रीजी का व्याहुला महोत्सव,गोस्वामी सुन्दरवर महाराज का जन्मोत्सव,राधावल्लभीय आचार्यों का तिलकोत्सव एवं कार्तिक महोत्सव अत्यंत धूमधाम व श्रद्धाभाव के साथ सम्पन्न हुआ।

श्रीपरमानंद शोध संस्थान के अध्यक्ष आचार्य विष्णुमोहन नागार्च ने कहा कि राधावल्लभीय सम्प्रदाय के जनक श्रीहितहरिवंश महाप्रभु सम्वत 1564 में आज के ही दिन कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी को ठाकुर राधावल्लभ लाल को लेकर श्रीधाम वृन्दावन आये थे।साथ ही उन्हें यहाँ के परिक्रमा मार्ग स्थित मदन टेर पर एक वट वृक्ष की गोखर में विराजित कर उनकी अष्टयाम सेवा पूजा प्रारम्भ की थी।

संस्थान के समन्वयक व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि कार्तिक मास को वेदों में ऊर्जा कहा गया है।पद्मपुराण के उत्तर खण्ड में इसकी महत्ता का विस्तार से वर्णन है। इस मास में नियमपूर्वक पूजा-अर्चना करने वाले व्यक्ति देवताओं के लिए भी वन्दनीय हो जाते हैं।

राधावल्लभीय सम्प्रदाय के विद्वान डॉ. चन्द्रप्रकाश शर्मा व मथुरा-वृन्दावन नगर निगम के पार्षद रसिकवल्लभ नागार्च ने कहा कि किशोरी जी के व्याहुला महोत्सव को राधावल्लभीय सम्प्रदाय की सर्वश्रेष्ठ पूजा-अर्चना बताया गया है।

इस अवसर पर डॉ. श्यामबिहारी खण्डेलवाल की मुखियायी में मंगल बधाई समाज-गायन के साथ श्रीजी का व्यहुला महोत्सव अत्यंत धूमधाम के साथ मनाया गया।जिसमें श्रीहितहरिवंश महाप्रभु व ध्रुवदास जी महाराज आदि के द्वारा रचित व्यहुला की वाणियों का संगीत की मधुर स्वर लहरियों के मध्य गायन किया गया।जिनमें से कुछ के बोल यह थे "जै जै श्री हरिवंश व्यास कुल मण्डना" व "कार्तिक शुभ तेरस उजियारी":।  रुपये,वस्त्र,मेवा व मिष्ठान्न,खिलौने आदि लुटाये गए।ठाकुर जी को 56 भोग निवेदित किए गए।पटाखे छोड़े गए।आतिशबाजी चलाई गई।प्रियावल्लभ कुंज का अत्यंत नयनाभिराम श्रृंगार किया गया।रात्रि को यमुना जी के गोविंद घाट पर देश के विभिन्न प्रान्तों से आये भक्तों व श्रद्धालुओं द्वारा असंख्य दीपों का दान किया गया।सन्तों-विप्रों-भक्तों व श्रद्धालुओं के द्वारा हितवाणी,राधा सुधानिधि,हित चतुरासि के संगीतमय पाठ किये गए।

इस अवसर पर अखिल भारतीय निर्मोही अखाड़ा के महंत लाड़िली शरण महाराज,दमोह-हटा (मध्यप्रदेश) के मुख्य यजमान रामकुमार सोनी (हितकिशोर), हितांशी सोनी (सुमंगल ज्वेलर्स), भागवताचार्य करूणा शंकर त्रिवेदी, हितबल्लभ नागार्च, पार्षद वैभव अग्रवाल, रवि अग्निहोत्री, आचार्य जुगलकिशोर शर्मा,तरूण मिश्रा,रासबिहारी मिश्रा, भरत शर्मा,प्रिया मिश्रा राधाकांत शर्मा, मंजू शर्मा आदि की उपस्थिति विशेष रही। संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।महोत्सव का विश्राम सन्त-ब्रजवासी-वैष्णव सेवा के साथ किया गया।


डॉ. गोपाल चतुर्वेदी