टीम पापा के पुराने ट्रस्ट को भंग नही किया जा सकता ,जिलाधिकारी को मिली आख्या :मनोज शर्मा 'संरक्षक ।



हिन्दुस्तान वार्ता।आगरा

आगरा में बीते वर्ष प्रोग्रेसिव एसोशिएशन ऑफ़ पेरेंट्स का गठन , कोविड 19 विश्व महामारी फैलने के कारण पीड़ित अभिभावकों को एकत्रित कर आंदोलन कर राहत पाने के लिए किया गया था।

आंदोलन के अंतर्गत टीम पापा ने शहर में कई ज्वलंत कार्यक्रम किये ,, शिक्षा भवन व कई विद्यालयों पर समय समय पर धरना , पोस्टकार्ड अभियान , हस्ताक्षर अभियान , एक पाती जनप्रतिनिधियों के नाम , फीस के लिए भीख मांगना , सड़क पर अभिभावक , मशाल जलुश भूख हड़ताल , आदि कार्यक्रमों से शासन प्रशासन को अभिभावकों की पीड़ा से अवगत करबाया गया , शासन आदेश के उलंघन को चिन्हित कर अभिभावकों को फीस भरने के लिए समय दिलवाया गया,हमेशा ही ऑन लाईन शिक्षा की पैरवी की गई ,

 9 से 12 कक्षा के मात्र रजिस्ट्रेशन शुल्क पर ही छात्रों की पढ़ाई सुचारू करवाई गई , जिसके तहत ही बहुत सारे विद्यालयों ने  बहुत से पीड़ित अभिभावकों को फीस में रियायत प्रदान की गयी व कई विद्यालयों को वर्ष में 2 माह की छूट प्रदान करने के लिए विवश होना पड़ा था।

पर सरकार के उदासीन रवैया से कोई भी फीस माफी के लिए महत्वपूर्ण निर्देश न मिलने पर सभी को राहत न मिल सकी 

टीम पापा का संघर्ष अब भी जारी है , किन्तु पिछले दिनों संस्था ने संस्था अध्यक्ष पद पर कार्य कर रहे दीपक सरीन को संस्था विरोधी व निज स्वार्थ में कार्य करने व अन्य कई आरोपो पर अध्यक्ष को संस्था से निष्काषित कर दिया था।

जिस पर निष्काषित व्यक्ति ने अपने आपको संस्था का सर्वोच्च बताते हुए व अन्य ट्रस्टियों पर उल्टे आरोप लगाते हुए ,ट्रस्ट को भंग करने की बात कह कर , संस्था के नाम के आगे *अवेयरनेस* लगाकर , मिलते जुलते नाम से अपने नए ट्रस्ट के गठन कर लिया था।

उस ही समय संस्था ट्रस्टियों ने विधिक कार्यवाही के लिए प्रक्रिया चालू कर दी थी, व इसके लिए कई अधिकारियों को पत्र लिख कार्यवाही करने के लिए लिखा गया था ।

एक पत्र आगरा जिलाधकारी पी0 एन0 सिंह को भी भेजा गया था जिस पर जिलाधकारी ने विधिक आख्या के लिए , दिनाँक 22 ओक्टुबर 2021 पत्र भेजा था।

सहायक महानिरीक्षक निबन्धन ,

एस0 के0 सिंह से  आख्या मांगी थी ।

जिस पर 8 नबम्बर 2021 को सहायक महानिरीक्षक निबन्धन ने जिलाधकारी को पत्र भेज कर स्पष्ट जानकारी दी कि *किसी भी विलेख का निरस्तीकरण मात्र सिविल न्यायालय ही कर सकता है ।

इसकी एक प्रति , संस्था के संरक्षक मनोज शर्मा को भी स्पीड पोस्ट से  सहायक महानिरीक्षक निबन्धन ने भेजी है ।

इस पर संस्था ट्रस्टियों का कहना है , हम सदैव से ही सत्य पर चलते हुए निस्वार्थ  संघर्ष कर रहे है , दीपक सरीन ने ट्रस्ट कार्यालय में  झूठा एफिडेविट देकर एक और अपराध किया है व शासन , प्रशासन ,

सम्मानित मीडिया , और आगरा के अभिभावकों को भ्रमित करने का काम किया है , संस्था के फेसबुक पेज , पुराने हेल्पलाइन नंबर , व्हाट्सएप ग्रुपो को कब्जा कर अपने नए ट्रस्ट के नाम मे बदल कर भी गलत किया जो अत्यंत शर्मनाक है , हमारी कार्यवाही जारी रहेगी , साथ अभिभावकों के पक्ष में संघर्ष भी जारी रहेगा , इस सरकारी कागज ने निष्कासित व्यक्ति मंशा व झूठ को बेनकाब किया है इसमें किसी को संशय नही होना चाहिये ।

उक्त जानकारी हिन्दुस्तान वार्ता को संस्था संरक्षक मनोज शर्मा ने दी।