साहित्य संस्था "श्री श्री साहित्य सभा "ने साहित्यकारों को किया सम्मानित।



हिन्दुस्तान वार्ता।

वृन्दावन।गौशाला नगर स्थित भागवत विदुषी श्री कीर्ति किशोरी जी के आश्रम "मयूर निकुंज" में इंदौर (मध्यप्रदेश) की प्रख्यात राष्ट्रीय संस्था "श्रीश्री साहित्य सभा" का वार्षिक अधिवेशन महन्त मोहिनी बिहारी शरण महाराज,विश्वविख्यात भागवत प्रवक्ता आचार्य बद्रीश जी महाराज एवं भागवत विदुषी कीर्ति किशोरी के पावन सानिध्य में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर श्रीश्री साहित्य सभा की मथुरा-वृन्दावन शाखा को गठित किये जाने का भी निर्णय लिया गया। जिसका संरक्षक भागवत विदुषी श्रीकीर्ति किशोरी एवं संयोजक वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी को नियुक्त किया गया। 

अधिवेशन में आकाशवाणी मथुरा-वृन्दावन के पूर्व उद्घोषक पं. राधाबिहारी गोस्वामी, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, "कृष्ण कीर्ति पत्रिका" के प्रधान संपादक सतेंद्र कुमार जोशी, युवा साहित्यकार राधाकांत शर्मा, पं. राधेश्याम शर्मा (राया) एवं ताराप्रसाद त्रिपाठी (पूर्व सहायक संचालक, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग,नई दिल्ली ) आदि को हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान देने के लिए "साहित्य शिखर" की मानद उपाधि, प्रशस्ति-पत्र,स्मृति-चिन्ह,शॉल आदि भेंट कर सम्मानित किया गया। इन सभी को यह सम्मान "श्रीश्री साहित्य सभा के संस्थापक चकोर चतुर्वेदी, संरक्षक जगदीश पचौरी, सह सचिव नरेंद्र उपाध्याय आदि ने प्रदान किया। 

इस अवसर पर महन्त मोहिनी बिहारी शरण एवं आचार्य बद्रीश जी महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि साहित्यकार समाज का दर्पण होता है। साहित्य शाश्वत व कालजयी होता है। अतः देश और समाज के उन्नयन में साहित्यकार की महत्वपूर्ण भूमिका है। हम सम्मानित हो रहे सभी साहित्यकारों को बहुत-बहुत बधाई व आशीर्वाद देते हैं कि वे दिन-दूनी,रात-चौगुनी प्रगति करें और साहित्य के क्षेत्र में ब्रजभूमि का ध्वज सारे विश्व में फैलाएं। 

अधिवेशन में सरस् काव्य संध्या का भी आयोजन सम्पन्न हुआ। जिसमें युवा साहित्यकार राधाकांत शर्मा ने ब्रजभाषा में राधाकृष्ण की महिमा से ओतप्रोत कवित्त सुनाकर सभी को भावविभोर कर दिया। 

इसके अलावा चकोर चतुर्वेदी,डॉ. गोपाल चतुर्वेदी,पं. राधेश्याम शर्मा, सतेन्द्र कुमार जोशी,भागवत विदुषी कीर्ति किशोरी एवं ताराप्रसाद त्रिपाठी आदि ने भी काव्य पाठ किया। संचालन चकोर चतुर्वेदी ने एवं धन्यवाद ज्ञापन जगदीश पचौरी ने किया। 


रिपोर्ट-डॉ. गोपाल चतुर्वेदी