सफला एकादशी व्रत पर विशेष। डॉ. विनोद शर्मा ,ज्योतिष एवं पराविद।




हिन्दुस्तान वार्ता।

यूँ  तो जितनी भी एकादशियाँ हैं सब सब विष्णु रूप हैं। विष्णु रूप का मतलब विष्णु शक्ति से युक्त। इसलिए इनके ध्यान से भी लाभ मिलता है। योगियों के लिए तो सब सुलभ है पर सामान्य के लिए तो व्रत आदि आचरण की क्रिया विधि आवश्यक है। जैसा कि इस एकादशी के नाम से स्पष्ट है सफला  अर्थात फलयुक्ता फल यानि परिणाम से पूर्ण। पर सफल शब्द के अर्थ में जाने से ही मतलब नहीं है। मतलब तो इस व्रत के करने से ही है। यह एकादशी का व्रत कामनाओं को पूर्ण  करने वाला है। सफल मनोरथ की वजह से ही इस एकादशी का नाम सफला एकादशी है।


 एकादशियाँ  स्वयं राममय होने से परमेश्वर के चिंतन में लीन रहती हैं पर यह एकादशी भक्तों को मनोवांछित फल देने वाली सिद्ध हुई है। इसलिए इस  एकादशी को विष्णु के निमित्त इसे सफला कहा गया। 


दैवी संपत्तियों का अधिकार न होता है सामान्य लोगों को। पर इस व्रत के करने वाले को आकस्मिक् दैवी संपदा का लाभ   मिल जाता है। बस यही इस एकादशी की दौलत है। विष्णु पूजन के लिए रक्ताभ नेत्रों वाले पुरुष रुप राम का ध्यान करना चाहिए या स्वयं कृष्ण में राम की छवि देखना चाहिए। क्योंकि राम स्वयं" सूर्य संपदा" के मालिक हैं। 

२१ फेस २ चैतन्य विहार, 

वृंदावन, मथुरा। 

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