दिल्ली की प्रसिद्ध संस्था सीसीपीआर ने उत्तर प्रदेश विधानसभा का किया चुनावी सर्वे।

हिन्दुस्तान वार्ता।दिल्ली

उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव को लेकर विभिन्न टीवी चैनलों द्वारा चुनाव पूर्व सर्वे किए गए हैं तथा अलग-अलग पार्टियों के लिए दी जाने वाली संभावित सीटों की संख्या की भविष्यवाणी की है। दिल्ली की प्रसिद्ध संस्था सीसीपीआर (विवाद एवं शांति शौध संस्थान) ने 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद इस बार भी चुनाव सर्वेक्षण किया है अपने इस सर्वेक्षण का आधार सीसीपीआर ने उत्तर प्रदेश के मतदाताओं से हुई बात के साथ-साथ निम्नलिखित तथ्यों का विश्लेषण बताया है। यह तथ्य हैं:

● 2010 के बाद सोशल मीडिया की बढ़ती भूमिका 

●सोशल मीडिया पर कट्टर गैरमुस्लिमों के विरुद्ध फतवे,

●अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक आतंकवाद का भय

● धर्म निरपेक्षता बनाम हिंदुत्व।

उत्तर प्रदेश के विभिन्न अंचलों पश्चिम, मध्य, पूर्व और बुंदेलखंड में सीसी पी आर ने अपने चुनाव पूर्व सर्वे के परिणाम घोषित किये हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 136 सीटों में भाजपा को 98 सपा को 22 बसपा को 16 सीट मिल सकती है जबकि कांग्रेस को एक भी सीट मिलने की संभावना नही है।

अवध की 118 सीट में भाजपा को 84, सपा को 20 बसपा को 14 एवं कांग्रेस को शून्य सीट मिल सकती हिअ।बुंदेलखंड की 19 सीट में से भाजपा को 16 सपा को दो बसपा को एक एवं कांग्रेस को शून्य तथा पूर्वांचल मि 130 सीट में 105 भाजपा गठबंधन सपा 8 बसपा 17 एवं कांग्रेस को शून्य सीट मिलने की संभावना है। इस प्रकार उत्तर प्रदेश की 403 सीट में से भाजपा गठबंधन को 303 सपा को 52 बसपा को 48 सीट मिल सकती है।जबकि सीसी पी आर के सर्वे में कांग्रेस का खाता नही खुलने की संभावना है।

2019 के लोकसभा चुनाव में सी सी पी आर ने भाजपा गठबंधन को उत्तर प्रदेश में 55-65 सीट जीतने का दावा किया था जबकि इसे 63 सीट मिली थी।सम्पूर्ण भारत मे एन डी ए को 372 सीट का दावा किया था जबकि उसे 350 सीट मिली थी।

■■स्रौत: Centre for conflict and peace research