डीयू ने सर्कुलर जारी कर, फिजिकल एजुकेशन टीचर्स को रोस्टर रजिस्टर में शामिल किया।

 


 - डीटीए ने खुशी जाहिर की।

  -डीटीए ने दो सप्ताह पहले वाइस चांसलर को लिखा था पत्र।

 - असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन में मिला आरक्षण ।

  हिन्दुस्तान वार्ता।दिल्ली                

  दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट रजिस्ट्रार ( कॉलेज) ने  कॉलेजों के प्रिंसिपलों / डायरेक्टर / संस्थानों को अति महत्वपूर्ण सर्कुलर जारी करते हुए फिजिकल एजुकेशन तथा स्पोर्ट्स साइंस के विभागों में असिस्टेंट प्रोफेसर /डायरेक्टर फिजिकल एजुकेशन के पद विभिन्न कॉलेजों /संस्थानों में रिक्त है इन पदों को स्थायी रूप से भरा जाना है । साथ ही इस संदर्भ में उचित प्रक्रिया के अंतर्गत इन पदों का स्थायीकरण किया जाना है । सर्कुलर में स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए है कि असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों को पहले /दूसरे ट्रांच में भर जाना सुनिश्चित किया गया है जिसमें रिजर्वेशन रोस्टर का कड़ाई से पालन करते हुए जल्द से जल्द भरा जाए । इस सर्कुलर के आने से फिजिकल एजुकेशन /स्पोर्ट्स साइंस  विभागों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया के लिए रास्ता आसान हुआ है । आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) ने फिजिकल एजुकेशन टीचर्स को रोस्टर रजिस्टर में शामिल करने संबंधी सर्कुलर जारी किए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए वाइस चांसलर प्रोफेसर योगेश सिंह को धन्यवाद दिया है । डीटीए ने दो सप्ताह पहले वाइस चांसलर को फिजिकल एजुकेशन टीचर्स को रोस्टर रजिस्टर में शामिल करने व आरक्षण देने के लिए पत्र लिखा था । 

   दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए ) के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि विश्वविद्यालय द्वारा प्रिंसिपलों / डायरेक्टर / संस्थानों को भेजे गए सर्कुलर में लिखा है कि फिजिकल एजुकेशन की समस्या से संबंधित प्रश्न समय -समय पर विश्वविद्यालय द्वारा उठाए गए और यह तय किया गया कि जहाँ कहीं भी सेवानिवृत्त अथवा किसी अन्य कारणों से वह पद खाली होने के बाद जहाँ कहीं भी फिजिकल एजुकेशन / स्पोर्ट्स डायरेक्टर / असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों को भरने से रोके रखा गया था , जब तक कि विश्वविद्यालय इस संदर्भ में कोई उचित दिशा निर्देश नहीं दे देता । उन्होंने सर्कुलर में स्पष्ट लिखा है कि इन पदों को लेकर कॉलेज / विश्वविद्यालय की जो भी स्थिति रही हो फिजिकल एजुकेशन / स्पोर्ट्स के खाली पड़े असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों को पहले /दूसरे ट्रांच (ओबीसी पदों की दूसरी किस्त ) भर दिया जाना सुनिश्चित किया गया है।    

उन्होंने स्पष्ट किया है कि इसमें रिजर्वेशन रोस्टर का कड़ाई से पालन करते हुए जिसे कॉलेज /संस्थानों ने तैयार किया है उसका उचित अनुपालन करते हुए इन पदों को कॉलेज में स्वीकृत वर्कलोड के आधार पर ही इन पदों को जल्द से जल्द भरा जाना चाहिए ।

    डॉ. सुमन ने बताया है कि विश्वविद्यालय द्वारा भेजे गए सर्कुलर में कॉलेजों /डायरेक्टर / संस्थानों को कहा है कि सर्कुलर में दिए गए दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक तथा तुरंत कार्यवाही उचित नियमों का पालन करते हुए किया जाना चाहिए।

 उनका कहना है कि असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन के पदों को लंबे समय से कॉलेजों द्वारा रोके रखा गया था , कुछ कॉलेजों ने फिजिकल एजुकेशन डायरेक्टर तो कुछ ने असिस्टेंट प्रोफेसर का पद रखा था, साथ ही इसे रोस्टर रजिस्टर में शामिल नहीं कर रहे थे लेकिन इस सर्कुलर के आने से फिजिकल एजुकेशन में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए रास्ता खुल गया है।

उन्होंने बताया है कि वाइस चांसलर को दो सप्ताह पूर्व पत्र लिखकर फिजिकल एजुकेशन टीचर्स को रोस्टर रजिस्टर में शामिल करने व कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन की पोस्ट निकाले जाने की मांग की थीं । जिसमें लिखा था  और उन्हें  बताया गया कि कुछ कॉलेज असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन की पोस्ट ना निकालकर उसके स्थान पर डायरेक्टर फिजिकल एजुकेशन की पोस्ट निकाल रहे है जिसे रोस्टर से बाहर कर दिया गया है जबकि इन  कॉलेजों में पहले बने रोस्टर के आधार पर एससी /एसटी  व ओबीसी की पोस्ट पर लंबे समय से  ये एडहॉक असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन टीचर  के रूप में कार्य कर रहे है । इस सर्कुलर के आने पर वे अपनी स्थिति में बने रहेंगे।

   उन्होंने बताया है कि हाल ही में कुछ कॉलेजों ने अपने विज्ञापनों में सहायक प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन की पोस्ट ना निकालकर डायरेक्टर फिजिकल एजुकेशन के रूप में निकाली थीं जिसको कॉलेज के रोस्टर रजिस्टर में शामिल नहीं कर रहे थे जबकि कुछ कॉलेजों में रोस्टर के कारण ही एससी/एसटी और ओबीसी की पोस्ट बनने पर ही वे असिस्टेंट प्रोफेसर एडहॉक के रूप में उक्त कॉलेज में पढ़ा रहे है।   उनका कहना है कि डायरेक्टर फिजिकल एजुकेशन की पोस्ट करने से रोस्टर रजिस्टर से बाहर हो जाता है और उनकी सेवानिवृत्त होने की उम्र 62 है जबकि असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन की उम्र 65 है ।

   असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन टीचर्स में मिला आरक्षण ---डॉ . सुमन ने बताया है कि असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन के पदों पर आरक्षण की मांग लंबे समय से की जा रही थीं । काफी अरसे बाद उनकी मांग को स्वीकार कर लिया गया । उन्होंने बताया है कि डीयू में लगभग 80 कॉलेज है और हर कॉलेज में 2 असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन टीचर्स होने चाहिए । जिन कॉलेजों में छात्रों की संख्या ज्यादा है वहाँ 03 असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन की आवश्यकता है । 

  आरक्षण के हिसाब से देखा जाए तो यदि दो असिस्टेंट प्रोफेसर भी माने तो--160 टीचर्स की आवश्यकता है । आरक्षण के हिसाब से  एससी /एसटी व ओबीसी कोटे की 80 असिस्टेंट प्रोफेसर बनेंगे । इसमें एससी--24 पद , एसटी--12 पद व ओबीसी --44 पद बनेगें । उन्होंने पुनः डीटीए की ओर से असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन में आरक्षण व रोस्टर में शामिल करने वाले कॉलेजों को भेजे गए सर्कुलर पर वाइस चांसलर को धन्यवाद दिया है ।