आगरा में बिरजू महाराज पर बनी फिल्म,इंग्लैंड में हुई रिलीज।





- कथक गुरु की शिष्या काजल शर्मा ने इंग्लैंड के मैनचेस्टर में किया लॉन्च । 

- पं. बिरजू महाराज के गौरवशाली जीवन को रेखांकित कर रही है लघु फिल्म।  

हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा। पद्म विभूषण कथक गुरु पं. बिरजू महाराज की कला साधना की स्मृतियों को संजोते हुए उनके गौरवशाली जीवन को रेखांकित करती  लघुफिल्म का निर्माण आगरा में हुआ। कथक गुरु की शिष्या काजल शर्मा ने श्रद्धांजलि समारोह अर्पण के मौके पर इंग्लैंड के मैनचेस्टर में इस लघुफिल्म का को रिलीज किया। इंक्रेडिबल इंडिया फाउडेशन द्वारा निर्मित इस लघु फिल्म का निर्देशन अजय शर्मा व स्क्रिप्ट राइटिंग आदर्श नंदन गुप्ता की है। 

स्वर प्रदान किया है मशहूर गायक सुधीर नारायन ने। लगभग 10 मिनट की इस लघु वीडियों फिल्म में काजल शर्मा के बिरजू महाराज से जुड़ीं कुछ गौरवशाली स्मृतियों को भी शामिल किया गया है। फिल्म के लॉन्चिंग से पूर्व इंग्लैंड की संस्था अर्पण के कलाकारों ने संगीत प्रस्तुति दी जिसने आयोजन को यादगार बना दिया। जिसमें तबला वादन उस्ताद शाहबाज़ हुसैन, वोकल व हारमोनियम राकेश जोशी, डॉ. विजय राजपूत और वीणा वादन डॉ. मधुसूदन ने किया । 

बिरजू महाराज की विरासत को आगे बड़ा रही हैं,काजल शर्मा:-

 काजल शर्मा कहती हैं कि मेरे गुरु प. बिरजू महाराज की विरासत का संवर्धन करना मेरा मकसद है। यह लघु फिल्म महाराज जी के ब्यक्तित्व और कृतित्व को कथक प्रेमियों तक पहुंचाने का काम कर रही है। काजल कई दशकों से कथक का प्रशिक्षण देती देते हुए बिरजू महाराज की विरासत का संवर्धन इंग्लैंड में कर रही हैं। खास बात है कि काजल शर्मा को उनके क्रतित्वों के लिए इंक्रेडिबल इंडिया फाउडेशन द्वारा साल 2021 में ब्रज रत्न अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। 

वर्जन-

गुरु शिष्य परम्परा अनुपम उदाहरण बनेगा प्रेरणा।

सनातन धर्म के मूल संस्कार वसुधैव कुटुम्बकम् अर्थात सम्पूर्ण धरती एक परिवार है की भावना से ओतप्रोत रहे कथक गुरु पद्म विभूषण पं. बिरजू महाराज ने अपनी कला साधना से पूरे विश्व को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया है। यह लघु फिल्म गुरु पं. बिरजू महाराज के जीवन दर्शन को भावी पीढ़ी से रूबरू कराते हुए गुरु शिष्य परम्परा का एक अनुपम उदाहरण पेश करेगी। 

- काजल शर्मा, शिष्या, पं. बिरजू महाराज।

 यादों को संरक्षित करने का प्रयास:-

  कथक, बिरजू महाराज की देह में आत्मा की तरह बसता था। वे अपने नृत्य के ज़रिये आंखों की भाव भंगिमा, हाथों की मुद्राएं, पद संचालन और देह के लोच से जो प्रतिपल रसमाधुर्य बिखेरते थे। वे अपनी कथक साधना के लिए लोगों के दिलों में हमेशा जिन्दा रहेंगे। यह लघुफिल्म कथक सम्राट की इन स्मृतियों को संरक्षित करने की दिशा में एक प्रयास है।   

- अजय शर्मा, निर्देशक, लघु फिल्म।

पं. बिरजू महाराज के भीतर प्रतिभा का महासागर था:-

कथक सम्राट बिरजू महाराज को तबला, पखावज, ढोलक, नाल और तार वाले वाद्य का भी गहरा ज्ञान था। देश-विदेश में हज़ारों प्रस्तुतियां देने वाले पं. बिरजू महाराज के भीतर प्रतिभा का महासागर था ये लघु फिल्म युवाओं उनके जीवन दर्शन को से प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करेगी। 

-  सुधीर नारायण, गजल गायक।

पटकथा संछिप्त में लिखना चुनौतीपूर्ण रहा:-

- मेरे लिए ये बड़ा यादगार अनुभव रहा कि पद्म विभूषण पं. बिरजू महाराज की स्मृतियों को संकलित कर लघु फिल्म के लिए मैंने पटकथा लिखी  में खुद को गौरवान्वित महसूस करता हूँ कि कथक की दुनिया की उस महान शख्सियत के लिए मैं कुछ कर सका। प्रतिभा के इस हिमालय के जीवन की पटकथा संछिप्त में लिखना चुनौतीपूर्ण कार्य रहा। 

- आदर्श नंदन गुप्ता, पटकथा लेखक।