स्व.डॉ.अजय कु.शर्मा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाशित स्मारिका का विमोचन, एवं शख्सियतों का हुआ सम्मान।






हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा। स्वर्गीय डॉ अजय कुमार शर्मा स्मृति स्मारिका का विमोचन समारोह पालीवाल पार्क स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के जुबली हॉल में संपन्न हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि और हिंदुस्तान के समूह संपादक शशि शेखर थे। विशिष्ट अतिथि महापौर नवीन जैन, प्रो-वाईस चांसलर प्रो. अजय तनेजा और श्री मनकामेश्वर मंदिर के महंत योगेश पुरी थे। स्व. डॉ. अजय शर्मा की धर्मपत्नी मृदु शर्मा भी मंचासीन थीं। कार्यक्रम की शुरुआत में मंचासीन अतिथियों ने माँ शारदा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर उदघाटन किया। 

समारोह के मुख्य अतिथि और हिंदुस्तान के समूह संपादक शशि शेखर ने कहा उन शहरों से गुजरना जहाँ आपका बचपन गुजरा हो बड़ा तकलीफ़ देह होता है। जैसे-जैसे चीजें खत्म होती हैं तो आपका बचपन भी खत्म हो जाता है। याद आता है 1970 के दशक में जब अपनी अवज्ञाओं के आलोक गढ़ रहे थे मैं और अजय जी। वो जर्नलिज़्म ही क्या जिसमें विद्रोह न हो। हमने साइकिल से पत्रकारिता की, उस वक़्त अजय जी भी साथ थे। उन्होंने कहा मुझे याद आती हैं एक सिनेमा के गीत की लाइनें जो शायर साहिर लुधियानवी ने लिखी हैं-मैंने जो गीत तेरे प्यार की ख़ातिर लिखे, आज उन गीतों को बाज़ार में ले आया हूँ...! सिनेमा के शुरू से शौक़ीन रहे हैं हम, पिताजी की सलाह पर डायरी लिखने लगा था, उस डायरी के मुताबिक एक बार तो एक साल में 168 फिल्में देखीं थीं।

 अजय जी के पिता जी आनंद शर्मा जी को मैं ताऊ जी कहता था।एक दौर था ,यादों का एक लंबा सिलसिला है, ये यादों का ऐसा इनबॉक्स है जिसमें जंक का कोई स्थान नहीं है।

 उन्होंने कहा पत्रकारिता हमेशा लीक से हटकर चलने का नाम है। खबर का अकेला प्राणतत्व है सच। सच में कुछ मिला देते हैं तो वह कथा हो जाती है, कहानी हो जाती है। पत्रकारिता में खतरे कल भी थे और आज भी हैं। कोलंबिया में खतरे माफ़िया से हैं और हमारे यहाँ माफ़िया हुकूमत भी करते हैं। प्रिंट मीडिया के भविष्य के सवाल पर कहा हॉवर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च रिपोर्ट सही साबित हुई तो 2032 के आसपास आखिरी अख़बार छपेगा। आज न्यूजप्रिंट के जो भाव तेजी से बढ़ रहे हैं अखबारों के लिए बहुत चुनौतीभरा वक़्त है।

महापौर नवीन जैन ने कहा कोरोना की पहली लहर में हल्ला बहुत मचा मगर जनहानि उतनी नहीं हुई, लेकिन दूसरी लहर में जनहानि हुई, लोगों के फोन आते थे किसी का दवाई के लिए, किसी का ऑक्सिजन के लिए। शमशान घाट पर लकड़ियों तक कि किल्लत थी। ऐसा वक़्त भगवान कभी न दिखाए, इसने हमसे अजय शर्मा जी को छीन लिया। हम जब गुदड़ी मंसूर खाँ में रहते थे, अजय शर्मा का परिवार बेलनगंज में रहता था, बहुत सी यादें मेरी उनसे जुड़ी हुई हैं।

प्रो वाईस चांसलर प्रो. अजय तनेजा ने कहा कोई कोई शख्स हमारे जीवन में कुछ यूँ घर कर जाता है कि उसको भुला पाना मुश्किल हो जाता है। महंत योगेश पुरी ने कहा जिसका जन्म हुआ है उसका इस दुनिया से जाना भी तय है मगर इतनी जल्दी जाना बहुत दुख दे गया। 

शुरू में उनके परिवार के करीबी रहे पूर्व आईएएस शशिकांत शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए। महिला आयोग की सदस्या निर्मला दीक्षित ने कहा पाँच साल तक अजय शर्मा जी ने बिना वेतन अपनी सेवाएं केएमआई में दीं। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव और वित्ताधिकारी सहित प्रमुख शिक्षक भी मौजूद थे। 

इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद भारद्वाज को स्व. आनंद शर्मा स्मृति सम्मान, स्व. कमलेश स्मृति सम्मान महिला आयोग की सदस्या निर्मला दीक्षित को, स्व. अजय कुमार शर्मा स्मृति सम्मान वरिष्ठ पत्रकार गोलेश स्वामी को दिया गया। वहीं पत्रकारिता में सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त कर अजय शर्मा गोल्ड मैडल हासिल करने वाले छात्र जैकी और स्मारिका के संपादक भानु प्रताप सिंह को भी सम्मानित किया गया।

  इस अवसर पर  बरिष्ट पत्रकार गण डॉ. बचन सिंह सिकरवार ,अनिल शर्मा, गिरजा शंकर शर्मा, राजीव सक्सेना, आदर्श नन्दन गुप्ता, सजंय तिवारी, सुनयन शर्मा, अधर कुमार शर्मा ,जगत शर्मा, एवं बरि.छाया पत्रकार असलम सलीमी एवं पत्रकार अजय शर्मा ,संजीव शर्मा आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

कार्यक्रम में प्रमुख समाज सेवी डॉ. रामबाबू अग्रवाल की उपस्थिति सराहनीय रही। 

 अतिथियों का स्वागत ब्रजेश शर्मा, शिखा शर्मा, क्यूरी शर्मा, ग्रेनी शर्मा आदि ने किया। संचालन सुशील सरित ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन ई.ब्रजेश शर्मा एडवोकेट ने किया।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।