शहीदों के सरताज श्री गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी गुरुपर्व बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाया गया।







हिन्दुस्तान वार्ता। आगरा

सिक्खों के पांचवे गुरु,गुरु अर्जुन देव जी जिनका आज शहीदी दिवस है, आज आगरा ही नहीं संपूर्ण देश विदेश में श्रद्धा पूर्ण वातावरण में मनाया गया।जहां एक ओर विभिन्न गुरुद्वारों द्वारा मीठे पानी की छबील लगाई गई ,वहीं दूसरी तरफ कथा और कीर्तन की प्रबल रस धारा वहीं ।

मुख्य आयोजन केंद्रीय स्तर पर श्री गुरु सिंह सभा माईथान पर प्रातः 5.30 बजे से गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश से हुआ।

दरबार साहिब अमृतसर से पधारे भाई अमनदीप सिंह जी ने गुरु अर्जुन देव जी की वाणी 

सतरूप सतनाम सत संतोख धारियों उर का गायन करते हुए कहा कि मथुरा भट्ट जी ने गुरु जी की स्तुति मे यह शब्द उचारा है।

अपने दूसरे शब्द में उन्होंने

जपीऊ जिन अर्जुन देव गुरु

का गायन कर संगत का मन मोह लिया।

सिंह साहिब ज्ञानी बलबिंदर सिंह जी ग्रंथी सचखंड श्री दरबार साहिब ने पंचम पातशाह की शहादत पर प्रकाश डालते हुए बताया,कि किस प्रकार वह शहीदों के सरताज कहलाए गए।

लखीमपुर खीरी से पधारे ढाढ़ी जत्था भाई मनजिंदर सिंह मौजी ने गुरु अर्जुन देव जी की पावन शहादत पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने शांति प्रिय तरीके से शहादत दी। 

इससे पूर्व भाई मेजर सिंह मधु नगर वालो ने..

"कोई आन मिलावे मेरा प्रीतम पियरा.. का गायन कर संगत का मन मोह लिया।

सुखमनी सेवा सभा के वीर महेंद्र पाल सिंह,गुरमीत सेठी ने गुरबाणी का गायन किया। 

अखंड कीर्तनी जत्थे के भाई जसपाल सिंह ने संपूर्ण आसा दी वार का कीर्तन किया। ज्ञानी कुलविंदर सिंह ने सरबत के भले की अरदास की।

कार्यक्रम में कवल दीप सिंह प्रधान एवम देवेंद्र सिंह खालसा ने आई ए एस परीक्षा मे उत्तीर्ण कांची सिंघल को इस अवसर पर उनकी कामयाबी के लिए सम्मलित किया।

पर्व के कार्यक्रम में पाली सेठी,समन्वयक बंटी ग्रोवर,परमात्मा सिंह,अरोरा,प्रवीण अरोरा, रशपाल सिंह,वीरेंद्र सिंह,हरपाल सिंह अजीत सिंह आदि की सराहनीय भूमिका रही ।

वहीं दूसरी तरफ गुरु के ताल गुरुद्वारे पर सुबह 8.30 बजे छबील लगी जो शाम तक चली और यहां हाई वे पर जाम नही लगे इस वार नव निर्मित दर्शनी ड्योडी पर लगाई गई।

साथ ही गुरुद्वारा में सुबह से ही कीर्तन गायन चलता रहा।

संत बाबा प्रीतम सिंह ,मास्टर गुरनाम सिंह आदि का सहयोग रहा।

इसके अतिरिक्त गुरुद्वारा लोहा मंडी द्वारा लोहा मंडी चौराहे,गुरुद्वारा शाहगंज,नानक पाड़ा,दमदमा साहिब,गुरुद्वारा शहीद नगर में भी शहीदी पर्व बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाया गया।