कुकथला के किसानों ने कहा- मांगे नहीं मानी गई तो जान दे देंगे,लेकिन बहुफसली जमीन का अधिग्रहण नही होने देंगे।




हिन्दुस्तान वार्ता। आगरा देहात

कीठम से भांडई तक बाईपास रेल लाइन भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे गांव कुकथला के किसानों से करार कराने को पहुंचे एडीएम प्रशासन अजय कुमार ,तहसीलदार नीरज शर्मा व लेखपाल अनिल सोलंकी की टीम से साफ साफ शब्दों में करार करने से इंकार कर दिया, किसानों ने कहा कि हम पांच करोड़ रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजा, एक किसान परिजन को सरकारी नौकरी, आजीवन परिवार सहित पूरे भारत में मुफ्त रेल यात्रा सुविधा, सिंचाई विभाग की गूल, निजी समरसैविल की पाईप लाईन, खेतों पर आवागमन के लिए चकमार्ग/ सम्पर्क मार्ग की समुचित व्यवस्था, अधिग्रहण के बाद आंशिक रूप बची हुई का भी अधिग्रहण किए जाएं, प्रभावित ग्राम पंचायत के विकास हेतु 10 करोड़ रूपए, धरने के दौरान मृतक दो किसानों के परिजनों को 25, 25 लाख रूपए एवम बीमार हुए किसानों को 5,5 लाख रूपए का मुआवजा दिया जाए।

   एडीएम प्रशासन ने किसानों से कहा कि रेल लाइन भूमि अधिग्रहण के लिए एवार्ड हो चुका है, इसलिए 2017 की सर्किल रेट से ही मुआवजा मिलेगा, एवार्ड होने के कारण किसानों को 2022 की सर्किल रेट से मुआवजा नहीं दिया जा सकता है।

    बाईपास रेल लाइन भूमि अधिग्रहण विरोध संघर्ष समिति के संयोजक चौधरी दिलीप सिंह ने कहा है कि शासन/ प्रशासन किसानों के साथ तानाशाह रवैया अपना रहा है ज़मीन अधिग्रहण के अवार्ड से पहले से ही किसानो ने आपत्तियां दर्ज कराई थी लेकिन तानाशाह शासन/ प्रशासन के द्वारा किसानों की कोई सुनवाई नहीं की गई।

   कुकथला पंचायत भवन पर संवाद के दौरान मुख्य रूप से ग्राम प्रधान पवन बघेल, चौधरी कोमल सिंह, बच्चू सिंह, परशुराम उपाध्याय, अबदेश खलीफा, मोहर सिंह, मुख्तयार सिंह, विष्णु पिप्पल, राजकुमार, मोहर सिंह, कालीचरण, अजय चौधरी, चौधरी मंजीत सिंह, बॉबी, बीतू, सीपू सिकरवार सहित दरजनों किसान मौजूद रहे।

 वही कीठम से भांडई तक बाईपास रेल लाइन भूमि अधिग्रहण के विरोध में गांव नानपुर मोड़ मिढ़ाकुर पर 14 अप्रैल से चल रहा बेमियादी धरना 75 दिन वें भी जारी रहा।

रिपोर्ट-आर. के.लवानिया