राम काज करके ही लिया पूर्ण विश्राम। विदा हुए श्री रामलीला कमेटी के महामंत्री ,श्री भगवान जी अग्रवाल।




 हिन्दुस्तान वार्ता।आदर्श नन्दन गुप्ता

 एक अद्भुत व्यक्तित्व थे, आदरणीय बाबूजी ( श्रीभगवान जी अग्रवाल)। भगवान श्री राम के प्रति समर्पित। जब भी मिलो तब यही कहते थे, "राम काज किए बिना, मोहि कहां विश्राम।" लंबे समय तक राम काज करते हुए उन्होंने जीवन में विश्राम ले लिया।

  रामलीला कमेटी का आयोजन काल हो अथवा उससे बाद के समय, व्यापारिक कार्यों से अधिक वक्त वे श्री रामलीला कमेटी के निरंतर संचालन में देते थे। कमेटी को सुद्रढ़ करने, रामलीला महोत्सव को और अधिक ऊँचाइयों पर पहुँचाने लिए हमेशा तत्पर रहते थे। 

  श्री रामलीला कमेटी में दायित्वों का निर्वहन करने वाले श्रीभगवान जी संभवत प्रथम व्यक्तित्व होंगे, जिन्होंने अपने जीवन काल का सर्वाधिक समय भगवान श्रीराम की इस कमेटी को समर्पित कर दिया। मेरा मानना है कि उपासना पद्धति के कई प्रकार होते हैं; भगवान श्रीराम का अनुष्ठान करना, राम नाम की माला जपना, राम के प्रति अन्य आयोजन कराना। इन सब में मैं बड़ा अनुष्ठान श्रीराम लीला कमेटी के इस कार्य को मानता हूं। अतः  हम सबके लिए वे सबसे बड़े  राम भक्त अथवा एक संत थे, जिन्होंने निर्विकार भाव से इतने वर्षों तक भगवान श्री राम का कार्य करते हुए रामलीला कमेटी का अद्भुत नेतृत्व किया। उसको हमेशा बिखरने से बचाया भी और सुदृढ़ भी किया, ताकि उत्तर भारत की इस प्राचीन और प्रमुख रामलीला महोत्सव की छाप जनमानस के मन मष्तिष्क पर बनी रहे । लोगों को जोड़ना और जो जुड़ गए, उन्हें संभाले रखना, यह उनकी अद्भुत कला थी।

   श्री रामलीला कमेटी के बड़े आयोजनों को सुव्यवस्थित तरीके से कराना, उनकी महत्वपूर्ण दक्षता थी। ऐसे लोग समाज में विरले ही होते हैं।

   मेरा उनसे परिचय करीब 35 वर्ष से था। इससे पहले श्री भगवान जी हमारे पूज्य पिताजी स्वर्गीय रोशन लाल गुप्त 'करुणेश' जी से मिलने अक्सर बेलनगंज स्थित निवास पर आया करते थे, इसलिए मुझे भी अपने परिवार का ही सदस्य मानते थे। अधिक आयु होने और बीमारियों से जूझने के बावजूद भी उनकी स्मरण शक्ति हम लोगों से बहुत बेहतर थी। उन्हें आगरे का पूरा इतिहास याद था। वे आगरे की कला, संस्कृति में भी रचे बसे थे।

  किस-किस तरह से रामलीला कमेटी के उत्थान की प्रक्रिया को बढ़ाया गया ,किस- किस  तरह से विघ्न बाधाओं को दूर करते हुए, राम लीला मंचन, राम बारात, जनकपुरी का संचालन किया गया; ये श्री अग्रवाल जी अक्सर बताया करते थे। मैंने भी अक्सर देखा कि तमाम दिक्कतें समय-समय पर आती रहीं, रामलीला कमेटी पर संकट के बादल कभी-कभी गहराए भी, लेकिन उनका धैर्य, उनका संयम अद्वितीय था| यही कारण है कि श्री रामलीला कमेटी के आयोजनों में कभी कोई विघ्न नहीं आया ,आयोजन निर्विघ्न संपन्न कराना, उनके व्यक्तित्व, कृतित्व में शामिल था।

  श्री भगवान जी ने लोक संस्कृति और परंपराओं को जीवंत बनाये रखा।

संस्कार भारती, आगरा के वे संस्थापक अध्यक्ष थे और 12 वर्षों तक इस पद पर रहे। 

श्री अग्रवाल जी श्री गौशाला कमेटी और किराना कमेटी सहित तमाम संस्थाओं के विशेष पदों पर रहे,  जिसमें उन्होंने अपने अनुभवों से उनका कुशल संचालन किया। उसके कार्यों का संवर्धन किया।

कई पुस्तकों के लिए विभिन्न धार्मिक ,सामाजिक विषयों पर उनकी टिप्पणियां समय-समय पर ली।

लंबे समय से लगातार उनका सानिध्य और उनका आशीर्वाद मुझे मिला।उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत रूप से दुख हुआ है, नुकसान हुआ है। मै उम्मीद करता हूँ कि श्री रामलीला कमेटी के यशस्वी और डायनामिक मंत्री श्री राजीव अग्रवाल सहित रामलीला कमेटी के सभी शीर्ष पदाधिकारी उनकी कमी को पूरा करने का भरसक प्रयास करेंगे। बल्कि, आदरणीय श्री भगवान जी के सपनों से अधिक ऊंचाइयों पर श्री रामलीला को ले जायेगें। सभी पदाधिकारी अपने कौशल से, अपने अनुभव से, उनके सपनों को अवश्य ही पूरा करेंगे; यह मेरी प्रभु राम जी से कामना है। मैं आदरणीय बाबू जी के चरणों मे नमन करते हुए हार्दिक श्रद्धाजंलि अर्पित करता हूँ।

 ✍️आदर्श नन्दन गुप्ता, ए-3, सीताराम कॉलोनी , फेस,1, बल्केश्वर, आगरा, मोबाइल नम्बर 09837069255