आर.टी. ई. दाखिले शत प्रतिशत हों,विभाग में भ्रष्टाचार बंद हो:टीम पापा

 


 हिन्दुस्तान वार्ता।आगरा

 गरीबी के कारण खुद अपना जीवन किसी प्रकार गुजारने के बावजूद,अपने बच्चों को शिक्षा के अधिकार के तहत अच्छी शिक्षा दिल्वाने के पृयास में, शहर के हजारों अविभावक, पिछ्ले तीन महीनों से, तमाम स्कूलों और शिक्षा विभाग के चक्कर काटते हुए देखे जा सकते हैं। 

जब प्रोग्रेसिव ऐसोसिएशन ऑफ़ परेंट्स ,टीम पापा ने इन अविभावकों की समस्या के समाधान के लिये, शिक्षा विभाग से अपील की तब शिक्षा विभाग ने आवन्टी स्कूलों को पत्र भेज कर ऐडमिशन लेने को कहा, 

लेकिन अभी भी कई स्कूलों द्वारा, शिक्षा विभाग से कोई भी पत्र ना मिलने की बात कहते हुए इन पात्र बच्चों का हक़ मारने की कोशिश की जा रही है। 

टीम पापा का कहना है की RTE के तहत कुछ बच्चों को मिशनरी स्कूल आवंटित हुए हैं, जबकि मिशनरी वाले स्कूल खुद को इस व्यवस्था से अलग बताते हुए कहते हैं कि उन पर शिक्षा विभाग के RTE ऐडमिशन के नियम लागू नही होते।

टीम पापा का कहना है,

जब शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत वह अल्पसंख्यक स्कूल शामिल नहीं हो सकते जो , मदरसे , वेद ,पढ़ाने बाले विद्यालय है , किन्तु सीबीएससी ,आईसीएससी के बोर्ड के अंदर आने वाले विद्यालयो पर यह लागू नही होता है ,

 आवंटित हुए माइनोरिटी में दर्ज स्कूलों की यदि माने तो अल्पसंख्यक स्कूलों पर शिक्षा के अधिकार के तहत ऐडमिशन का नियम लागू  नही होता, 

तो फिर शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ये गैर जिम्मेदाराना कार्य कैसे किया गया, कि अल्पसंख्यक स्कूलों के नाम में  ऐडमिशन कैसे अल्लौट कर दिये। 

और यदि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इन स्कूलों के नाम आवंटन में दिये हैं, तो अल्पसंख्यक स्कूल किस आधार पर शिक्षा के अधिकार के तहत ऐडमिशन के लिये मना कर रहे हैं।

हाल ही में लखनऊ के सेंटिनियल हायर सेकेंडरी स्कूल के परिसर में  गलत ढंग से मेथोडिस्ट चर्च स्कूल को गलत मान्यता देने के मामले में तीन अधिकारियों व एक बाबू को निलम्बित कर दिया गया था, जिसमे बीएसए विजय प्रताप सिंह , तत्कालीन एडी बेसिक एन सिंह , डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटी एवं चिट्स विनय कुमार श्री वास्तव एडी बेसिक में तैनात प्रधान सहायक दाता प्रसाद पर कार्यवाही की गयी।

 इससे यह स्पष्ट है विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला है , जिस पर  विराम लगना चाहिये।

 निजी स्कूल भी अविभावकों को ऐडमिशन लेने से मना करते हुए उन पर स्कूल बदलवाने के लिये दवाब बना रहें, ताकि उनके स्कूलों में सीट खाली बचने पर, उन सीटों पर पेड ऐडमिशन लिये जा सके। 

इस प्रकरण में भी स्थानीय स्तर पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की सन्लिप्तता प्रतीत होती है।  

प्रोग्रेसिव ऐसोसिएशन ऑफ़ पेरेंट्स- टीम पापा ने एक आपात बैठक आयोजित करके इस RTE ऐडमिशन में  हो रही लापरवाही और स्कूलों द्वारा अविभावकों के उत्त्पीड़न और शिक्षा विभाग द्वारा शासन के आदेशों का पूर्णतः पालन नहीं करवाने पर बेहद चिंता और अफसोस व्यक्त किया, साथ ही शिक्षा के अधिकार के तहत ऐडमिशन मामले में शिक्षा विभाग और शिक्षा का व्यापार कर रहे निजी स्कूलों की मिलीभगत की भी आशंका व्यक्त की। 

मीडिया के माध्यम से टीम पापा ने शिक्षा विभाग को हिदायत दी है कि सभी लम्बित ऐडमिशन को सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा में अविलम्ब करवाये जाएँ , अन्यथा, जिन स्कूलों में  पात्र बच्चों के नाम आवंटित हुए हैं, और जो स्कूल नामों के आवंटन के बावजूद भी शासन के आदेशों का माखौल उड़ाते हुए बच्चों के शिक्षा के हक को मार रहे हैं।

टीम पापा उन स्कूलों पर ताला बन्दी करने को विवश होगी। जिसकी पूरी जिम्मेदारी शिक्षा का अधिकार छीनने की करने वाले स्कूल प्रबंधन और शिक्षा विभाग की होगी।

बैठक में संस्था संरक्षक मनोज शर्मा , अरुण मिश्रा ,दीपक वर्मा , अरुण भाटिया,अमर सिंह सेंगर , शोभित जेटली व पीवीन सक्सेना आदि मौजूद रहे ।