एमिटी विश्वविद्यालय और आईआईटी गुवाहाटी के मध्य समझौता पत्र पर हुए हस्ताक्षर।





हिन्दुस्तान वार्ता।नोयडा

शैक्षणिक भागीदारी व शोध नवाचार आदि क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर विचार करते हुए आज एमिटी विश्वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी के मध्य समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया गया। एमिटी विश्वविद्यालय के आई टू ब्लाक सभागार में आयोजित इस समझौता पत्र समारोह में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी के निदेशक डा टी जी सीथाराम और एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर आईआईटी गुवाहाटी के पब्लिक रिलेशन, ब्रांडीग और रैकिंग के डीन प्रो पी के अय्यर, एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ हेल्थ एंड एलाइड सांइसेस के डीन डा बी सी दास भी उपस्थित थे।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी के निदेशक डा टी जी सीथाराम ने संबोधित करते हुए कहा कि हम एमिटी की तेजी से कर रहे विकास की गती का देख रहे है। हमारे संस्थानों के मध्य पहले से ही आपसी सहयोग है और अब हम उन्हे अनुसंधान और अनुसंधान के परिणामों के क्षेत्र में सहयोग पर मजबूती से कार्य करना चाहते है। डा सीथाराम ने आईआईटी गुवाहाटी के परिसर, पाठयक्रमों, बहुविषयक सेंटरों और स्कूलों के बारे में बताते हुए कहा कि स्कूल ऑफ डाटा सांइस और एआई, स्कूल ऑफ एग्रो एंड रूरल टेक्नोलॉजी, स्कूल ऑफ बिजनेस के बारे मे जानकारी देते हुए अकादमिक सेंटरों जैसे नैनोटेक्नोलॉजी सेंटरों, इंटेलिजेंट साइबर फिजिकल सिस्टम, ड्रोन टेक्नोलॉजी सेंटर के बारे में भी बताया। वर्तमान समय अंतः विषयक और बहुविषयक शोध का है इसलिए आपसी सहयोग और भी महत्वपूर्ण है। आत्मनिर्भर भारत के उददेश्य को पूर्ण करने के लिए अकादमिक संस्थानों द्वारा विकसित की गई तकनीकीयों का हस्तांतरण आवश्यक है। 

 एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में संस्थानों के मध्य आपसी सहयोग आवश्यक है जिससे अनुसंधान और नवाचार को नई गती प्राप्त होगी और आम व्यक्ति की समस्याओं के निवारण शीघ्र प्राप्त होगें। यह ऐतिहासिक समझौता पत्र दोनो संस्थानों के छात्रों के लिए लाभप्रद होगा और हम संयुक्त शोध, संयुक्त प्रोजेक्ट सहित संयुक्त पीएचडी मार्गदर्शन, ज्वाइंट पेटेंट और उत्पाद विकास आदि क्षेत्रों में संभावनाओं पर विचार कर सकते है। 

आईआईटी गुवाहाटी के पब्लिक रिलेशन, ब्रांडीग और रैकिंग के डीन प्रो पी के अय्यर ने कहा कि एमिटी और आईआईटी गुवाहाटी के मध्य हुआ यह समझौता पत्र दोनो संस्थानों के छात्रों और शोधार्थियों को अवसर प्रदान करेगा। दोनो संस्थानों की विचार में समानता है और अनंसुधान के प्रति विशेष लगाव है। प्रो अय्यर ने कहा कि स्प्रीनटॉनिक्स, नैनोटेक्नोलॉजी, स्वास्थय तकनीकी, बायोसेंसर, अपशिष्ट जल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग आदि में सहयोग के अवसर उपलब्ध है। 

  इस कार्यक्रम में एमिटी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डा वी के जैन और डा नूतन कौशिक आदि भी उपस्थित थी।