आर्थिक तंगी से परेशान श्रीलंका में प्रेट्रोल डीज़ल की भारी किल्लत, स्कूल बंद; लोगों को वर्क फ्रॉम होम की सलाह।



हिन्दुस्तान वार्ता। विशाल गाँधी

 श्रीलंका, कोलंबो: श्रीलंका में राजनीतिक उठापटक के बाद सरकार बदल गई, लेकिन लोगों की मुश्किलें कम न हुईं. नकदी की कमी से जूझ रहे इस देश में स्कूलों को और एक सप्ताह के लिए बंद रखने का फैसला किया गया है, क्योंकि शिक्षकों और अभिभावकों के पास बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए पर्याप्त ईंधन नहीं है।

 ऊर्जा मंत्री ने देश के बाहर रहने वाले नागरिकों से अपील की है कि वे अनौपचारिक माध्यमों के बजाय बैंकों के माध्यम से अपनी विदेशी मुद्रा में अर्जित आय घर भेजें, ताकि देश में विदेशी मुद्रा की कमी को दूर करने में मदद मिले. अधिकारियों ने बताया कि भारी विदेशी कर्ज में डूबे द्वीपीय राष्ट्र को कोई भी आपूर्तिकर्ता उधार ईंधन देने को तैयार नहीं है. उपलब्ध ईंधन केवल कुछ दिन तक ही चल पाएगा, जिसे आवश्यक सेवाओं के लिए दिया जाएगा. इसे स्वास्थ्य और बंदरगाह कार्यकर्ताओं को और सार्वजनिक परिवहन तथा भोजन वितरण कार्यक्रम के लिए मुहैया कराया जाएगा._

ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकरा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ रकम जुटाना चुनौतीपूर्ण है। यह एक बहुत बड़ी चुनौती है.’’_*


उन्होंने कहा कि सरकार ने नए ईंधन ‘स्टॉक’ का आदेश दिया है और 40,000 मीट्रिक टन डीज़ल लिए एक विमान के शुक्रवार को देश पहुंचने की उम्मीद है, जबकि एक अन्य विमान में 22 जुलाई को पेट्रोल लाया जाएगा. उन्होंने बताया कि ईंधन की कई खेप आनी है, लेकिन अधिकारी उसके लिए भुगतान करने के वास्ते 58.7 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. विजेसेकरा ने बताया कि श्रीलंका पर सात ईंधन आपूर्तिकर्ताओं का लगभग 80 करोड़ डॉलर बकाया है।

पिछले महीने, ईंधन की कमी के कारण देशभर में स्कूल एक दिन के लिए बंद कर दिए गए थे और शहरी क्षेत्रों में पिछले दो सप्ताह से स्कूल बंद हैं।

अब स्कूल शुक्रवार तक बंद रहेंगे. अधिकारियों ने सोमवार से देश भर में तीन घंटे तक बिजली कटौती की घोषणा भी की है, क्योंकि वे बिजली उत्पादन संयंत्रों को पर्याप्त ईंधन की आपूर्ति करने में सक्षम नहीं है. श्रीलंका में आर्थिक तंगी के कारण पिछले कई महीनों से व्यापक स्तर पर बिजली कटौती की गई है, साथ ही रसोई गैस, दवा और खाद्य सामग्री सहित आवश्यक चीजों की भी भारी कमी है।