विश्व जनसंख्या दिवस पर विशेष। सरकार को बनानी चाहिए जनसंख्या नीति: पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा अरिदमन सिंह।

  


- पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा अरिदमन सिंह ने विश्व जनसंख्या दिवस पर लोगों से की कम बच्चे पैदा करने की अपील।

हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा। विश्व जनसंख्या दिवस पर उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता राजा अरिदमन सिंह ने भदावर हाउस से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राष्ट्रहित और जनहित में सरकार से जनसंख्या नीति बनाने और लोगों से कम बच्चे पैदा करने की अपील की।

  राजा अरिदमन सिंह ने कहा है कि भारत के भूभाग का क्षेत्रफल तो आजादी से लेकर अब तक उतना ही है लेकिन भारत की आबादी वर्ष 1947 में 35 करोड़ से बढ़कर अब एक अरब 35 करोड़ हो गई है। वर्ष 1951 से वर्ष 2011 तक के जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके आधार पर एक धर्म विशेष के लोगों की जनसंख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है जबकि अन्य धर्मों की जनसंख्या में कमी आई है।

   बेतहाशा जनसंख्या वृद्धि के चलते सरकार के लिए सभी को शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, खाद्य पदार्थ और रोजगार प्रदान करना मुश्किल कार्य हो गया है। परिणाम स्वरूप एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 15 करोड़ बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। ऐसे अधिकांश बच्चे या तो बाल श्रमिक हैं या भिखारी। बच्चों की आधी आबादी कुपोषण का शिकार है।

 बाहर के देशों या दक्षिणी राज्यों से लें प्रेरणा..

राजा अरिदमन सिंह ने कहा कि फिनलैंड और स्वीडन सहित दुनिया के कई देशों में जनसंख्या वृद्धि दर माइनस में गई है। हमें इनसे प्रेरणा लेकर एक या दो बच्चे ही पैदा करने चाहिए।

     उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उन्होंने कर्नाटक और तमिलनाडु का दौरा किया था।  वहां उस दौरे में यह जानकारी हुई कि दक्षिणी राज्यों की तरक्की और खुशहाली के पीछे जनसंख्या नियंत्रण के कारगर उपाय हैं। 

   राजा अरिदमन सिंह ने कहा कि दक्षिण के राज्यों में जनसंख्या नियंत्रण करने से गरीबी कम हो रही है और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं जबकि उत्तर के राज्यों में जनसंख्या वृद्धि के कारण खेती की जमीनों का बँटवारा हो रहा है और देहात में बेरोजगारी बढ़ रही है।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी ने बुलाई थी बैठक:-

राजा अरिदमन सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में बढ़ती जनसंख्या से चिंतित होकर तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी ने एक बैठक बुलाई थी। उसमें वह उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती जी के साथ शामिल हुए थे। बैठक में अटल जी ने बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के साथ बच्चों की बढ़ती मृत्यु दर और जनसंख्या वृद्धि दर को घटाने के लिए निर्देश जारी किए थे।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।