धान उत्पादकों ने सिंचाई के लिए नहर तोड़ी। सैकड़ों बीघा खरीफ की फसल पानी में डूबी।


- मसेलिया गांव,चारों ओर पानी से घिरा। गांव में बने नरकीय हालात। 

हिन्दुस्तान वार्ता।आगरा(किरावली)

आगरा जनपद इस वर्ष अपेक्षाकृत बारिश ना होने से समूचे क्षेत्र में सूखे के गंभीर हालात बने हैं। धान उत्पादक किसानों को अपनी फसल सिंचाई के लाले पड़े हैं। तहसील किरावली क्षेत्र में 60% धान की फसल भूल गई है। जानकारों के मुताबिक ,धान की फसल के बेहतर उत्पादन के लिए 80% पानी की जरूरत होती है। इस वर्ष कम बारिश होने से सूखे के हालात बने हैं। अधिकांश नहरों में पानी नहीं है। जिन नहरों में पानी छोड़ा गया है, धान उत्पादक किसान नहर के पानी का बंदरबांट कर रहे हैं। 

तहसील किरावली क्षेत्र में 2 दर्जन से अधिक नहर-बम्बा संचालित हैं। विकास खंड अकोला फतेहपुर सीकरी संयुक्त बॉर्डर स्थित चकोरा माइनर को मंगलवार के दिन धान उत्पादक किसानों ने गांव रजौली के समीप नहर को तोड़ दिया।

 किसानों को इस बात का कतई अहसास नहीं था,कि जिस नहर को वह तोड़ रहे हैं, वही नहर किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन जाएगी। नहर का पानी किसानों के खेत में दौड़ पड़ा। खेतों में खड़ी ज्वार, बाजरा मक्का, कपास ,ढांचा ग्वार की फसलें पानी में डूब गई।

 सूचना पर गांव मसेलिया पहुंचे लेखपाल ने सिंचाई विभाग को सूचित कर टूटी नहर को बंद कराया,तब तक किसान अपनी सैकड़ों एकड़ जमीन में खड़ी फसल को गवा चुके थे।

 गांव मसेलिया निवासी हुब्ब लाल चाहर ने बताया कि उसके 4 बीघा खेत, प्रेमचंद का 2 बीघा, लाल सिंह ओमवीर छोटन ऊदल सिंह लाल सिंह आदि के 15- 20 बीघा खेत में खड़ी फसलें पानी में समा चुकी हैं।

 ग्रामीणों ने बताया कि गांव के चारों ओर जल प्लावन हो गया है, जिससे ग्रामीण लोग शौच जाने के लिए लोग तरस गए हैं। उन्होंने बताया कि अगर नहर को बंद नहीं कराया जाता तो समूचा गांव पानी में डूब जाता।

रिपोर्ट-आर के लवानिया।