कुलाधिपति जी!आगरा के डॉ.भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के भ्रमण से पहले विश्वविद्यालय को दुरुस्त करें:सिविल सोसायटी ऑफ आगरा।



हिन्दुस्तान वार्ता। आगरा

स्थाई कुलपति के अभाव में डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय नारकीय स्थिति में है। कॉपियां बदलने से लेकर ,जाली मार्कशीट जारी करने का खेल हो रहा है, और कुलाधिपति,महामहिम श्रीमती आनंदीबेन विश्वविद्यालय भ्रमण पर कल आ रहीं हैं।

 कभी आगरा विश्वविद्यालय  किसी पूजा स्थल से कम नहीं था, वहाँ जाना शिक्षा की देवी के दर्शन करने के समान था।

आगरा विश्वविद्यालय प्रदेश के पुराने विश्वविद्यालयों में आता है। लगता है जानबूझकर अव्यवस्था फैलाने के लिये एक साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी स्थाई कुलपति की नियुक्ति नहीं कि गयी है। 

प्रदेश में बहुत कुशल लोग मौज़ूद हैं और कुलाधिपति को कुलपति के चयन के लिये जल्दी निर्णय लेना चाहिए । 

हम कुलाधिपति जी से मांग करते हैं कि

1- स्थाई कुलपति की नियुक्ति तुरंत हो ।

2-अस्थाई कुलपति प्रो. विनय पाठक जो सैटेलाइट तरीके से विश्विद्यालय चला रहे हैं,  विश्वविद्यालय की कॉपियाँ बदले जाने पर,अभी तक ऊपर के लोगों पर एफ आई आर दर्ज़ होना बाकी है। 

वे अपनी प्रतिनिधिक दायित्व से बच नहीं सकते। कॉपी बदलने, जाली मार्कशीट और जाली डिग्री के लिये कुलपति ज़िम्मेदार है। हम मानते हैं यह उनकी प्रशासनिक असफलता है।

3- विश्वविद्यालय कर्मचारियों  की सामाजिक सुरक्षा जी पी एफ पद्दत्ति लागू ना करने और कटौती पर कम ब्याज देने के जुर्म में कुलपति पाठक, कुलसचिव और वित्त अधिकारी पर समुचित धाराओं में मुकदमे दर्ज़ हों। कर्मचारियों को उनका हक मिले और उनकी सामाजिक सुरक्षा से कोई खिलवाड़ ना हो।

4- विश्वविद्यालय ने G.O. DATED MAY 5, 2009 और रिट संख्या 53419 OF 2011 के विरुद्ध जाकर शिक्षकों को प्रशासनिक पद दे रखे हैं ,जिसके चलते वो शिक्षण और रिसर्च का काम नहीं करते। शिक्षण तो बिल्कुल नहीं जिसके लिए उनकी नियुक्ति हुई है। शिक्षकों को प्रशासनिक पदों से तुरंत हटाने की मांग करते हैं।

5- विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर्स कॉलोनी में संस्कृति भवन और खंदारी में कई भवनों का निर्माण, आगरा विकास प्राधिकरण ADA से नक्शों को बिना पास कराये कराया गया  है। बिना स्वीकृत मानचित्र के 400 करोड़ से अधिक का निर्माण कराया है। जिम्मेदार  के विरुद्ध वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितता के लिये समुचित धाराओं में मुकदमे दर्ज़ हों।

6-जिन शिक्षकों के विरुद्ध गंभीर धाराओं में जांच चल रही है उनके प्रोमोशन और पद निरस्त करने की भी मांग करते हैं। यह भी मांग करते हैं कि जांच में तेज़ी लाई जाये और दोषियों को सज़ा मिले।

7- विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा पॉलिसी  लागू कर तो दी है पर महिला और पुरूषों के होस्टल ध्वस्त कर दिये हैं कमाई के लिये। होस्टलों का निर्माण तुरंत हो।

अनिल शर्मा।

'सचिव'