काबिलेतारीफ:वाइल्डलाइफ एसओएस टीम ने विगत दो माह में,आगरा से 300 से अधिक सरीसृपों को किया रेस्क्यू।



हिन्दुस्तान वार्ता।आगरा

 जनता के बीच सांपों और सरीसृपों के बारे में बढ़ती जागरूकता ने सकारात्मक बदलाव दिखाया है, क्योंकि अधिक से अधिक अब लोग सांप दिखने पर वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के हेल्पलाइन (+91 9917109666) पर सांप दिखने की सूचना दे रहे हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने सितंबर और अक्टूबर महीने में आगरा शहर और उसके आसपास से 300 से अधिक सरीसृपों को रेस्क्यू किया है।

   हाल की कुछ घटनाओं में, वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने विश्व धरोहर स्थल ताजमहल से थोड़ी ही दूरी पर स्थित धांधूपुरा में नाले से 8 फुट लंबे अजगर, जीवनी मंडी स्थित वाटर वर्क्स परिसर से एक चेकर्ड कीलबैक सांप और सिकंदरा की रंगोली कॉलोनी में एमसीबी बोर्ड में बुरी तरह से फसे एक रैट स्नेक को बचाया l

 जनता के बीच सांपों और अन्य सरीसृपों के बारे में बढ़ती जागरूकता के कारण अधिक से अधिक लोगों ने सांप दिखने पर वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस हेल्पलाइन (+91 9917109666) पर रिपोर्ट कर एक सचेत निर्णय लिया है। पौराणिक कथाओं, लोककथाओं और यहां तक ​​कि फिल्मों में भी गलत तरीके से प्रस्तुत किए गए यह सांप पहले अक्सर लोगों के भय और शत्रुता का शिकार होते थे। लेकिन, वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस जैसी वन्यजीव संरक्षण संस्थाओं के निरंतर जागरूकता प्रयासों ने सरीसृपों के महत्व के बारे में ज्ञान फैलाने में मदद की है, जिससे बड़े पैमाने पर गलत समझे जाने वाले सरीसृपों के प्रति लोगों के डर को कम करने में काफी मदद मिली है।

हाल ही में एक घटना में, धांधूपुरा में रहने वाले लोगों ने नाले के अंदर 8 फुट लंबे अजगर देखा जिसके बाद उन्होंने तुरंत वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस रैपिड रिस्पांस यूनिट को इसकी जानकारी दी, जिन्होंने विशालकाय अजगर को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला। इसके तुरंत बाद, टीम ने जीवनी मंदी स्थित वाटर वर्क्स परिसर से एक चेकर्ड कीलबैक सांप को भी बचाया, जिसके बाद रंगोली कॉलोनी, सिकंदरा में घर के एम.सी.बी बोर्ड में फंसे रैट स्नेक और शाहदरा में एक घर के बगीचे से कैट स्नेक को भी बचाया। सभी सरीसृपों को बाद में उनके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया गया।

 वन्यजीवों के संरक्षण के लिए चौबीसों घंटे काम करने वाली संस्था वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस हर दिन कई साँपों से जुड़ी रेस्क्यू कॉल्स का जवाब देती हैं और लोगों को साँपों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम और कार्यशालाएं भी आयोजित करती हैं। फलस्वरूप वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने सितंबर और अक्टूबर महीने में आगरा शहर और उसके आसपास से 300 से अधिक सरीसृपों को बचाया है, जिसमें कोबरा और कॉमन क्रेट जैसे जहरीले साँपों से लेकर वुल्फ स्नेक, रैट स्नेक, मॉनिटर लिज़र्ड और यहां तक ​​कि मगरमच्छ भी शामिल है।

 वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के सह-संस्थापक और सी.ई.ओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा.. “सांपों के बारे में फैली गलत धारणाओं को लेकर जागरूकता पैदा करने के हमारे निरंतर प्रयासों ने लोगों में नकारात्मक दृष्टिकोण को बदलने में मदद की है। मामलों को अपने हाथों में लेने के बजाय हमारी हेल्पलाइन पर कॉल करने के लिए एक सूचित निर्णय लेने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि देखना खुशी की बात है। हमारी टीम में प्रशिक्षित लोग हैं, जो यह सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम करते हैं कि सहायता के लिए कोई भी कॉल अनुत्तरित न रह जाए। 

 वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी ने कहा*, “आगरा में सांपों की बहुत कम प्रजातियां जहरीली होती हैं, यह सांप तब तक हमला नहीं करते जब तक उन्हें उकसाया या डराया नहीं जाए। लोग अब इस बात का अतिरिक्त ध्यान रखते हैं कि सरीसृप को चोट न पहुंचे। हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि सांप दिखने पर वे सुरक्षित दूरी बनाए रखें और सरीसृप की गतिविधियों पर नजर रखें और हमारे हेल्पलाइन नंबर पर इसकी सूचना दें।