आगरा:अवनी के दिल का निःशुल्क हुआ उपचार।



- राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मिला निःशुल्क उपचार।

हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा, 12 नवंबर ,खंदौली ब्लॉक के उजरई गाँव के निवासी कुलदीप की आठ साल की बेटी के दिल का वाल्व खराब हो गया था। निजी अस्पतालों में आठ लाख रूपये का खर्च बताया गया। जूते की फैक्ट्री में दिहाड़ी पर काम करने वाले कुलदीप के लिए इतने पैसे खर्च करना संभव नहीं था। तभी उन्हें राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य किशोर कार्यक्रम (आरबीएसके) की जानकारी मिली और उनकी बेटी अवनी का 31 अक्टूबर 2022 को अलीगढ़ के डीईआईसी सेंटर में निःशुल्क ऑपरेशन हो गया। अब अवनी स्वस्थ हैं।

 कुलदीप ने बताया कि एक साल पहले उनकी बेटी के पेट में दर्द हुआ था। डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने बताया कि दिल में परेशानी है। इसके बाद हम उसे जयपुर उपचार के लिए ले गए। वहां भी काफी खर्च था। कुलदीप ने बताया कि वह खुश हैं कि इस आरबीएसके के तहत उनकी बेटी का निःशुल्क ऑपरेशन हो गया। उन्होंने बताया कि अब वह सभी जगह पर इस योजना की जानकारी दे रहे हैं। जिससे कि अन्य लोगों को भी इसका लाभ मिल सके।

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि आरबीएसके के तहत शून्य से 19 साल तक के बच्चों में चार प्रकार की विसंगतियों की जांचकर उपचार किया जाता है| इनको फोर डी भी कहते हैं – डिफ़ेक्ट एट बर्थ, डेफिशिएन्सी, डिजीज, डेव्लपमेंट डिलेज इंक्लुडिंग डिसेबिलिटी यानि किसी भी प्रकार का विकार, बीमारी, कमी और विकलांगता| इन कमियों से प्रभवित बच्चों की निःशुल्क सर्जरी सहित प्रभावी उपचार प्रदान कराता है।

 योजना के नोडल अधिकारी डॉ. यूबी सिंह ने बताया कि आरबीएसके के तहत दिल में छेद, पीठ पर फोड़ा, कटे हुए होठ, टेढ़े-मेढ़े पैर, जन्मजात मोतियाबिंद या फिर जन्म से सुनने या बोलने की शक्ति, टीबी, विटामिन बी कॉम्पलेक्स डिफिशिएंसी, माइक्रोसिफेली, मैक्रोसिफेली, लैप्रोसी आदि रोगों का उपचार किया जाता है।

क्षेत्रीय आशा को बताएं:-

डीईआईसी मैनेजर रमाकान्त शर्मा ने बताया कि यदि किसी बच्चे को कोई जन्मजात विकृति या अन्य बीमारी है तो अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता को जानकारी दें। बच्चे की जांच की जाएगी, और उचित उपचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आरबीएसके की टीम भी स्कूलों, आंगनवाड़ी केन्द्रों और अन्य स्थानों पर सर्वे करके ऐसे बच्चों का डाटा जुटाती है, जिन्हें उपचार की आवश्यकता है। उनकी जांच कराकर ऐसे बच्चों का उपचार किया जाता है। उन्होंने बताया कि आरबीएसके योजना के तहत अप्रैल 2022 से अब तक कुल 1600 बच्चों का उपचार किया जा चुका है। इनमें चार लोगों के दिल का ऑपरेशन हुआ है, अन्य बच्चों के अन्य प्रकार के उपचार किए गए हैं।