सिविल सोसायटी ऑफ आगरा"की जनप्रतिनिधियों को जगाने की अनूठी पहल।"जागो मोहन प्यारे " अभियान का शुभारंभ।



- सिविल सोसायटी ऑफ आगरा का 'जागो मोहन प्यारे अभियान से आत्ममुग्ध स्थिति में पहुंचे जनप्रतिनिधियों को दायित्वों के प्रति जागरूक करने की होगी कोशिश।

- आगरा के नागरिकों ने पालने को हिला कर जनप्रतिनिधियों को उठाने का किया प्रयास।अब देखना है आगे क्या होता है।

 हिन्दुस्तान वार्ता।आगरा

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा 'महानगर के विकास के मुद्दों के प्रति जनप्रतिनियों के द्वारा बरती गयी उदासीनता को समाप्त करवा ,उन्हें उनके दायित्वों का आभास कराने के लिये 'जागो मोहन प्यारे ' अभियान,सिविल सोसायटी ऑफ आगरा को शुरू करना पड़ा।

'मोहन' ब्रजभूमि के लिए कोई नया नाम नहीं है,हम सभी चेतन और चेतन मन से उनका सम्मान करते हैं,पूज्य मानते हैं। हमारा विश्वास है कि जब मोहन जागते हैं तो तमाम नकारात्मकता स्वतः समाप्त हो जाती है।अगर जनप्रतिनिधि भी अपने दायित्वों के प्रति जागृत हो जायें तो जनता की समस्याएं, खुद कम हो जायेंगी। नौकरशाही के द्वारा विकास के कार्यों से संबंधित फाइलें लाल फीतों से बाहर आ जायेंगी।

मोहन प्यारे अभियान के माध्यम से सिविल एयरपोर्ट शिफ्टिंग प्रोजेक्ट को तेजी के साथ अमल करवाने के मुद्दे को प्रभावी ढंग से उठाए जाने की ओर ध्यान केंद्रित करेंगे।

 हवाई जहाजो से वायु प्रदूषण नहीं,ताजमहल की प्रदूषण से सुरक्षा के नाम पर यह सर्वोच्च  न्यायालय में लंबित है, राज्‍य सरकार इस वाद में पार्टी है, लेकिन राज्य सरकार के द्वारा अब तक अपने एडवोकेट को इस मामले में तारीख लगवाने को प्रयास करने को नहीं कहा गया। नौ विधायक और एक एमएलसी  यानि दस में से एक भी अगर सक्रिय हो जाये तो यह मामला स्‍वत: ही निस्‍तारित हो जायेगा।

सुप्रीम कोर्ट को यह तो बताना ही होगा कि एयर टर्बाइन फ्यूल का इस्तेमाल हवाई जहाज ऑपरेशन में होता है,जिससे किसी प्रकार का उस किस्म का वायु प्रदूषण नहीं होता जो कि ताजमहल को  छति पहुंचाने वाला हो।

यात्री हवाई जहाज बादलों से भी ऊपर उडते हैं,वैसे भी हवाई जहाज वायुमंडल की निचली परत में नहीं उडता, टेक ऑफ करते ही बादलों से भी अधिक ऊंचे एलिवेशन पर होता है। जबकि ताज ट्रैपेजियम जोन(टी टी जैड) के अध्ययन दायरे में है। 31000 फीट की ऊंचाई पर उड़ने वाला बादल नहीं। समुद्र तल से केवल 350 मीटर की ऊंचाई तक की वायु मंडल परत ही टी टी जैड की गतिविधियों में शामिल है।

आम जनता ही नहीं विशिष्ट जन भी आश्चर्यचकित है कि 'सिविल एन्‍कलेव ' के  शिफ्टिंग प्रोजेक्ट को नये प्रोजेक्ट के रूप में क्‍यों प्रस्तुत किया गया है। ताज ट्रेपेजियम जोन अथॉरिटी के किसी भी कानून में शिफ्टिंग पर कोई भी पाबंदी नहीं है।जनप्रतिनिधियों को केंद्र सरकार और ताज ट्रेपेजियम जोन अथॉरिटी से इस संबंध में अपना ज्ञानवर्धन प्रभावित पक्ष आम जनता को समझाना चाहिये ।

जनप्रतिनिधयों की नीरसता से आगरा की नान पाल्‍यूटिंग इंडस्‍ट्रियों पर भी प्रतिकूल असर पडा है। मैन्‍यू फैक्‍चारिंग के अलावा एसैम्‍बलिंग यूनिटें तक लगाने को अनुमतियों में बाधा आ रही है।

आलू की बंपर उत्पादकता वाला क्षेत्र होने के बावजूद आगरा में पोटैटो प्रोसेसिंग यूनिट तक नहीं लग सकी है।

 पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम स्मार्ट सिटी की जरूरतों के अनुरूप नहीं।महानगर की यातायात व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो सका है,पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम जनता को सस्ता और विश्वसनीय माध्‍यम बनने के अपने लक्ष्य में पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ है।

 मेट्रो रेल से आगरा के मुख्य मार्ग पर आवागमन की सुविधा जरूर बढ जायेगी, किन्तु केवल मुख्य मार्ग तक ही इसकी सीमितता  से फीडर ट्रांसपोर्ट सेवाओं का जो विस्तार होगा उससे आम नागरिक की सड़क पर मुश्‍किलें और जेब पर वजन अधिक बढ़ेगा ही।

  शिक्षा क्षेत्र में आगरा की साख कम हुई।आगरा के डा. भीमराव अम्बेडकर वि. वि. के संस्‍थागत पत्राचार में लापरवाही,एफीलेशन वाले मामलों को बेवजह लटकाये रखना ,रिक्त पदों पर नियुक्‍तियों में अनावश्यक वे मुख्‍य वजह है, जिनके कारण आगरा ने अपने 'एजूकेशन हव ' स्वरूप ही खो डाला है।

सरकारी विभाग पत्रों का जवाब ही नहीं देते।

हम चाहेंगे कि नगर निगम के कामकाज के साथ स्मार्ट सिटी लिमिटेड की उपलब्धियों पर भी जनप्रतिनिधि तथ्यपरक जानकारियां जनता के समक्ष लायें। वे विधान सभा में जानकारियां प्राप्त करने में सक्षम हैं। जबकि आम नागरिक के पत्रों के जवाब तक शासन के द्वारा मुश्‍किल में ही दिये जाते हैं। शायद यही कारण है कि 'जन सूचना का अधिकार -2005' अधिनियम को उ प्र में अन्‍य राज्‍यों की तुलना में कहीं अधिक उपयोग करने को लोग मजबूर हैं।

मौहल्‍लों- टोलों  में पहुंचेगा अभियान:-

'जागो मोहन प्यारे ' अभियान को ,तमाम संकोचों और राजनैतिक प्रतिबद्धताओं के बावजूद बडी संख्‍या में 'व्हाइट कालर जैंटिलमैनों' का भी समर्थन है। ये जुडना तो चाहते हैं किन्‍तु खुद सामने नहीं आना चाहते। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा  इन्‍हे 'कलयुगी लौकिक शक्तियों की इस संपन्न जमात' के समर्थन को भी अपनी ताकत का एक भाग मानती है और  चमत्कारों की उम्मीद करती है।

 जहां तक हमारे अभियान का सवाल है ,29-11-2022 को शहीद स्मारक से पूर्वाह्न 'जागो मोहन प्यारे 'अभियान की शुरुआत है और यह रेजिडेंशियल कालोनियों से लेकर आगरा के गली,मोहल्ला व टोलों में भी पहुंचेगा। 

आज के अभियान में शिरोमणि सिंह डॉ बृजेश चंद्रा, राजीव सक्सेना, अनिल शर्मा , अभिनय प्रसाद, साहिल, पदम लता, गायत्री, जयवंती, प्रेमवती, गंगा देवी आदि उपस्थित रहे।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।