हिन्दुस्तान वार्ता।
शासनाध्यक्षों की SCO Council की 21वीं बैठक 01 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आयोजित की गयी। इस बैठक का प्रतिनिधित्व केंद्रीय विदेश मंत्री एसo जयशंकर ने किया। बैठक में एससीओ सदस्य देशों, पर्यवेक्षक देशों, एससीओ के महासचिव, एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी संरचना के कार्यकारी निदेशक, तुर्कमेनिस्तान और अन्य आमंत्रित महमानों ने हिस्सा लिया।
अपने संबोधन में विदेश मंत्री ने एससीओ क्षेत्र के साथ भारत के मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जुड़ाव को रेखांकित किया और खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, व्यापार और संस्कृति के क्षेत्रों में बहुपक्षीय सहयोग को गहरा करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने 20 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वैश्विक मिशन 'लाइफ' के शुभारंभ और खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसकी प्रासंगिकता के बारे में भी बताया।
विदेश मंत्री एसo जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि एससीओ सदस्योंस के साथ हमारा कुल व्याकपार केवल 141 अरब डॉलर का है, जिसके कई गुना बढ़ने की संभावना है। अनुकूल व्यापार पहुंच हमारे पारस्परिक लाभ के लिए है और आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है।
एक और ट्वीट में विदेश मंत्री ने कहा कि चाबहार बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और आर्थिक क्षमता को खोलने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी परियोजनाओं को सदस्य देशों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करना चाहिए।
बैठक का मुख्य एजेंडा व्यापार और आर्थिक हितों पर केंद्रित:
शासनाध्यक्षों की एससीओ परिषद की बैठक हर वर्ष आयोजित की जाती है। बैठक का मुख्य एजेंडा व्यापार और आर्थिक हितों पर केंद्रित रहता है। बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन का वार्षिक शिखर सम्मेलन इस साल 15 और 16 सितंबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था। इस दौरान उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपति से अलग-अलग मुलाकात की थी। पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एसo जयशंकर भी दौरे पर गए थे।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)