साहित्य वटवृक्ष “हरिऔध” की पौध के प्रयासों से लहलहाया विश्व हिंदी दिवस।

 


हिन्दुस्तान वार्ता।आस्ट्रेलिया

१० जनवरी २०२३, विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष में आस्ट्रेलिया के भव्य शहर सिडनी में,खड़ी बोली हिंदी में पहला महाकाव्य” प्रिय प्रवास “लिखने वाले पंडित अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध जी, की लेखन शैली एवं साहित्य में उनके योगदान पर पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी की अध्यक्षता में एक साहित्यिक विमर्श व काव्य पाठ का अद्भुत आयोजन किया गया।

गोष्ठी का आरम्भ हरिऔध जी की पौत्री श्रीमती आशा शर्मा के व्यक्तव्य से हुआ,जिसमें उन्होंने हरिऔध जी के संतान के प्रति अनुशासित नियमों को हंसते हुए स्मरण किया।

 कुछ अविश्वसनीय तथा कुछ हास्यास्पद बातों से सबको अवगत कराया।

अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति के अध्यक्ष श्री भगवान शर्मा जी ने अपने बीज व्यक्तव्य से हरिऔध जी के साहित्य के उन तथ्यों को उजागर किया जिनको सुन सब चकित रह गए। 

हरिऔध परिवार की संस्था “थ्येटर आन डिमांड” व सहयोगी संस्थाओं “आस्ट्रेलियाँचल” “साहित्य संध्या” व “भारत आस्ट्रेलिया साहित्य सेतु” द्वारा संयोजित इस कायर्क्रम में कई देशों के कवि लेखकों ने भाग लिया एवं हिंदी व अंग्रेज़ी के दिग्गज विद्वानों ने ,अपने वचनों, व काव्य पाठ से सबको भाव विभोर कर दिया। 

कार्यक्रम में देश विदेश से आए हिंदी साहित्य जगत के दिग्गजों ने,अपने वचनों, कविता पाठ, से सबको भाव विभोर कर दिया।

गीतकार ओम निश्चल ने अपने वक्तव्य में इस सम्मेलन को साहित्य संसार से जोड़े हुए बताया एवं कहा कि जिस सम्मेलन के मंच पर आधुनिक एवं समकालीन हिंदी कविता के बड़े कवि श्री लीलधार जगुड़ी जी एवं हिंदी के ललित गीतकार एवं कवि सहयोजित हों ये उस गोष्ठी का सौभाग्य है। उन्होने कहा कि विभिन्न देशों और व्यवसायों में रहते हुए भी लोग अपने साहित्य साधना से विरत नहीं हैं और महाकवि हरिऔध के सुयश से परिचित हैं। दिल्ली से चंद्रकांत पाराशर एवं प्रॉंजल धर ने हरिऔध जी के जीवन पर गहरा विमर्श प्रस्तुत किया।

टोरन्टो से गोपाल बघेल मधु व संदीप त्यागी व मेलबर्न से सुभाष शर्मा आगरा से राजीव खण्डेलवाल के वक्तव्य सराहनीय रहे। 

अंजू शर्मा मथुरा ,विजय सिंह, भावन कुँवर,प्रगीत कुँवर सिडनी से कुसुम चतुर्वेदी,शशि तिवारी , ज्योत्सना शर्मा, आगरा मधु सक्सेना रायपुर डा०विमल शर्मा पटना व मुम्बई से सुशील योगी व वाराणसी से प्रियंका अग्निहोत्री ने रचनाओं का पाठ किया।

श्री लीलाधर जगुड़ी जी ने हरिऔध जी के साहित्य को  हरिऔध काल से आज तक सर्व स्वीकार्य माना।

जगूड़ी जी की कविताओं ने व ओम निश्चल जी के गीतों व ग़ज़ल ने समां बॉंध दिया।

आशा जी का सम्पूर्ण परिवार अमेरिका,दोहा व मुम्बई से इस कार्यक्रम में जुड़ा रहा, यह हरिऔध जी साहित्य व लोकप्रियता का चमत्कार ही कहा जा रहा है कि आयोजन २ घंटे के लिए प्रस्तावित था परंतु ४ घंटे के उपरांत भी जारी रहा।

कार्यक्रम का कुशल संचालन कवि अनिल कुमार शर्मा जो इस समय सिडनी में हैं ने व हरिऔध जी की छोटी प्रपौत्री अपर्णा वत्स ने किया।

 कार्यक्रम के अंत में हरिऔध जी की बड़ी प्रपौत्री अंगिरा वत्स जो मुम्बई में सिनेमा जगत से जुड़ी हैं ने धन्यवाद ज्ञापन किया ।

(आगरा से अनिल कु.शर्मा,अभी सिडनी,ऑस्ट्रेलिया में हैं।)