सामर्थ्यवानों की नकल न करें: पूज्य बापूजी चिन्मयानंद।

 



भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का घमंड चूरकर,क्षमा भी किया।

हिन्दुस्तान वार्ता।आगरा

विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट आगरा इकाई/द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छंटवे दिन आज पीएस गार्डन ग्वालियर रोड रोहता पर पूज्य बापूजी चिन्मयानंद महाराज जी के श्रीमुख से भगवान कृष्ण के द्वारा गोवर्धन पर्वत को सात दिन तक अपनी तर्जनी उंगली के नख पर धारण रखा, गोविंद को लगातार 4 दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपने उंगली पर धारण करने के कारण ग्वाल वालों ने अनुरोध किया, हे कृष्णा थोड़ा आराम कर लो हम अपनी लाठी-डंडे लगा देते हैं, भगवान ने जैसे ही थोड़ा उंगली ढीली की सभी के लगाए हुए लाठी-डंडे टूट गए, सभी का भ्रम भी टूट गया, आपकी कृपा से सब काम हो रहा है करते हो तुम कन्हैया........  

विभोर होकर गोवर्धन लीला का आनंद लिया, पूज्य चिन्मयानंद जी ने कहा कि- ये संसार नश्वर है, पूज्य महाराज चिन्मयानंद बापूजी ने बताया कि इन 7 दिनों के बाद इंद्र ने अपने गणों से कहा देखो ब्रज का क्या हाल है लगता है, ब्रज तो डूब गया होगा, जब गणों ने वापस जाकर बताया कि वहां तो सब ठीक है वहां तो धूल उड़ रही है तब इंद्र ने नीचे देखा समझ गए यह तो साक्षात् नारायण हैं। तुरंत आए पैरों में गिर गए, क्षमा मांगने लगे इस प्रकार इंद्र का घमंड समाप्त हुआ तथा इंद्र को क्षमा कर दिया।

 इस प्रकार कृष्ण के द्वारा अनेक प्रकार की लीलाओं को किया जब कृष्ण 12 वर्ष के हो गए तो नाराज जी को स्मरण हुआ कि अब तक कंस बचा कैसे है, नारद जी ने सारी बातें कंस को बताई, कि आप जिस बालक को ढूंढ रहे हो वह बालक यही कृष्ण है, यह बात सुनकर कंस ने षड्यंत्र के तहत अक्रूर महाराज को कृष्ण को लाने के लिए भेजा, कंस की नगरी में आते ही कृष्ण और बलदाऊ द्वारा मदमस्त हाथी का वध किया, चाणूर का वध किया, 4 - 4 पहलवानों का वध किया और उसके साथी बाल पकड़कर घसीट कर कंस का भी बध कर डाला।

 चारों ओर से बधाइयां आने लगी, इस प्रकार उस पापी कंस का अंत हुआ। माता रुक्मणी से कृष्ण का विवाह हुआ, कृष्ण भगवान ने रुकमणी को रथ में बिठाकर उनका हरण कर लिया, और भगवान कृष्ण का विवाह माता रुक्मणी के साथ हुआ, सुंदर भजन पर नृत्य करते हुए.. काली कमली वाला मेरा यार है श्याम सलोने तू मेरा दिलदार है ,मेरे मन का मोहन तू मेरा दिलदार है.....।   

 पूज्य राष्ट्रीय संत श्री चिन्मयानंद बापूजी के स्वागत में मुख्य अतिथि के रूप में ट्रस्टी श्री कृष्णमुरारीअग्रवाल, आईडिया पायल वाले, श्री सीताराम अग्रवाल जी,पीयूष अग्रवाल, सविता अग्रवाल पार्षद ट्रस्टी तीर्थ कुशवाह तथा श्री रविन्द्र चौधरी पी एस गार्डन, श्री हरिओम गोयल ने माल्यार्पण किया तथा भागवत जी का पूजन किया।

मैनेजिंग ट्रस्टी श्री मुरारीलाल गोयल जी ने कहा कि कल कथा के सांतवे दिन भगवान श्री कृष्ण व सुदामा चरित्र, परीक्षत मोक्ष, तथा श्रीमद्भागवत कथा विराम होगा, सभी माताएं बहिनें व बंधु उत्सव का आनंद लें, कथा प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से प्रारंभ होगी। 

आज की इस कथा में पधारे सभी भक्तों ने श्रीभागवत जी को प्रणाम किया। 

कार्यक्रम में मुख्य भूमिका में विश्व कल्याण मिशन के मैनेजिंग ट्रस्टी श्री मुरारी लाल गोयल पेंट तथा श्रीमती सुमन गोयल।

मुख्य यजमान श्री विनोद गोयल जी श्रीमती संगीता गोयल, सर्वव्यवस्था प्रमुख भिक्की लाल गर्ग, दैनिक यजमान के रूप में श्री रमेश बघेल श्रीमती राजकुमारी बघेल, डॉ पी के मिश्रा, श्रीमती सुधा मिश्रा, संजय सिंघल, डॉ मंजू सिंघल, श्री रवि चौधरी साईं होटल रहे, एडवोकेट दिनेश अग्रवाल, श्री संजय सिंघल जी, डॉ नीरज पाठक, डॉ प्रीति मिश्रा, हार्दिक गोयल, राकेश मंगल, शेर बहादुर जी, सुरेंद्र चौधरी, हरिओम गैस वाले, शिवनारायण शर्मा, श्रीमती सुमन शर्मा, कु ऋचा पाराशर ने पवित्र भागवत जी की आरती उतारी तथा आशीर्वाद प्राप्त किया।

राष्ट्रीय संत पूज्य चिन्मयानंद बापूजी के द्वारा शनिवार को प्रातः 11 बजे भक्तों को गुरुदीक्षा प्रदान की जाएगी, जो भी भक्तगण दीक्षा लेने के इच्छुक हैं संपर्क कर सकते हैं।

संचालन- श्री मयंक वैध जी (निजी सचिव) ने  किया।

व्यवस्थाओं में सभी कार्यकर्ताओं ने सहयोग किया, पूजन में आचार्य श्रीराम शास्त्री जी ने योगदान दिया प्रसाद वितरण में श्री साईं सेवा मंडल, सेवा भारती के सभी कार्यकर्ताओं व अविरल, अमन गर्ग, दीपक मंगल, सतीश अग्रवाल का सहयोग रहा।