अडानी ग्रुप के सम्बंध में हिन्डेनबर्ग की रिपोर्ट,एक साजिश:आमोद सोलंकी"कम्पनी सेक्रेटरी"

 


हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा।भारत की बढ़ती  अर्थव्यवस्था में देश के करोबारियों का बहुत बड़ा योगदान है। गत दिनों अडानी ग्रुप के बारे में हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट में  जैसा बताया गया, उससे ऐसा आभास होता है कि कैसे भी  हिंडेनबर्ग और विदेशी संस्थागत निवेशक,शेयर्स की शार्ट सेल्लिंग करके शेयर मार्केट से लाभ कमाना चाहते हैं। विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा भारतीय शेयर बाजार में हजारो करोड़ रूपये एक बार में लगाए जाने और निकासी करने पर,भारतीय शेयर बाजार, बहुत अधिक बार  ऊपर नीचे होता रहा है, लेकिन लम्बी अवधि में भारतीय शेयर बाजार हमेशा हर एक के निशाने पे ही रहा है।

अडानी समूह के लॉन्ग टर्म के प्रोजेक्ट हैं, जैसे इंफ़्रा के  प्रोजेक्ट्स में शुरुआत के वषो में निवेश करना होता है,और ऐसी राशि व्यापारी सामान्य रूप से निवेशकों और बैंक कर्ज और खुद के निवेश के रूप में जुटाते है ।

अगर हम अडानी इंटरप्राइजेज की बैलेंस शीट का विश्लेषण करें तो पाएंगे कि कंपनी के इस्टेट्स और इन्वेस्टमेंट की राशि बैंक लोन से अधिक ही है। लोग इसे घोटाला बता रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है।अडानी समूह के सारे प्रोजेक्ट्स धरातल पर हैं, कोई भी इनको साइट पर सर्च कर सकता है। बैंक जब किसी को लोन देते हैं,तब बिना संपत्ति की सिक्युरिटी लिए नहीं देते।किसी भी कंपनी ने किस बैंक से कितना लोन लिया है और क्या सम्पति बैंक पर गिरवी रखी है,ऐसी सारी जानकारी रजिस्ट्रार ऑफ़ कम्पनीज की वेबसाइट से सारी डिटेल्स चैक  की जा सकती है। इनसे सम्बंधित प्रामाणिक दस्तावेज भी देखे जा सकते हैं।

पूर्व के बर्षो में भी रिलायंस जैसे समूह के शेयर्स की भी मंदड़ियों ने शार्ट सेल्लिंग की थी। तब भी ऐसे ब्रोकर्स को कंपनी ने सही सबक सिखाया था।उम्मीद है अडानी समूह भी पूर्व के अनुभव से हिंडेनबर्ग जैसे ब्रोकर्स से अच्छे से निपटेंगे ।

जब भारतीय शेयर बाजार की नियामक संस्था सेबी को पता है, कि शेयर की शार्ट सेल्लिंग हमेशा ही शेयर बाजार को गिराने के लिए की जाती है, तो सेबी शार्ट सेल्लिंग जैसे रास्ते को बिलकुल ही बेन क्यों नहीं करता।

सेबी को भारतीय शेयर बाजार में शार्ट सेल्लिंग और ऑप्शन ट्रेडिंग को बेन करना चाहिए, क्योंकि इन्ही दो तरीको से विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा भारतीय रिटेल निवेशकों के निवेश को चूना लगाया जाता है।

 हिंडेनबर्ग का मुख्य उद्देश्य ही शेयर्स की शार्ट सेल्लिंग करके लाभ कमाना है,तो ये मात्र पाँच लोगो की फर्म,कल को किसी दूसरे भारतीय कारोबारी को निश्चित ही भविष्य में टारगेट करेगी।

✍️ आमोद सोलंकी "कम्पनी सेक्रेटरी"