रिटेल ऑप्शन ट्रेडर्स की बढ़ती संख्या एवं इन ट्रेडर्स के लॉस को देखते,सेबी ने स्टॉक ऑप्शन में,लागू किया नया नियम।आमोद सोलंकी"सी.एस".

 


हिन्दुस्तान वार्ता।

रिटेल ऑप्शन ट्रेडर्स की बढ़ती संख्या  और इन ट्रेडर्स के लॉस को देखते हुए, भारतीय नियामक संस्था "सेबी" एक अप्रैल से नया नियम स्टॉक ऑप्शन में लागू कर रही है।  

इस नए नियम के मुताबिक अब कोई भी ऑप्शन ट्रेडर किसी भी कंपनी के स्टॉक ऑप्शन को BUY या SELL करता है। ( ऐसा स्टॉक ऑप्शन इन दा मनी कैटेगरी में है ) और इसे माह की आखिरी डेट तक कैर्री फॉरवर्ड करता है, तो इसे ऑप्शन ट्रेडर्स को इन शेयर्स की डिलीवरी करनी पड़ेगी।

अभी तक स्टॉक ऑप्शन की ट्रेडिंग भी निफ़्टी और बैंक निफ़्टी इंडेक्स के ऑप्शन के तरह होती रही है।NSDL या CDSL सेटलमेंट के समय आपके DMATअकॉउंट में शेयर्स चेक करेगा और यदि आपके पास उस कंपनी के शेयर्स नहीं हुए तो मार्किट प्राइस के आस पास प्राइस पर आपको पेमेंट करना पड़ सकता है,साथ ही ऐसे डिफ़ॉल्ट ट्रेडर्स पर सेबी जुर्माना भी लगा सकता है। ऐसे केस में नए नए रिटेल ट्रेडर्स को सतर्क रहने की जरुरत है। यदि बिना नियम,जानकारी के ट्रेड करेंगे तो फाइनेंसियल लॉस 10 गुना ज्यादा होने का चांस बढ़ जायेगा।विगत चेन्नई के एक ट्रेडर पर सेबी ने 13 लाख रूपये का जुर्माना लगाया था। 

सेबी का यह नियम सराहनीय है, पर साथ में सेबी को शार्ट सेलिंग में फुल अमाउंट मार्जिन का नियम बनाना चाहिए। 

अब प्रश्न ये है कि'सेबी'ऐसा क्यों कर रहा है। तो जनवरी के माह से हिंडेनबुर्ग रिपोर्ट आयी है तब से शार्ट सेलर्स ने स्टॉक ऑप्शन ट्रेडिंग से रिटेल ट्रेडर्स की काफी रकम का नुकसान किया है। 

ऐसे नुकसान को रोकने के लिए और शेयर मार्किट के बहुत तेज उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए'सेबी' ऐसा नियम लागू करने जा रहा है। इसका उद्देश्य ऑप्शन ट्रेडिंग में अनुशासन बना रहे और शेयर मार्किट में स्थिरता बनी रहे। 

कंपनी के शेयर्स में सट्टे बाज़ी कम से कम होगी। लोग शेयर्स में ज्यादा निवेश करेंगे। अभी वर्तमान में 89 % निवेशक शेयर्स में नुकसान में रहते हे। 

यंग ट्रेडर्स के नुकसान की मुख्य वजह, कम समय में ज्यादा पैसा कमाने का लालच होता है। ऑप्शन ट्रेडिंग में कोई भी CALL  या PUT ऑप्शन जीरो से हीरो भी हो सकता है।एक दिन में 40 रूपये का ऑप्शन 200 भी हो सकता है, और 200  का ऑप्शन 40 भी हो सकता है। 

नए ट्रडर्स को पहले कुछ महीने पेपर ट्रेडिंग करनी चाहिए,साथ में टेक्निकल जानकारी भी जुटानी चाहिए। जिस भी फील्ड में लोग काम करते हैं ,उस फील्ड में तब तक सफल नहीं होते,जब तक अपने काम में एक्सपर्ट न बन जाये।

✍️ आमोद सोलंकी "कम्पनी सेक्रेटरी"

        आगरा।