शहर में रहे मोहब्बत की खुशबू, हर एक शख्स की यही आरजू।

 



हिन्दुस्तान वार्ता।आगरा

सातवां रंग ए सुलहकुल का कार्यक्रम शहर के युवा कलाकारों की जोरदार शिरकत के साथ, कल आस्ताना ए मैकश पर संपन्न हुआ। अमीर खुसरो की बंदिश "तोसे नैना मिलाय के" जब लवेश अग्रवाल ने राग यमन में पेश की तो महफिल  रोशन हो गई। उनके  साथ हार्दिक संगत की। वंदन जागरवाल ने राग यमन में ही ब्रज के होरी के रंग बांसुरी वादन से प्रस्तुत किए।

नगर के प्रसिद्ध युवा तबला वादक भानु प्रताप सिंह ने तीन ताल में महेंद्र प्रताप के हारमोनियम के साथ शानदार जुगल बंदी की ।

 युवा कवियित्री जुही तिवारी ने जहां नज़ीर अकबरावादी की होली पेश की, तो ढपली पर नज़ीर का भजन भगवान स्वरूप जी ने गाया। 

इसके बाद अक्षिता ने गजल पेश की ।

कविता पाठ में शहर के प्रसिद्ध व्यंग कवि रमेश पंडित जी ने अपनी कविता के माध्यम से सत्ता पर व्यंग करते हुए चुनावी वादे याद दिलाए । 

कार्यक्रम में शायर जाकिर खान साहब ने अपनी गजल तरन्नुम में पेश की और पूनम जाकिर साहिबा ने अपनी नव प्रकाशित काव्य संग्रह से कविता नाच का प्रभावपूर्ण पाठ किया। 

शारदा स्कूल से आए मनोज जी ने गजल पेश की और आशीष मोहन की पेंटिग की प्रदर्शनी के साथ मरियम सैयदा का काम भी सराहा गया। आरती,अस्तुति व पिंकी ने कार्यक्रम के दौरान पेंटिंग बना कर सुलहकुल के रंग को और बढ़ा दिया।

लीना और ध्रुव ने मरियम के हाथों पर मेहंदी से सुलहकुल का संदेश दिया। 

शीरोज हैंगआउट से आशीष शुक्ला और राम भारत उपाध्याय जी शामिल हुए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सैयद अजमल अली शाह नियाजी साब ने हिंदुस्तान के लिए जितेंद्र रघुवंशी जी जैसे लोगों को जरूरी बताया वहीं उनकी धर्मपत्नी भावना जितेंद्र रघुवंशी जी ने उनकी मोहब्बत , दोस्ती और लिखने पढ़ने की आदत को युवाओं को अपनाने के लिए कहा।

कार्यक्रम का आयोजन यादगार ए आगरा के द्वारा फैज़ अली शाह और डॉ. विजय शर्मा ने किया जिसमे शीरोज हेंगआउट कैफे और सी जी एडवर टाइजिंग ने सहयोग किया। डॉ. अशोक शिरोमणि,  डॉ अमोल शिरोमणि, डॉ. नवाब उद्दीन, विशाल रियाज, गगन पाठक, असलम सलीमी, मानस रघुवंशी, शुभम जाखड़,अंतरा मुखर्जी, आराधना सिंह, मनीष सिंह, आफताब, आबिदा, आफरीन, मुस्तकीम, मौजूद रहे।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।