टीम पापा ने,शिक्षा विभाग व विद्यालयों के शोषण के खिलाफ,दिया मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन।

 


हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा: 6 अप्रैल, प्रोग्रेसिव एसोसिएशन ऑफ पेरेंट्स" टीम पापा" ने विद्यालय व शिक्षा विभाग के खिलाफ,अभिभावक शोषण के सम्बंध में एक ज्ञापन उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री के नाम,एसीएम पंचम को नामित विद्यालय के अभिभावकों के साथ दिया। 

 संस्था संस्थापक संरक्षक मनोज शर्मा व शोभित जेटली ने ज्ञापन में मुख्यमंत्री से जनपद के अभिभावकों के शोषण की आवाज को बुलंदी से मुखर करते हुए ज्ञापन में उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध करते हुए कहा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी हम आपको अवगत कराना चाहते हैं कि हमारी संस्था का गठन सन 2020 करोना कॉल में अभिभावकों के शोषण निजी विद्यालयों के द्वारा किए जाने पर किया गया था। जब से अब तक अभिभावक छात्र हितों की रक्षा में संस्था कार्य कर रही है।

संस्था ने माननीय उच्चन्यालय में  जनहित याचिका सँख्या 1196 /2020 , में अभिभावक हित मे उत्तर प्रदेश में सत्र 2020-21 विद्यालयों से 15% सालाना शुल्क बापिस के निर्देश प्राप्त किये है, जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी शासनादेश जारी किया है।

 संस्था मा0 मुख्यमंत्री जी को यह अवगत कराना चाहती है कि आगरा में शिक्षा विभाग अपने दायित्वों का पालन ठीक से नही कर रहा है। संस्था के लगातार शिकायत करने पर भी मात्र आश्वासन देना अथवा नोटिस जारी कर अपनी पीठ स्वयं ठोक लेता है।

प्राईवेट विद्यालय लगातार नियमो की धज्जियां उड़ा कर कार्य कर रहे हैं, यह सबको दिखता है बस शिक्षा विभाग को ही नही दिखता।

अनिवार्य बाल शिक्षा के प्राइवेट विद्यालयों के 25 % कोटे के अनिवार्य दाखिले,जिसमे विभाग ही विद्यालय चयन कर के देता है।

गरीब अभिभावक जब विभागीय पत्र लेकर विद्यालय पहुँचता है , तो उसे मिलता है अपमान, तिरस्कार, उपेक्षा..।

दाखिला फिर भी नही,संस्था ने पूर्व में इन विद्यालयों की शिकायत पूर्व आगरा जिलाधकारी महोदय से की थी, जिस पर कुछ बच्चों का विद्यालय विभाग ने बदल दिया था, पर जिन विद्यालयों ने दाखिले नही लिए,उन पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गई।

इससे भी अधिक चिंता की बात यह है , कि उन दाखिल बच्चो को निकाला जा रहा है,अन्यथा फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है।

संस्था को ज्ञात हुआ है कुछ अभिभावकों से तो शुल्क वसूली भी की जा चुकी है।

2018 प्रदेश शिक्षा नीति के तहत विद्यालय अभिभावकों को किसी चयनित दुकान से,किताब कॉपी, ड्रेस आदि, खरीद के लिए मजबूर नही करेंगे, पर विद्यालयों की किताबें , ड्रेस बिना बिल के चयनित दुकान पर असहज दामों पर खुलेआम बिक रही हैं।

 संस्था का मानना है शिक्षा विभाग को सचल दल बना कर नियम विरुध कार्य पर कार्यवाही करनी चाहिये थी, पर ऐसा प्रतीत होता है यह सब विभागीय पोषण से ही हो रहा है।

सम्मनित मीडिया अभिभावक शोषण की खबरों का प्रकाशन / प्रसारण कर रहा है। बस शिक्षा विभाग को कुछ नही पता।

अल्पसंख्यक विद्यालयों में नियम विरूद्ध अन्य जाति वर्ग के अनुपात से अधिक बच्चें पढ़ते है।इस पर कभी कार्यवाही नही होती।

नियम अनुसार कक्षा 5 तक किसी भी कक्षा के एक खंड में 35 बच्चों से अधिक नही होने चाहिए व कक्षा 6 से 12 तक किसी भी कक्षा के एक खंड में 40 बच्चों से अधिक नही होने चाहिए , पर शोषण इतना है ,  कि 50 - 60 -70 बच्चे कक्षा के एक खंड में पढ़ रहे हैं।

इसकी विभाग कभी जाँच नही करता। संस्था के अवगत करवाने पर जाँच कार्यवाही का आश्वासन मात्र दिया जाता है,पर कभी जाँच अथवा कार्यवाही नही की जाती है।

 हाल मामले के तहत आगरा के सेंट पीटर्स स्कूल ,चर्च , मंडी शहीद खाँ घटिया ने अपने विद्यालय से माध्यमिक व पूर्व माध्यमिक शिक्षा पा रहे छात्र / छात्राओं को फेल कर दिया है और उन्हें टी0 सी0 लेकर चले जाने को कह दिया है, जबकि नियम अनुसार पूर्व माध्यमिक शिक्षा में बच्चों को फेल करने का नियम नही है।

संस्था आपसे प्राईवेट विद्यालयों के अनावश्यक शोषणो से मुक्ति की प्रार्थना करती है व निम्न माँग करती है।

1 - विद्यालयों के नियम विरुद्ध छात्र/ छात्राओं के फेल करने पर कड़ी कार्यवाही कर दण्डित किया जाये , व बच्चों को अगली कक्षा में कृपापात्र उत्तरण किया जाये।

2 - 15% प्रतिशत शुल्क वापिस विद्यालय ,अभिभावक लाभार्थियों  शत प्रतिशत करें , न करने वाले व टाल मटोल करने वाले विद्यालयों पर शासनादेश उलंघन का मुकदमा विभाग दर्ज करें ।

3 - वर्तमान शिक्षा के अधिकार  नियामावली व प्रदेश शिक्षा नीति 2018 के पालन न करने विद्यालयों पर कार्यवाही की जाये।

4 - सत्र 2023 -24 में प्राइवेट विद्यालयों के कोटे में लाभार्थियों का शत प्रतिशत दाखिला हो , दाखिले से इनकार व टाल मटोल करने वाले विद्यालयों पर नियम अनुसार कठोर कार्यवाही हो ।

संस्था को विश्वास है अगर संस्था का यह ज्ञापन मा0 प्रदेश के मुख्यमंत्री जी तक जायेगा तो अवश्य ही अभिभावक हितकारी आदेश आएंगे।

अन्यथा इस सप्ताह बाद,ऐसी स्थिति में संस्था अभिभावक हितों में आंदोलन करने को विवश होगी।

जिसका पूर्ण उत्तरदायित्व जिला व शिक्षा प्रशासन का होगा।

ज्ञापन के दौरान अनेको पीड़ित अभिभावक संस्था के साथ थे।

संरक्षक मनोज शर्मा के कहने पर अभिभावकों ने क्रमशः अपनी समस्याएं, ए सी एम पंचम के सामने रखी।एसीएम पंचम ने जाँच कर कारवाही का आश्वासन दिया।

सुनवाई न होने की स्थिति में ,मनोज शर्मा ने कहा कि लगता है कठोर आंदोलन का  समय आ रहा है,अभिभावक शोषण बंद न होने पर संस्था की आवाज़ अब लखनऊ में बुलंद करेंगे।

 स्वाभाविक है अगर अभिभावकों को शोषण कर रोंधा जायेगा तो उसके जो दुष्परिणाम निकलेंगे उसके जिम्मेदार विद्यालय व शिक्षा विभाग होंगे ।