डॉ.भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में 88 वाँ,दीक्षांत समारोह सम्पन्न।



123 छात्र-छात्राओं को दिये गये पद।

हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा-13 अप्रेल, डा0 भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा का 88वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ।

 मा0 कुलाधिपति व राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल सुबह 11 बजे खेरिया एयरपोर्ट पहुंची, जहां उनका जिलाधिकारी श्री नवनीत सिंह चहल, पुलिस आयुक्त डा0 प्रीतिन्दर सिंह व कुलपति प्रो0 आशू रानी ने स्वागत किया। मा0 राज्यपाल को विश्वविद्यालय के खंदारी कैंपस पहुंचने पर, आगरा कॉलेज, आगरा के एनसीसी कैडेट द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। 

तत्पश्चात् मा0 राज्यपाल को दीक्षांत यात्रा के साथ मुख्य कार्यक्रम स्थल तक लाया गया। दीक्षांत यात्रा में कार्य परिषद, विद्या परिषद, विश्वविद्यालय के शिक्षक व विविभिन्न समितियों के पदाधिकारी शामिल रहे। 

इसके बाद कुलाधिपति ने कार्य परिषद सदस्यों के साथ फोटो सेशन कराया।

यहां से दीक्षांत यात्रा, समारोह हॉल में प्रवेश से पूर्व यूनिवर्सिटी मॉडल स्कूल के बच्चों ने अपनी बैण्ड का प्रदर्शन किया। जहां यूनिवर्सिटी के छात्र छात्राओं द्वारा वंदे मातरम गीत की प्रस्तुति दी गई।

उसके बाद मा0 राज्यपाल  ने 07 घड़ों में जल डालकर जल संरक्षण हेतु जल भरो कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। 

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने समधुर कंठ से विश्वविद्यालय के कुल गीत की मनमोहक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में कुलपति प्रो0 आशू रानी ने राज्यपाल महोदया के समक्ष विश्वविद्यालय की विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों, पाठ्यक्रमों, कार्यक्रमों, उपलब्धियों का ब्यौरा दिया।

 उन्होंने बताया कि 2015 से 2019 तक की सभी डिग्रियां डिजिटल कर, कैंप लगाकर बांटी गई हैं।

शेष का डिग्री डिजिटिलाइजेशन किया गया है। शोध संबंधी सभी गतिविधियों को एक ही स्थान से संचालित करने हेतु एक पोर्टल का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि छात्राओं के लिए आंतरिक शिकायत प्रकोष्ठ का गठन किया गया है।

उन्होंने विश्वविद्यालय रेडियो, ललित कला संस्थान के छात्र छात्राओं द्वारा जी-20 प्रतिनिधिमंडल आगमन के समय किए गए कार्यों तथा विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे विभिन्न सामाजिक सरोकारों के क्रियाकलाप की रूपरेखा प्रस्तुत की। विश्वविद्यालय की विभिन्न उपलब्धियों को बताते हुए भविष्य की योजनाओं, छात्र छात्राओं के कौशल विकास, पर्यावरण, अभिरुचि केंद्रों की स्थापना, पुस्तकालय भवन, सोलर एनर्जी जैसे विषयों के बारे में बताया। 

तत्पश्चात उपस्थित स्नातक व परस्नातक, शोध, डी.लिट की डिग्री लेने वाले छात्र छात्राओं को शपथ दिलाई गई। उसके बाद मा0 राज्यपाल महोदया द्वारा मेडल व डिग्री वितरण किया गए। 

समारोह को विशिष्ट अतिथि मा0 राज्य मंत्री उच्च शिक्षा श्रीमती रजनी तिवारी  ने संबोधित करते हुए कहा कि जिस विषय में आप दीक्षित होने आए थे, वह आज पूर्ण हुआ,आप यहां से इस संकल्प के साथ जाएं कि वे अपने माता पिता, गुरुजनों व विश्वविद्यालय का नाम रोशन करेंगे। 

आपको उपाधि मिली है अब आप जिम्मेदार हो गए हो,सकारात्मक सोच के साथ अपना लक्ष्य हासिल करें।

उन्होंने मा0 प्रधानमंत्री मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने आह्वान किया कि अभी हम आजादी का अमृत काल मना रहे हैं,जब आजादी का शताब्दी वर्ष मनायेंगे तब भारत विश्व में सर्वश्रेष्ठ होगा। उक्त उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए आप विचलित न हों और अपने लक्ष्य प्राप्ति में लग जायें। 

समारोह को मुख्य अतिथि पूर्व अध्यक्ष भारतीय विश्वविद्यालय संघ व पूर्व कुलपति राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रो.मानिक राव माधव राव सालुंखे ने भी संबोधित किया तथा विश्वविद्यालय की सामाजिक व राष्ट्रीय भूमिका को बताया। उन्होंने कहा कि शोध के प्रति अपने लगाव को बढ़ाकर ही देश को उन्नति के शिखर पर पहुंचाया जा सकता है। तत्पश्चात राज्यपाल महोदया द्वारा शोध कार्यों हेतु एकल व्यवस्था के लिए बनाए गए पोर्टल को बटन दबाकर लांच किया तथा विश्वविद्यालय दर्पण, विश्वविद्यालय प्रगति आख्या इत्यादि 06 पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। विश्वविद्यालय सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत 10 आंगनवाड़ी कार्य कत्रियों को बच्चों के कुर्सी, रिक्शा,खिलोने आदि की किट, प्राथमिक विद्यालय के 30 बच्चों को स्कूल बैग व किताबों की किट मा. राज्यपाल महोदया के कर कमलों द्वारा प्रदान की गई। 

महिला व पुरुष विश्वविद्यालयफुटवाल टीम को 60,60 हजार का चैक प्रदान किया गया। तत्पश्चात कुलाधिपति व राज्यपाल महोदया का संबोधन हुआ। अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि डॉ. आंबेडकर का समाज में अनुकरणीय योगदान है,वो महान समाजशास्त्री, शिक्षा शास्त्री, व अर्थशास्त्री थे। आजादी के अमृत काल में उनके विचारों से सीखने तथा निरंतर प्रेरणा लेने की जरूरत है। मा.राज्यपाल ने बताया कि आज 123 पदकों में 70 पदक लड़कियों को मिले हैं, जो बताता है कि 21वीं सदी महिला उत्कर्ष का समय है। 

महिलाएं घर में काम करती हैं अन्य परेशानियों के बाद भी इतना अच्छा परिणाम देना एक प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि हम कुछ हांसिल नहीं कर सकते,कमिटमेंट होना चाहिए। शिक्षा ही हमे सब कुछ सिखाती है। उन्होंने बताया कि माता पिता, आचार्य व अतिथि को देवता समझना चाहिए, माता पिता बच्चे की जिन्दगी में क्या कर सकते हैं,उसका उदाहरण देते हुए उन्होंने बलिया जनपद के एक पिता जो फल का ठेला लगाते थे। उनकीके द्वारा अपने बच्चे को पढ़ाकर डी0एस0पी0 बनाया। उन्होंने भारतीय परम्परागत खेलों को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए बताया कि मा0 प्रधानमंत्री मोदी जी ने सभी सांसदों से अपील कर सांसद खेल स्पर्धा को प्रारम्भ कराया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में नई-नई स्किल बढ़ाने का प्रयास किया जाये। उन्होंने कौशल विकास योजना के अन्तर्गत उद्योगों के हिसाब से पाठ्यक्रम में बदलाव तथा नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत पुराने पड़ चुके पाठ्यक्रम के बदलाव की बात की। उन्होंने कहा कि आज की जरूरतों के हिसाब से थ्री0डी0 प्रींटिंग, मेगा प्रोजेक्ट, स्टार्टअप जैसे विषय शुरू हों। विश्वविद्यालय भी स्टार्टअप शुरू करने की योजना बनाये। रिसर्च को इण्डस्ट्री के हिसाब से बढ़ावा दिया जाये।

यूनिवर्सिटी रेडियो का उपयोग, ग्रामीण सशक्तीकरण के रूप में उपयोग करें। उन्होंने कहा कि शोध में हम बहुत पीछे हैं। उन्होंने शोध की इंजीनियरिंग शाखा का उदाहरण देते हुए हाल ही में चिनाव नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल बनाया जो,पेरिस के टावर से भी ज्यादा ऊॅचा है। उन्होंने विश्वविद्यालय में अपनी जरूरत पूरी करने हेतु जल संचयन में आत्मनिर्भर होने के निर्देश दिए तथा बताया कि विश्वविद्यालय अपनी भूमि पर तालाब या अन्य जल संचयन श्रोत का कार्य करे। 

मा0 राज्यपाल  ने विश्वविद्यालय के गौरवपूर्ण इतिहास को बताते हुए कहा कि यहां से पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी, चौधरी चरण सिंह, राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत ढोवाल ने शिक्षा प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि अजीत ढोवाल से विश्व के सभी आतंकवादी डरते हैं।

 मै चाहुंगी कि उन्हें बुलाकर यहां उनका लेक्चर करायें,उन्होंने कहा कि ऐसे गौरवशाली विश्वविद्यालय की आपने क्या स्थिति बनायी है, मुझे यूनिवर्सिटी की चिंता है,10 वर्ष विश्वविद्यालय की बर्वादी की है। संकल्प करें कि आगे 10 वर्षों में विश्वविद्यालय को उसी गौरवपूर्ण स्थान पर लाना है।

 लड़ाई लड़ने के अलावा यहां कुछ नहीं हुआ, यूनिवर्सिटी से प्यार करें।

सहयोग करें, विश्वविद्यालय के लिये पूरा समय दें, बच्चों के लिये काम करें, कोई काम न हो सकें, तो न करें, लेकिन विश्वविद्यालय की बुराई न करें।

04 साल बाद विश्वविद्यालय अपने 100 वर्ष पूर्ण करेगा,जिसकी रूचि है,उसे वहीं काम दो, यहां के होनहार बच्चें हैं, इनका सदुपयोग करें तथा संकल्प लें कि विश्वविद्यालय को,उच्च श्रेणी में लाना है। जब यह हो जायेगा तो समाज में विश्वविद्यालय की छवि स्वयं ठीक हो जायेगी। मा0 राज्यपाल महोदया ने निर्देश दिये कि 10 वर्ष का विजन तैयार कर मेरे समक्ष रखें।

उन्होंने कहा कि यहां जो आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सामान दिया गया है, उसमें राज्य सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं ली गयी है, यह सब बैंक, कॉलेज,सामाजिक संस्थाओं ने दिया है। उन्होंने कहा कि यह भावना रखें कि ये मेरी यूनिवर्सिटी है, मेरी यूनिवर्सिटी का नाम खराब न हो, उसके लिये मुझे काम करना चाहिए। 

इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रो. अजय तनेजा, डीन अकादमिक प्रो. संजीव कुमार, प्रो. सुमग आनंद, प्रो, संजय चौधरी, चीफ प्रॉक्टर प्रो. मनु प्रताप सिंह, प्रो.लवकुश मिश्रा, प्रो. ब्रजेश रावत, प्रो. भूपेंद्र स्वरूप शर्मा, प्रो, विनीता सिंह, प्रो. अचला गक्खर, प्रो. प्रदीप श्रीधर, प्रो. अनिल गुप्ता, मीडिया प्रभारी पूजा सक्सेना, प्रो. संतोश बिहारी शर्मा, प्रो. बिंदुशेखर, डीएसडब्ल्यू प्रो.अरशद, डॉ स्वेतलाना, संन्दीप शर्मा और दीपक कुलश्रेष्ठ आदि मौजूद उपस्थित रहे।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।