जोधपुर झाल जलाशय की कार्य योजना शीघ्रता से पूरी कराई जाये:राजेश गोयल'अध्यक्ष-नेशनल चैम्बर।



आगरा के संभावित जलाशयों एवं उनके वास्तविक मैपिंग कराने को चैम्बर तैयार,प्रशासन को लिखेंगे पत्र।

जोधपुर झाल जलाशय जोड़ता है आगरा एवं मथुरा को।

आगरा में गिरते भूगर्भ स्तर पर चैम्बर ने जताई चिन्ता।

 शास्त्रीपुरम में जलाशय सम्भावना को अमृत योजना से जोड़ने का करेंगे प्रयास।

आगरा रजवाह की टेल है शास्त्रीपुरम में   1.5 किलोमीटर तक जलाशय के रुप में किया जा सकता है विकसित।

यह आगरा में पर्यटन का सबसे अधिक हिट पाइंट बन सकता है।

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा: दिनांक 8 अप्रैल चैम्बर भवन में आगरा एवं आस-पास के क्षेत्र में निरंतर गिरते हुए भूगर्भ जल स्तर पर सदस्यों द्वारा चिंता व्यक्त की गई। 

अध्यक्ष राजेश गोयल ने बताया कि आगरा के आस-पास आगरा की प्यास बुझाने के लिए जल काफी मात्रा में उपलब्ध है किन्तु उसके प्रबंधन की कमी के कारण आगरा में भूगर्भ जलस्तर प्रतिवर्ष घटता जा रहा है।

 पूर्वअध्यक्ष एवं जन सम्पर्क एवं समन्वय प्रकोष्ठ के चेयरमैन मनीष अग्रवाल ने बताया कि आगरा में प्रचुर जल उपलब्ध होते हुए भी यहां जल संकट बढ़ रहा है। इस पर चैम्बर द्वारा अवश्य ही शासन  स्तर पर पत्राचार किया जायेगा। 

पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल ने कहा कि गतवर्षों में जोधपुर झाल जलाशय का चैम्बर द्वारा निरीक्षण किया गया था और यह 152 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। जो प्रतिवर्ष ,वर्षा के समय पूरी तरह भर जाता है किन्तु प्रबन्धन न होने के कारण इसका जल बहकर निकल जाता है।

 अतः इस जलाशय का रखरखाव करना आवश्यक है।

 अध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि आगरा रजवाह जिसका अन्त शास्त्रीपुरम में होता है। आगरा रजवाह की टेल से 1.5 किलोमीटर रुनकता की ओर जलाशय बनाकर पर्याप्त जल संचय किया जा सकता है। इस हेतु शासन को अमृत योजना के तहत क्रियान्वयन करने के लिए पत्र प्रेषित किया जायेगा। 

यह आगरा के पर्यटन के लिए सबसे हिट पर्यटक पाइंट होगा।

वरिष्ठ पत्रकार राजीव सक्सेना ने कहा कि शासन प्रसाशन को जलाशय की कार्ययोजना पर प्राथिमिकता से कार्य करना चाहिए। जोधपुर झाल जलाशय २ जनपदों से सम्बंधित है। 

अध्यक्ष राजेश गोयल ने पुनः कहा कि जोधपुर झाल जलाशय आगरा मथुरा को जोड़ता है। अतः इसे पं. दीन दयाल उपाध्याय सरोवर के रुप में विकसित करने पर बड़े स्तर पर दोनों जनपदों को लाभ मिलेगा।

पूर्व अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि आगरा में गिरते जलस्तर के कारण अति दोहन की स्थिति आ गई है। समय रहते यदि कार्य नहीं हुए तो आगरा भीषण जल संकट की स्थिति में आ जायेगा। आगरा के समस्त जलाशयों की ड्रोन मैपिंग कराई जाये। चैम्बर इसके लिए तैयार है। 

चैम्बर आगरा के निकटवर्ती जलाशयों की ड्रोन मैपिंग कराने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखेगा और जिलाधिकारी से अनुमति मिलने पर चैम्बर जलाशयों की ड्रोन मैपिंग करायेगा।

इस अवसर पर अध्यक्ष राजेश गोयल, पूर्व अध्यक्ष सीता राम अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, राजीव सक्सेना, अनूप गोयल ,सचिन सारस्वत,असलम सलीमी आदि उपस्थित थे।