आध्यात्मिक नगरी शुक्रताल में संत रविदास जी की याद में विशाल आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन।



हिन्दुस्तान वार्ता।मुजफ्फरनगर

 शुक्रताल:3 अप्रैल, रात आध्यात्मिक नगरी शुक्रताल मे सतगुरु रविदास जी महाराज की याद में विशाल आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन किया गया। आयोजन में मन चँगा आध्यात्मिक साधना गुरु प्रविंद्र धारिया ने सद्गुरु सन्त रविदास जी एवं कबीर दास जी पर

विस्तार से चर्चा की।

 उन्होंने बताया कि सतगुरु रविदास जी किसी की पूजा नही करते थे बल्कि शुद्ध प्राकृतिक वैज्ञानिक आध्यात्मिक मन चंगा साधना करते थे, इसलिए उन्होंने कहा था मन चँगा तो कठौती मे गंगा, अगर गंगा में नहाने से भव बंधन पार होते तो गंगा नदी में सदा रहने वाले कछुए मछली सहित जल गंगा जीव मोक्ष प्राप्त कर स्वर्ग चले जाते।

 इसलिए सतगुरु रविदास जी महाराज ने साफ कहा, मन चँगा मतलब मन शुद्ध निर्मल हो जाता हैं तो गंगा नदी में नहाने की जरूरत नहीं रह जाती हैं। जब मन निर्मल हो जाता हैं तो किसी पूजा पाठ प्रार्थना की जरूरत नहीं नही रह जाती है।

 इसलिए कबीर साहेब कहते हैं "मन को निर्मल कीजिए जैसे गंगा नीर, पीछे पीछे हरि फिरे कहत कबीर कबीर l 

जब मन निर्मल हो जाता हैं जब मन चँगा हो जाता है, फिर किसी देवता भगवान को खोजने की जरूरत नहीं,बल्कि खुद भगवान उस मन चँगा (मन निर्मल) व्यक्ति को खुद खोजता फिरता है।

 इसी को सतगुरु रविदास जी महाराज कहते हैं कि जब मन चँगा (निर्मल) हो जाता है तब रविदास जी महाराज कहते हैं तोहि मोहि तोहि मोहि अंतर कैसा, कनक कटिक जल तरंग जैसा।

फिर भगवान और उस मन चँगा निर्मल व्यक्ति मे भगवान मे उतना ही अंतर होता जितना जल और जल में उठती जल तरंग मे होता है।

 मतलब मन चँगा (निर्मल) व्यक्ति उच्च साधक से स्वम भगवान का रूप हो जाता है।

  मन को चँगा( निर्मल) करने के लिए सतगुरु रविदास जी महाराज ने कोई पूजा पाठ तन्त्र मंत्र प्रार्थना भजन कीर्तन नही बताया है,बल्कि शुद्ध प्राकृतिक वैज्ञानिक आध्यात्मिक शुद्ध साँसों की मन चँगा साधना बताई है।

 सतगुरु रविदास जी ने कितना साफ कहा सांसो की सुमरण कर अजपा का जाप परम तत्व का ध्यान कर शोहउँग आपे आप।

 सतगुरु रविदास जी महाराज कहते है ढोंग आडम्बर पूजा पाठ प्रार्थना तन्त्र मंत्र का विरोध करते हुए कहते हैं। अंतर गति सांचे नही बाहर करे उजास ते नर यमपुर जायेंगे सत् भाषे रैदास l वही मन चँगा साधना पूरे देश में मुझ जैसे साधारण व्यक्ति को मेरे सतगुरु प्रसिद्ध रविदासी संत  समनदास महाराज जी ने बचपन से कराई है इस पूरे विश्व में में तथागत बुद्ध सतगुरु रविदास जी महाराज कबीर साहेब की मन चँगा (निर्मल) को कराने की सेवा कर रहा हूँ।

 विशाल आध्यात्मिक सत्संग में मन चँगा आध्यात्मिक साधना गुरु प्रविंद्र धारिया के साथ भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आज़ाद एडवोकेट राष्ट्रीय अध्यक्ष आज़ाद समाज पार्टी विश्व प्रसिद्ध डॉ व साहब कांशीराम के घनिष्ट मित्र रहे डॉ बृजपाल सिंह जगरौली, विशाल संगत के साथ उपस्थित थे। सुत्र- मन चँगा साधना गुरु प्रविंद्र धारिया मो.6398584646