चैतन्य विहार मैदान में भागवत कथा के समापन पर,भगवान के अनेक विवाह संग सुदामा चरित्र ने किया भावविभोर।



चले श्याम सुन्दर से मिलने सुदामा..।

सोशल मीडिया के माध्यम से भगवान कृष्ण पर उंगली उठाने वालों को उनकी लीला का मर्म बताकर,दो मुंह तोड़ जवाब: चिन्मयानंद बापू।

हिन्दुस्तान वार्ता: ब्यूरो

वृदांवन। विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा चैतन्य विहार मैदान में आयोजित दिव्य भागवत कथा के समापन पर पूज्य राष्ट्रीय संत चिन्मयानंद बापू ने बीस राज्यों से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं को भगवान के अनेक विवाह और सुदामा चरित्र के प्रसंग का मार्मिक वर्णन कर भाव विभोर कर दिया। 

 इस दौरान भगवान कृष्ण,माता रुक्मणी और ब्राह्मण देव सुदामा (पार्षद हरिओम गोयल) के स्वरूप ने सबका दिल छू लिया। 'चले श्याम सुंदर से मिलने सुदामा, गाते जाते मग में हरे कृष्ण रामा' भजन पर सब मगन हो गए।

कथा क्रम में पूज्य राष्ट्रीय संत चिन्मयानंद बापू ने समझाया कि भगवान कृष्ण ने कामासक्ति या विषयासक्ति के कारण नहीं,अपितु धर्म और नारी अस्मिता की रक्षा के लिए अनेक विवाह किए। भगवान कृष्ण ने सीख दी कि जीवन का लक्ष्य धर्म और मोक्ष होना चाहिए,अर्थ और काम नहीं।

 उन्होंने कहा कि विषयी और अज्ञानी लोग भगवान पर उंगलियां उठाते हैं। आज वक्त आ गया है कि ऐसे लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से भगवान की लीला का मर्म समझा कर मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। 

पूज्य बापू ने कहा कि भगवान के आने का उद्देश्य दुष्टों का दमन और धर्म की स्थापना करना था। उन्होंने अपनी लीलाओं से हमें सिखाया कि समाज के तिरस्कृत व्यक्ति को सहारा देना धर्म है। मनुष्य-मनुष्य में भेद मत करो। अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को आगे लेकर आओ। उसे प्यार दो। यही तो गोविंद की करुणा है।

 कोटवन के संत श्री मौनी जी महाराज, गोवर्धन गिरिराज मंदिर के प्रमुख सेवायत ओमजी श्याम सुंदर शर्मा, रामदास जी महाराज, विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी और आगरा के प्रमुख समाजसेवी पार्षद मुरारीलाल गोयल पेंट वाले, मुख्य यजमान श्रीमती जागृति द्विवेदी, सुधांशु द्विवेदी,श्रेतिमा द्विवेदी, अंबरीश शर्मा (गुड्डू भैया), गोविंद सुगंधी, हिमानी सुगंधी,अमित सुगंधी, राजवीर सिंह, नवल यादव, महेश यादव, आलोक यादव, अनुराग यादव और मीडिया समन्वयक कुमार ललित प्रमुख रूप से मौजूद रहे। ट्रस्टी मयंक वैद्य ने संचालन किया।