भगवान को सिर्फ भाव से पाया जा सकता है:रा.संत श्री अरविंद जी महाराज।



बल्केश्वर महादेव मंदिर परिसर में सप्तम दिन सुदामा प्रसंग और परीक्षित मोक्षदायक कथा से भाव विभोर हुए भक्त।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगराः बल्केश्वर महादेव मंदिर परिसर में हो रही श्रीमद् भागवत सप्ताह में सातवे दिन श्रीमद् भागवत कथा का विश्राम करते हुए,कई कथाओं का भक्तों को श्रवण कराया, जिसमें प्रभु कृष्ण के 16 हजार शादियां के प्रसंग के साथ,सुदामा प्रसंग और परीक्षित मोक्ष की कथायें सुनाई। इन कथाओं को सुनकर सभी भक्त भाव विभोर हो गए।

महाराज जी ने भक्तों को श्री भागवत जी को अपने जीवन में उतारने की बात कही जिससे सभी लोग धर्म की ओर अग्रसर हो। कथा के सप्तम दिवस पर सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्तों के सामने मित्रता जैसे मनोभाव को बताते हुए समाज में समानता का संदेश दिया। कैसे श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है,बताया कि जो साधु, गुरु, ब्रामण का जो धन खाता है वो नाली का कीड़ा बन जाता है।

संत श्री अरविंद जी महाराज ने कथा में बताया कि कैसे गरीब ब्राह्मण सुदामा अपनी पत्नी सुशीला के कहने पर ना चाहते हुए भी द्वारिका जाने को तैयार होते हैं। सुदामा को कृष्ण से मिलने के लिये अनेको बाधायों का सामना करना पड़ता है, इसी प्रकार भगवान को पाने के मार्ग में भी काम, क्रोध, मद, मोह जैसी विषमताओ का सामना करना पड़ता है।