पुलिस कमिश्नर ने सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा से कहा,आगरा में पुलिस बीट सिस्टम और स्मारकों की सटीक जानकारियां करवाने में होगा सुधार।

 


हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा: सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के प्रतिनिधि मंडल ने डॉ. प्रीतिंदर सिंह,पुलिस कमिश्नर आगरा से उनके ऑफिस मे मुलाक़ात कर, उनसे आगरा को बेहतर बनाने के लिए दो अहम जरूरतों पर संवाद किया। 

पुलिस बीट सिस्टम को मजबूत और आगरा आने वाले टुरिस्ट को सहज और सुलभ विदेशी और अंतर्देशीय पर्यटकों को ताजमहल सहित सटीक जानकारियां उपलब्ध करवाना के लिए। 

डॉ.प्रीतिंदर ने उनके द्वारा किए जा रहे प्रयास की जानकारी दी,उन्होने बताया कि हाल ही में विभिन्न संस्थाओं, व्यावसायिक एसोसिएशन,ग्राम प्रधानों आदि के सहयोग से आगरा में  6000 सीसीटीवी लगवाए गए हैं। उन्होने आवाहन किया के हर घर और प्रतिष्ठान पर सड़क की ओर कम से कम दो सीसीटीवी कैमरे,अगर लोग लगाएँ तो क्राइम पर बहुत कंट्रोल होगा। जल्दी ही नागरिकों द्वारा लगाए गए कैमरों को सेंट्रल कमांड से जोड़ा जाएगा। 

पुलिस बीट सिस्टम को मजबूती से लागू करने के लिए जल्दी ही डीसीपी नगर और सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा  के साथ संवाद बैठक की बुलाई जाएगी । सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के सुझाव पर सूरत मॉडल का अध्यन कर,आगरा मॉडल विकसित करने को पुलिस कमिश्नर ने सकारात्मक माना और इस पर आगे चर्चा करने का आश्वासन दिया। ज्ञात रहे सूरत के पूर्व कमिश्नर पुलिस श्री राकेश अस्थाना आगरा में पढे हैं और उनका पैतृक मकान आगरा में है। पूर्व में भी, वो आगरा में उनके द्वारा सूरत में लगाए गए सीसीटीवी सर्वेलांस सिस्टम  पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रस्तुति दे चुके हैं। उसके बाद आगरा में सीसीटीवी सर्वेलांस सिस्टम ने गति पकड़ी थी।

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा का मानना है कि पुलिस बीट व्यवस्था लागू करने के साथ ही वीट इंचार्जों को क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं, प्रबंध व समस्याग्रस्त नागरिकों से प्रत्यक्ष संवाद बनाये रखने को निर्देशित किया जाये।

सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा  का मानना है कि वर्तमान में कई थाना क्षेत्रों में नागरिक पुलिस संवाद की स्थिति जरूरत के अनुरूप नहीं रह सकी है।पुलिस कर्मियों में अनेक ऐसे है जिनके द्वारा नागरिकों के प्रति सम्मान और विश्वास में कमी आयी है। जिसमें आवश्यक सुधार की अपेक्षित है।बीट व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद से इसमें बेहद कमी आयेगी। पुलिस तंत्र की निगरानी व्यापक होने मात्र जहां अपराधी तत्व हतोत्साहित होंगे,वहीं सभ्य नागरिकों का व्यवस्था के प्रति विश्वास बढेगा।इसमें बीट ऑफिसर की भूमिका ही महत्वपूर्ण होगी वह अपनी वीट क्षेत्र के प्रभावी और संभ्रांत नागरिकों ,स्वयंसेवी संगठना को सहजता के साथ जोड़ सकेगा।

ताजमहल और पर्यटन।

पुलिस कमिश्नर ने बताया के पर्यटकों को जानकारी के लिए एएसआई, एडीए,कमिश्नर आगरा और आगरा पुलिस की समन्वय मीटिंग होगी। उनका मानना है के स्मारकों के अंदर भी पुलिस किओस्क होना चाहिए, सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के सुझाव को सकारात्मक मानते हुए नियमित संवाद पर ज़ोर दिया। 

विदेशी और अंतर्देशीय पर्यटकों को ताजमहल सहित सटीक जानकारियां उपलब्ध करवाना पर्यटन प्रधान आगरा की अहम आवश्यकता है।आगरा की ऐतिहासिक इमारतों और दर्शनीय स्थलों संबंधित जानकारियां सोशल मीडिया और टूरिज्म आधारित मार्केटिंग करने वाले प्रतिष्ठानों की वेबसाइटों पर भर पूरता से उपलब्ध है। टूरिज्म डिपार्टमेंट भी तमाम जानकारियों पिछले दो दशकों से अपने पोर्टलों से दे रहा है किन्तु सन सैट ,सन राइज, इम्पैनल्ड होटलों की सूचनाओं के अलावा वह सब नहीं दे सका है,जिसमें जरूरत पहली बार आगरा आने वाले पर्यटक को होती है।

आगरा गलियों,आंतरिक रूप से जुड़ी सड़कों का शहर है।वर्तमान में जो मार्ग दर्शक व सूचना चिन्ह लगे हुए हैं,वे केवल ताजमहल के आसपास ताजगंज क्षेत्र तक ही सीमित हैं।सिकंदरा एत्माद्दौला क्षेत्र से लगे संरक्षित मॉन्यूमेंट में से भी अधिकांश तक मार्ग दर्शकों के माध्यम से पहुंचना मुश्किल है। शिव मंदिरों सहित अन्य धर्मों के पहुंच मार्ग तो कम से कम होने ही चाहिये। हमारी सूचना उपलब्ध करवाने की कार्ययोजना इस प्रकार से बनायी जाये जिससे पर्यटक या आगरा के  भ्रमणार्थी को ‘आर टी आई एक्ट ’ उपयोग करने की जरूरत ही नहीं पडै।

पर्यटकों को स्तरीय वाश रूम की लोकेशन, रिलैक्सिंग पॉइंट,पार्कों, कहां कितना शुल्क देना है कांटेक्ट नंबर ,हेल्थ इमरजेंसी तथा डॉक्टरों के नाम व नम्बर मय फीस  आदि के उपलब्ध करवायी जानी अपेक्षित है। इसके लिये इंटरनेट लिंकिंग के कियोस्क लगाया जा सकते हैं।

आज की मीटिंग में मुलाक़ात करने वालों में शिरोमणि सिंह, अनिल शर्मा,के.एन.अग्निहोत्री,ग्रुप कैप्टन जयपाल सिंह चौहान और असलम सलीमी प्रमुख थे ।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।