एसईई की कार्यशाला 17 सितम्बर को,दांतों का पीलापन दूर करने को दिया जाएगा प्रशिक्षण।



−सोसायटी फॉर एंडोडोटिक एक्सीलेंस की सेमिनार में बैंगलुरु से आएंगे विशेषज्ञ। 

− 100 से अधिक चिकित्सकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण, एक घंटे में होगा पीलेपन का इलाज। 

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। सुंदरता को चार चांद लगाने वाले संगमरमरी से सफेद दांत जब पीलेपन की समस्या से ग्रस्त हो जाएं तो चेहरे की सुंदरता आधी रह जाती है। 

दांतों के पीलेपन की समस्या से छुटकारा वो भी मात्र एक घंटे में इस विषय पर सोसायटी फॉर एंडोडोटिक एक्सीलेंस (एसईई) की कार्यशाला 17 सितंबर,दिन रविवार को होगी। 

शनिवार को कार्यशाला का उद्घाेषणा पत्र विमोचन समारोह संजय प्लेस स्थित होटल फेरय फील्ड बाय मैरियट में आयोजित किया गया।अध्यक्ष डॉ.सुषमा प्रतिहार ने बताया कि कार्यशाला रविवार को दोपहर 3:30 बजे से होटल फेयर फील्ड बाय मैरियट में ही आयोजित होगी। कार्यशाला में बैंगलुरु के दंत रोग विशेषज्ञ डॉ दीपक मेहता दांतों का पीलापन के कारण एवं निवारण पर प्रशिक्षण देंगे। बताया जाएगा कि मात्र एक घंटे में बिना किसी इंजेक्शन और दर्द के दांतों के पीलेपन की समस्या से छुटकारा कैसे मिल सकता है। 

सचिव डॉ.असीम शिरोमणी ने कहा कि कार्यशाला में आगरा के करीब 100 दंत रोग विशेषज्ञ प्रशिक्षण लेंगे। लैक्चर के साथ इलाज की पद्वति विस्तार से बतायी जाएगी। कोषाध्यक्ष डॉ.अमित नारायण ने बताया कि अब तक दांतों का पीलापन दूर करने के लिए मरीज को तीन से चार बार सिटिंग लेनी होती थी किंतु आधुनिक विधि में मात्र एक घंटे में समस्या का निवारण हो सकता है। मीडिया प्रभारी डॉ. चकित माहेश्वरी ने कहा कि संस्था द्वारा समय− समय पर निःशुल्क दंत परीक्षण शिविर, जागरुकता शिविर आदि लगाए जाते हैं। कार्यशाला का उद्देश्य आगरा के दंत रोग विशेषज्ञों को आधुनिक चिकित्सा प्रणाली से प्रशिक्षित कर शहर की जनता को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाना है। उद्घाेषण पत्र विमोचन समारोह में डॉ आशीष गुप्ता, डॉ जया पम्बू, डॉ दीप्ति चढ्ढा श्रीवास्तव, डॉ वैभव कृष्णा, डॉ विपुल अरोड़ा आदि उपस्थित रहे।

इन कारणाें से होते हैं दांत पीले।

दांतों का पीलापन जन्मजात समस्या नहीं है। फ्लोराड युक्त पानी,चाय−काफी का अधिक प्रयोग,पान−गुटखा,तम्बाकू के सेवन से दांत पीले पड़ जाते हैं। अब तक दांतों की चमक वापस लाने के लिए दांतों को घिसकर उस पर कैप लगायी जाती थी। इसमें समय अधिक लगता है और दांतों को भी नुकसान पहुंचता है।