महालक्ष्मी भक्त मंडल ने निकाली,खाटू श्याम जी मन्दिर,जीवनी मंडी तक,विशाल निशान यात्रा।



 राजस्थान का सीकर धाम,बना आगरा, "निशान यात्रा" में उमड़ा आस्था का सैलाब।

 शामिल हुए 2000 से अधिक श्रद्धालु, घोड़े, ऊंट, झांकियां रहीं आकर्षक

 तीन किमी की यात्रा तय हुई तीन घंटे में, विधायक ने की अगुवाई, पुलिस फोर्स चली साथ।

भव्य यात्रा का पग पग पर अद्भुत स्वागत, बैंड,डीजे और ढोल पर नाचे श्रद्धालु।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। शहर के इतिहास की सबसे भव्य यात्रा, तीन किमी तक सिर्फ ध्वज और श्रद्धा का सैलाब। लक्ष्मी माता संग खाटू श्याम नरेश के जयकारे और अबोध बालक सा हर आयु के श्रद्धालु में उल्लास। 

धर्म और अध्यात्म का ये विहंगम दृश्य था श्री महालक्ष्मी भक्त मंडल द्वारा आयोजित जन्माष्टमी महोत्सव के अंतर्गत निकली निशान यात्रा में।

 बुधवार को बल्केश्वर स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर से जीवनी मंडी स्थित श्री खाटू श्याम जी मंदिर तक भव्य निशान यात्रा निकल गई। चार दिवसीय जन्माष्टमी महोत्सव के दूसरे दिन निकाली गई निशान यात्रा में दो हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। तीन किमी की दूरी तय करने में यात्रा को तीन घंटे लगे। 

यात्रा का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक पुरषोत्तम खंडेलवाल,मंदिर ट्रस्टी राम कपूर,सतीश कपूर और अध्यक्ष संजय अग्रवाल, ने खाटू श्याम जी की झांकी की आरती उतार कर किया। 

प्रमुख समाज सेवी,पार्षद मुरारी लाल गोयल और पार्षद पूजा बंसल की उपस्थिति सराहनीय रही। 

भव्य यात्रा की यातायात व्यवस्था एसीपी छत्ता राकेश कुमार सिंह,एसीपी हरी पर्वत मयंक तिवारी,थाना प्रभारी छत्ता अनुराग शर्मा और थाना प्रभारी कमला नगर विपिन गौतम ने मयफोर्स संभाली।

गणेश जी,राम दरबार, कृष्ण लीला और महादेव की झांकी के साथ ही लाइव डीजे साथ साथ चल रहे थे। सुधीर बैंड और नासिक से आए,ढोल की धुन पर क्या महिला, क्या पुरुष, हर आयु के भक्त हाथों में निशान थामे झूमते हुए चल रहे थे। 

उत्साह ऐसा कि कड़ी धूप में पैरों के छाले भी मुस्कुराने लगे। यात्रा के स्वागत के लिए बल्केश्वर से वाटरवर्क्स तक नौ देवियों के नाम पर द्वार बनाए गए।

 जगह जगह यात्रा का स्वागत पुष्प वर्षा और शीतल पेय से किया गया। यात्रा में आगे चल रहे ऊंट और अश्वों पर रानी लक्ष्मीबाई के बाल स्वरूप सभी का आकर्षण अपनी ओर खींच रहे थे। स्कूटी पर विविध प्रांतों की वेशभूषा में किशोरियां चल रही थीं। खाटू श्याम जी मंदिर पहुंचने पर भक्त मंडल ने मां महालक्ष्मी जी की तस्वीर के साथ आमंत्रण दिया। आरती और भजनों पर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। यात्रा का समापन महालक्ष्मी मंदिर पर सामूहिक प्रसादी से हुआ। 

महालक्ष्मी को अर्पित की 21 किलो की पोशाक, निकाली यात्रा।

निशान यात्रा के बाद सायं मां लक्ष्मी को अर्पित करने के लिए पोशाक यात्रा निकाली गई। चिनार हाउस, राधा नगर से श्री महालक्ष्मी मंदिर तक भव्य यात्रा बैंड बाजे और झांकियों के साथ निकली। ध्वज और पोषक सिर पर रख हर श्रद्धालु स्वयं को धन्य कर रहा था। माता की पोशाक 21 किलो से अधिक वजन की थी, जिस पर मोतियों का काम किया गया था। पोशाक विशेष रूप से वृंदावन में तैयार करवाई गई है। 

बैंड और ढोल ने खींचा ध्यान।

निशान और पोशाक यात्रा में सुधीर बैंड के 80 लोगाें के समूह ने और नासिक से आए ढोल ग्रुप के करीब एक दर्जन सदस्यों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। सुधीर बैंड ने महाभारत कथा गीत जब प्रस्तुत किया तो हर श्रद्धालु के रोंगटे खड़े हो गए। 

इन्होंने संभाली व्यवस्था की कमान।

ट्रस्टी राम कपूर और सतीश कपूर, अध्यक्ष संजय अग्रवाल, महामंत्री अशाेक सिंघल, कोषाध्यक्ष विकास मित्तल, मनोज जैन,अविनाश राना, मनीष अग्रवाल, रोहित गोयल, अमित अग्रवाल, अमित गुप्ता, बाबा चाैहान, पवन जैन, आशीष सक्सेना, हेमेंद्र मोहता, कौशल बंसल, चिराग बंसल, आदर्श नंदन गुप्त, भाेलानाथ, अनिल अग्रवाल, मोहन कुमार, नीरज वर्मा, नीरज, अपिल कपूर, नितेश गुप्ता, दिलीप बंसल, प्रदीप अग्रवाल, ज्योति, रितु, सपना, श्रुति, रेशु, शिवानी कपूर, अंजली, मोहना, पिंकी, सपना, संगीता, आशु, सुरेखा, प्रीति आदि ने व्यवस्थाएं संभालीं।

 छप्पन भोग और भजन संध्या।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर 7 सितंबर को मंदिर में विशाल फूल बंगला और छप्पन भाेग के दर्शन होंगे,साथ ही राजस्थान और मप्र के कलाकारों द्वारा भजन संध्या प्रस्तुत होगी। 8 सितंबर को सायंकाल श्याम रसोई का आयोजन होगा और अन्तरराष्ट्रीय कलाकार भावना दीक्षित द्वारा मयूर नृत्य की प्रस्तुति होगी।