नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स एलायंस(नीसा) के अनुरोध पर,परीक्षा नियंत्रक-सीबीएसई ने की वार्ता।



हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो 

दिल्ली: नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स एलायंस (नीसा) के अनुरोध पर श्री संयम भारद्वाज,परीक्षा नियंत्रक,केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी.बी.एस.ई) ने एक सितम्बर को सी.बी.एस.ई,नई दिल्ली में एक वार्ता आयोजित की।

वार्ता के प्रतिनिधि मंडल में ये सदस्यगण सम्मिलित हुए।

 🌲डॉ. कुलभूषण शर्मा - हरियाणा

 🌲डॉ. सुशील गुप्ता - उत्तर प्रदेश 

 🌲डॉ. सुशील धनखड़ - नई दिल्ली 

 🌲मिस्टर मार्टिन कैनेडी - तमिलनाडु 

 🌲मिस्टर जॉन प्रभु - तमिलनाडु

 🌲श्री तुलसी प्रसाद - आंध्रप्रदेश

 🌲डॉ. पराग पंडित - उत्तरप्रदेश

 🌲श्री थॉमस एंटनी - केरल

 नीसा उपाध्यक्ष डॉ. गुप्ता ने बताया कि आपसी वार्तालाप में कुछ विशेष बिंदुओं पर चर्चा की गई,जो निम्न हैं।

 सर्वाधिक ज्वलंत मुद्दा जो कक्षाओं के वर्ग (सेक्शन) बढ़ाने का था, उसके विषय में उन्होंने कहा कि प्रारंभिक रूप में जिन विद्यालयों ने प्लाट एरिया एवं इंफ्रास्ट्रक्चर के अनुरूप जितने वर्ग (सेक्शन) मिले थे और कोविड या अन्य किसी विशेष कारण से वर्ग (सेक्शन) कम कर दिए गए थे, उन्हें वर्गों (सेक्शन) को बढ़ाने हेतु अनुमति दी जाएगी और इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क भी नहीं लिया जाएगा। इसके विपरीत जिन विद्यालयों ने पहले कम वर्ग (सेक्शन) भरे थे और अब वह उसको और बढ़ाना चाहते हैं तो उन्हें सरस के माध्यम से ही आवेदन करना पड़ेगा एवं उसके लिए पर्याप्त शुल्क भी देना पड़ेगा l

 डॉ.पराग पंडित ने विद्यालयों में कक्षाओं के वर्ग बढ़ाने हेतु जो 75000 रुपए का शुल्क लिया गया था उसके बारे में चर्चा की, उसके बारे में भारद्वाज जी का कहना है कि इस तरह का कोई भी शुल्क आगे नहीं लगेगा और जिन भी विद्यालयों ने जमा करा दी उनको वापस कर दी जाएगी कहीं एडजस्ट नहीं की जाएगी 

  मिस्टर जॉन प्रभु ने सी.डब्ल्यू. एस. एन. छात्रों / छात्राओं के लिए सुविधा देने के बारे में चर्चा की l 

 भारद्वाज जी ने कहा कि सी.डब्ल्यू.एस.एन. छात्रों / छात्राओं के लिए अलग से हर मंजिल पर शौचालय की व्यवस्था की जानी चाहिए क्योंकि भविष्य में इस तरह के छात्रों की संख्या बढ़ती हुई नजर आ रही है।

  डॉ.गुप्ता ने जब उन्हें बताया कि मान्यताकाल बढ़ाने के पत्र में यह शर्त रखी गई है कि 3 महीने में लिफ्ट या रैंप का इंतजाम किया जाना चाहिए, अन्यथा 50000 रुपए प्रतिमाह दंडित शुल्क लिया जाएगा, तो भारद्वाज जी ने आश्वासन देते हुए कहा कि वह अध्यक्ष से बात करके इस अवधि को बढ़ाने का प्रयास करेंगे।

 श्री मार्टिन ने विद्यालय की कंक्रीट बाउंड्री दीवार के विषय में बताया तो उन्होंने कहा कि अगर ईंट की दीवार 6 फीट ऊंँची है और उस पर कांटेदार तार लगे हुए हैं, तो वह भी  मान्य  होनी चाहिए वो इस बारे मैं अध्यक्ष से बात करेंगे l 

  श्री थॉमस एंटनी मान्यता को पुनः लागू करने हेतु जो साथ शर्तें रखी गई है और 3 महीने में जिन्हें पूरी न करने पर 50000 रुपए प्रतिमाह का दंडित शुल्क लगाया जाएगा के जबाब में भारद्वाज जी ने आश्वासन दिया कि वह इस अवधि को बढ़ाने का प्रयास करेंगे।

 नीसाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने जब उन्हें बताया कि राज्य सरकार उन्हें लैंड एनओसी, स्ट्रक्चरल सेफ़्टी एनओसी और फायर एनओसी आदि देने में उचित आदेश न होने का हवाला देती है, तो भारद्वाज जी ने स्पष्ट कहा कि सी.बी.एस.ई. राज्य सरकार को इस विषय में लिखित रूप से निर्देश देगी कि किस विभाग को सी.बी.एस.ई के  प्रारूप के अनुसार कौन-सी एनओसी प्रदान करनी है?

 सुशील धनखड़ जी ने कहा कि बोर्ड की परीक्षाओं के दौरान परीक्षा केंद्रों पर महिला सेंटर सुप्रिटेंडेंट नियुक्त की जाती हैं और उन्हें 40 से 50 किलोमीटर दूर विद्यालय पहुंँचना होता है, जिसमें उन्हें अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पहाड़ी इलाको मैं यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है l यदि जरूरी हो तो पुरुषों की ड्यूटी लगाई जाय l इस बात पर भारद्वाज जी ने कहा कि इस तरह की घटनाएंँ हमारे संज्ञान में लाई जाएँ और यदि ऐसा कुछ होता है तो हम उसे परिवर्तित करने का प्रयास करेंगे।

 श्री तुलसी प्रसाद ने कोचिंग के मुद्दे पर भी चर्चा की l भारद्वाज जी ने बताया कि पिछले वर्ष हमने कोचिंग की वजह से करीब 40 विद्यालयों की मान्यता रद्द की थी सी.बी.एस.ई इस मुद्दे पर बहुत ही गंभीर है और इसी वजह से बायोमेट्रिक का  तरीका अपनाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष के अंत तक डमी विद्यालयों के विषय में निर्णय ले लिया जाएगा क्योंकि इनकी वजह से बच्चों सर्वांगीण विकास रुक रहा है। डॉ. गुप्ता ने इस संदर्भ में उनसे अनुरोध किया कि मंत्रालय से इतना आदेश करवा दें कि कोचिंग दोपहर के बाद ही चलें।

  डॉ.गुप्ता ने दून स्कूल का भी एक मामला उनके संज्ञान में लाए, जिसमें डायरेक्ट एडमिशन के लिए सी.बी.एस.ई की तरफ से इतने प्रमाण-पत्र मांँगे जाते हैं कि प्रतीत होता है कि बच्चों को एडमिशन नहीं बल्कि स्कूल को मान्यता दी जा रही है, तो यह प्रक्रिया तत्काल रूप से बंद की जानी चाहिए। इस पर भारद्वाज जी ने आश्वासन देते हुए कहा कि वह इस पर विचार करेंगे।

  कुलभूषण शर्मा ने भारद्वाज जी से अनुरोध करते हुए कहा की सी.बी.एस.ई की शासकीय संरचना में यदि नीसा को भी स्थान दिया जाए तो प्रायोगिक स्तर पर यह काफी बेहतर पहल होगी।

 भारद्वाज जी ने बताया कि दसवीं और बारहवीं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पूर्व में 14 से 15 दिनों में किया जाता था, जो अब 7 दिनों में करवाने का प्रयास किया जाएगा।

  उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन केंद्रों की संख्या इस वर्ष से ज्यादा रखी जाएगी और ऐसे स्थान सुनिश्चित किए जाएंँगे, जहांँ शिक्षकवर्ग आसानी से कम समय में पहुंँच सके।

 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन जो रविवार को भी किया जाता था, अब नहीं होगा क्योंकि मूल्यांकन मुख्यतः महिला शिक्षकवर्ग के द्वारा किया जाता है। अतः सप्ताह में एक दिन अवकाश रखा जाएगा।