40 के बाद 30 मिनट दें खुद को और भूल जाएं हर तकलीफ,खुशी−खुशी अपनाएं हर बदलाव को।

− नॉर्थ जोन आईएमएसकॉन 2023 का हुआ शुभारंभ, जुटे चैन्नई से जम्मू तक के चिकित्सक।

− विशेषज्ञों ने साझा किये शाेध पत्र और तलाशे मीनोपॉज की समस्याओं के समाधान।

−  आज होगा पब्लिक फोरम के साथ मीनोपॉज सोसायटी की कान्फ्रेंस का समापन।

− उद्घाटन सत्र में स्त्री रोग विशेषज्ञों ने दी “मैं आगरा हूं नृत्य नाटिका पर शानदार प्रस्तुति।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। जीवनभर परिवार को समय देने वाली महिलाओं के लिए बेहद जरूरी है कि 40 वर्ष की उम्र के बाद खुद के लिए कम से कम 30 मिनट निकालें। व्यायाम करें, साइकिलिंग करें, फिजिकल एक्टिविटी करें और व्यवसनों से सख्त दूरी रखें। इंडियन मीनोपॉज सोसायटी की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ पुष्पा सेठी ने मीनोपॉज के दौरान होने वाली समस्याओं से बचाव के ये कुछ गुरुमंत्र साझा किये। 

 अवसर था होटल क्लार्क्स शीराज में आयोजित नॉर्थ जोन आईएमएसकॉन 2023 का। शनिवार को नॉर्थ जोन इंडियन मीनोपॉज सोसायटी की कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल ने दीप प्रज्जवलन कर किया गया। सुवेनियर पुस्तक और पॉज मैग्जिन का विमोचन किया गया। इसके बाद दिनभर मरीजों की सेवा में व्यस्त रहने वालीं महिला चिकित्सकों ने जब शरदोत्सव रास और मैं आगरा हूं थीम पर आधारित नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी तो हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया। रंगारंग उद्घाटन सत्र से पूर्व कई सत्र रखे गए थे, जिनमें समय से पूर्व मीनोपॉज, मीनोपॉज की समस्या और समाधान, गर्भाशय कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर के कारण और निवारण पर गंभीर मंथन किया गया। इस अवसर पर सोसायटी की चैयरपर्सन डॉ आरती मनोज, सचिव डॉ रत्ना शर्मा, सहचेयरपर्सन डॉ रिचा सिंह, डॉ सुभाषिनी गुप्ता, डॉ निधि बंसल, सांइटिफिक चैयरपर्सन डॉ सविता त्यागी, डॉ शिखा सिंह, कोषाध्यक्ष डॉ संगीता चतुर्वेदी, डॉ अमन प्रिया, डॉ केया, डॉ भारती, डॉ प्रियाा, डॉ अमिता, डॉ नमिता, डॉ प्रतिभा दीक्षित, डॉ अभिलाषा प्रकाश, डॉ निधि गुप्ता आदि उपस्थित रहीं।  

इनका मिला विशेष मार्गदर्शन।

राष्ट्रीय अध्यक्ष पुष्पा सेठी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ अनीता शाह, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ बिपाशा सेन, पूर्व अध्यक्ष डॉ अतुल मुन्शी, डॉ जिगनेश शाह, डॉ सोनिया मलिक, डॉ सुनीता खंडेलववाल, डॉ मनिन्दर आहूजा, डॉ जयदीप मल्होत्रा, डॉ शोभना मोहन दास, डॉ सरोज सिंह, डॉ नरेंद्र मल्होत्रा, डॉ रिचा सिंह, डॉ बीना टंडन आदि का मार्गदर्शन कान्फ्रेंस में मिला। 

कैंसर से अधिक महिलाओं की मौत होती है आस्टियोपोरोसिस से− डॉ बीनल शाह

बड़ाेदरा से आईं डॉ बीनल शाह, जोकि पब्लिक अवेयरनेस कमेटी की अध्यक्ष हैं ने बताया कि मीनोपॉज के बाद महिलाओं में सबसे ज्यादा आस्टियोपोरोसिस की समस्या यानि हड्डियों का कमजोर होना बहुत अधिक होती है। लापरवाही के कारण कैंसर से अधिक महिलाओं की मौत आस्टियोपोरोसिस के कारण होती है। इसलिए समय रहते 40 वर्ष की उम्र के बाद से ही आहार में कैल्शियम की मात्रा बढ़ा देनी जरूरी है। ताकि जब मीनोपॉज के बाद शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन बनना बंद हो तो कैल्शियम बैंक शरीर में पहले से हो। इसके अलावा मिलेट्स भी आहार में अवश्य शामिल करें और सूर्य नमस्कार, धूप में बैठने को दिनचर्या का हिस्सा बना लें। एंस्ट्रोजन हॉर्मोन की कमी के कारण महिलाओं में हृदयाघात भी अधिक होता है। 

मीनोपॉज के बाद हो जाती है याददाश्त कमजोरः डॉ. जयदीप मल्होत्रा।

टैक्निकल सत्र में पूर्व अध्यक्ष डॉ जयदीप मल्होत्रा ने बताया कि मीनोपॉज के बाद बहुत बार महिलाओं की याददाश्त पर गहरा असर पड़ता है। जब समस्या बढ़ जाती है और जीवन में एकाकीपन अधिक होता है तो ये अल्जाइमर का रूप ले लेता है। मीनोपॉज हार्मोन थैरेपी से समय रहते इलाज संभव है। 

12 शाेधपत्र हुए प्रस्तुत।

कॉन्फ्रेंस के पहले दिन आगरा मीनोपॉज सोसायटी की अध्यक्ष डॉ रुचिका शर्मा, डॉ निधि बंसल, डॉ अंजू शर्मा और डॉ अपेक्षा के निर्देशन में 12 पीजी के छात्रों ने शाेधपत्र प्रस्तुत किये। जिनमें आगरा, विजयवाड़ा, मथुरा के छात्र शामिल थे। जिनमें बताया गया कि मीनोपॉज के बाद यदि ब्लीडिंग होती है तो ये कैंसर का एक लक्षण भी हो सकता है। उड़िसा से आए डॉ हारा पटनायक और डॉ श्रेयांश चाहर ने बताया कि पेशाब में जलन या खुजली की समस्या को हार्मोन थैरेपी से सही किया जा सकता है। 

इन कैंसर में न दें हार्मोन थैरेपीः डॉ. अंजुला भार्गव।

सत्र के दौरान अलीगढ़ से आईं डॉ अंजुला भार्गव ने बताया कि कुछ कैंसर में हार्मोन थैरेपी नहीं देनी चाहिए। जैसे ब्रेस्ट कैंसर जिसमें हार्मोन्स रिस्पेक्टर पॉजिटिव हो, मसल्स कैंसर में एचटीएम नहीं देना चाहिए।